रात को आंधी तुफ़ान के कारण विद्युत व्यवस्था भंग होने से वार्ता समय पर नहीं हो सकी। समय कम है मुझे भी आफ़िस जाना है, अब कुछ लिंक मैं सूर्यकांत गुप्ता आपको दे रहा हुँ, जो मैने पढे हैं। चलते हैं फ़टाफ़ट सेवा में, प्रारंभ करते हैं राजीव तनेजा जी के व्यंग्य से.............
घंटा…मेरे बाबा जी का***राजीव तनेजा*** “ठक्क……ठक्क- ठक्क”…. “ओ….कुण्डी ना खड़का …सोणया सिद्धा अन्दर आ"… “ठक्क……ठक्क- ठक्क”…. “अरे!…कौन है भाई?….ज़रा रुको तो सही…अभी खोलता हूँ…..पहले...