मंगलवार, 17 जुलाई 2012

बाज़ार पॉर्न बेचता है क्योंकि लोग खरीदते हैं सांप से बतियाते हैं अवध भाई ...

आज आपका परिचय हम कराते हैं सिद्धार्थ जी से जो एक अच्छे एष्ट्रोलाज़र है उन्हीं के शब्दों में
"ज्‍येातिष की दुनिया में वर्ष 1997 से हूं। लेकिन कह सकता हूं कि पैदाइशी ज्‍योतिषी हूं। जोशी कभी जाति नहीं होती। भविष्‍य कथन करने वाले पुरोहितों को ज्‍योतिषी की उपाधि मिलती है। जोशी उसी का अपभ्रंश है। हो सकता 


है मेरे पूर्वजों ने कभी ज्‍योतिष का काम किया हो, लेकिन मेरे दादा महज एक चाय की दुकान करते थे और पिताजी 


चिकित्‍सक थे। दादाजी ने कभी पढ़ाई लिखाई में दिमाग नहीं लगाया लेकिन पिताजी न केवल आयुर्विज्ञान का 


अध्‍ययन किया बल्कि ज्‍योतिष में भी खासी रुचि रखी। जब मैं महज डेढ़ साल का था तब पिताजी का सड़क दुर्घटना 


में निधन हो गया था। उनकी डायरियों में कुण्‍डलियां बनी देखी तो समझता नहीं था कि ऐसे खाने क्‍यों बना रखे हैं। 


पहले सोचता था कोई टाइम मैनेजमेंट की ट्रिक होगी। कब ज्‍योतिष के करीब गया और कब इसे विषय के रूप में 


अध्‍ययन करने लगा पता ही नहीं चला। शुरूआत में यह चोरी छिपे था, लेकिन जिन लोगों के फलादेश सटीक पड़े 


उन्‍होंने घर में आकर राज खोल दिया। बाद में साइंस के पैरोकारों की कुण्‍डलियां भी देखी। एक समय ऐसा भी आया 


कि ज्‍योतिष का कार्यालय खोल दिया, फिर उसे बंद कर दिया। यह सोचकर ब्लॉग में लिखना शुरू किया कि 


चर्चाओं का दौर ज्‍योतिष को अधिक समृद्ध करेगा। अब तक ज्ञान देने वाले सभी गुरूओं को शत-शत नमन्। अब 


कुण्‍डली विश्‍लेषण करने के लिए एक वेबसाइट बनाई है। इसमें कई ज्‍योतिषियों को जोड़ा है। एक निश्चित फीस 


लेकर जातकों की कुण्‍डली का तार्किक विश्‍लेषण किया जाएगा। आप भी आमंत्रित है मेरी नई वेबसाइट पर इसका पता है

http://www.parasharas.org/

इसी वेबसाइट का हिन्‍दी वर्जन भी साथ ही तैयार किया गया है। यहां आपको दैनिक फलोदश नियमित 

रूप से मिलेंगे। मेरा मोबाइल नम्बर: 09413156400 है। सशुल्‍क फलादेश के लिए संपर्क किया जा 

सकता है
आगत की आहट को लेकर सोच रहा था- मेरा मन भी इन आहटों को जरूर इन्होने ही बुलाया होगा !.. और हरियाली अमावस से डर सहमा मैं जाने कैसे  मुस्कराना सीख  गया . फ़िर सोचने लगा शब्द तो कुली हैं इन कुलियों को अकारण क्यों परेशान करूं. तभी एक बूढ़ा हँसता हुआ दिखाई दिया. जो हरजाई, हरफ़नमौला, हरकारा था. सच सावन का महीना  कितना मादक होता है.. आज़ समझ सका. पर ऐसे मादक महीने में ये क्या कुछ लोग जैसे अविनाश वाचस्‍पति जैसे लोग नारा लगा रहे हैं  दारू का बोलबाला : आप भी आकर भर लें प्‍याला - .. हम ब्लोगर हूँ..... कछू भी बोलूं तुमसे क्या….? होश आने के बाद करेंगे भूल-सुधार अभी तो बात टायगर की करते हैं.  टाइगर को पता लगी मीडिया की बेबसी,लाचारी को रंगमंच... पर  देखे लेते हैं. खेती में महिलाओं के योगदान का नीति को समझने समझाने की कोशिश में हूं.तब तक आप  सुबीर संवाद सेवा –के ज़रिये गज़ल-वज़ल सुनिये सुनवाईये.
http://www.bamulahija.com/
       अब पाबला जी की उमर क्या है बताएं तो ज़रा……. आप सोच रहे हैं कि बेहूदा सवाल है.. हां है.. क्यों कि पाबला जी का पुनर्ज़न्म हुआ दो बरस पहले ……
सांप से बतियाते हुए डा.अवध तिवारीजबलपुर 
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                          कहानी किस किसकी  सुनाएं भाई.. भारत के प्रेसिडेंट कौन होंगे एल.बी.ए. अपने प्रेसीडेंट को चुन लिया हरदिल अज़ीज़ Dr. Mahfooz Ali  JBA/ABA/BBA/MBA/RBA वाले ब्लागर्स भी अपने अपने प्रेसीडेंट को चुनें.. ताकि सियासती लोग समझें हम ब्लागर कित्ते संज़ीदा और अच्छे हैं..प्रेसीडेंट चुनने में. 
                             जागरण जंक्सन  एवम फ़ेसबुक पर हिंदी-ब्लागर्स समूह को एक झलक देख तो आएं.. फ़िर पता लगाते हैं कि किसे दामाद चाहिये और किसे....लोकपाल........ 
                      





     मेरा मत -
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2 टिप्पणियाँ:

आधी रात में यह सब जानना अलग ही अनुभव रहा। सिध्‍दार्थजी से चर्चा रोचक और ज्ञानवर्ध्‍दक है तो अवधजी के बारे में जानना रोमांचक।

मेरे ब्‍लॉग को स्‍थान देने के लिए सदैव की तरह धन्‍यवाद और आभार।

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