नमस्कार, कहते हैं कि पढने लिखने की कोई उम्र नहीं होती। व्यक्ति में इच्छा होनी चाहिए वह किसी भी उम्र में अध्ययन कर सकता है।अध्यापक,वकील और न्यायाधीश रह चुके भोला राम गुवाहाटी से सौ वर्ष के छात्र बने हैं । इन्होने पी एच डी के लिए दाखिला लिया है। यह सम्भवत: किसी भी भारतीय विश्व विद्यालय के लिए सबसे उम्र दराज छात्र हैं। इनके परिजनों और मित्रों ने शनिवार को इनका 100 जन्मदिन मनाया। ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र की सीमा नहीं होती। अब चलते हैं आज की वार्ता पर........
सबसे पहले खबर है कि खली ने तोड़ी बिग बॉस के शौचालय की छत खली को शौचालय छोटा पड़ गया और उसने तोड़ डाली छत। अब आगे देखते हैं कि जनाब क्या-क्या तोड़ते हैं और क्या-क्या छोड़ते हैं।बिग बॉस-4 के घर में 'द ग्रेट खली' को कई समस्याओं के साथ दो-चार होना पड़ रहा है। इनमें से एक बड़ी समस्या यह है कि खली बिग बॉस के वॉशरूम में ठीक से खड़े भी नहीं हो सकते। हालांकि डब्ल्यू डब्ल्यू ई के रेसलर क...स्वाभिमान टाईम्स में ‘हँसते रहो’17 अक्टूबर 2010 को स्वाभिमान टाईम्स में हँसते रहो कहते हुए पूछा जा रहा कि बच्चन जी..आप पहले सही थे या अब गलत हैँ? Monday, 21 December 2009 बच्चन जी..आप पहले सही थे या अब गलत हैँ?
स्वप्न वासवदत्ता - अंक 1स्वप्नवासवदत्ता महाकवि भास रचित छः अंकों का रोचक संस्कृत नाटक है जिसका हिन्दी रूपान्तर यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है। किसी नाटक का रूपान्तर करने का यह मेरा प्रथम प्रयास है अतः त्रुटियाँ होने की बहुत अधिक सम...बगड़ की रामलीला का रंगमंच और चलचित्रपिछली पोस्ट के वादे के मुताबिक आपके सामने पेश हैं बगड़ रामलीला मंचन (अभिनय) का सजीव चित्रण यहा पर पहली क्लिप में बगड़ रामलीला की आरती का दृश्य है। और दुसरी क्लिप में रावण विभीषण संवाद आप इस संवाद में रावण ...
मुलाकात राधा कृष्ण जी सेशायर मजबूर की पंक्तियाँ हैं--"सीधे आये थे मेरी जां, औन्धे जाना, कुछ घड़ी दीदार और कर लूँ।" उन्होंने ये संभव तय किसी प्रेम करने वाले के लिए लिखी हों। हम तो इनको "नानी बाई रो मायरो "सुनाने आये राधा कृष्ण ...प्रदेश कांग्रेस प्रभारी नारायण सामी को कालिख पोताप्रदेश कांग्रेस के डेलिगेट्स की बैठक लेने आये प्रभारी नारायण सामी को चार लड़कों ने कालिख पोत दी
जज्बात दिल में अगररोटी खाने को कम है बची थालियाँ बात रोने की है और बजी तालियाँ जिन्दगी में भरोसा न टूटे कभी अच्छी बातें भी लगती तभी गालियाँ फर्क ससुराल, शमशान में कुछ नहीं खोजने से जहाँ न मिली सालियाँ थी हुकुमत की कोशिश नह...अज्ञातवासभीड़ से अनंत प्रकाशवर्ष दूर सृजित निर्जन मन पर वास हे मानव ! यह निर्लज्जता है या तुम्हारा अज्ञातवास ! २. इच्छा (एं) अतृप्त यात्रा पर है छोड़ सभी भाव वेदनाएं साथ लिए थोड़ी स्मृति थोडा समय थोडा "...
बच्चों का मनोरंजन भी करती है रैना फाउण्डेशनऑरफन के बच्चों के साथ रॉबिन रैना * * आज *भी ऎसी कई सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं हैं जो गरीब बच्चों के उत्थान के लिए तन -मन - धन से काम कर रही हैं । ये संस्थाएं ना सिर्फ बच्चों के खान - पान व शिक्षा ..."गरीबी" रह जाती है बनके हमेशा नेताओं की "मसखरी" गरीबी" रह जाती है बनके हमेशा नेताओं की "मसखरी" * (१) आज की विकराल समस्या मँहगाई, बेरोजगारी भूखमरी इनके तले दबी "गरीबी" रह जाती है बनके हमेशा नेताओं की "मसखरी" (२) कुदरत ने भेजा है हमें बाकायदा दिलो दि...
पिता तुम्हें नमन !आज से १९ साल पहले मेरे जन्मदाता ने मुझे छोड़ा था और उसके ठीक ७० दिन बाद मेरे इस पिता (ससुर ) ने जो धर्मपिता भी होते हैं. आदमी को याद तो किया जाता है लेकिन कुछ ऐसे लोग होते हैं कि ...बिडंबना !भई, अगर बनाकर रखोगे इसतरह दुश्मन की कातिल औलाद को, घर अपने घर-जवाई ! तो फिर कसाब तो, थूकेगा भी, हंसेगा भी, और नखरे भी दिखाएगा, पसर बैठ, ले-लेकर जम्हाई !! * * आम-जन हों भले असुरक्षित, मगर उसकी हिफाजत को लगा .
आज हर स्तर पर अधिकारों का दुरूपयोग हो रहा है !! दुर्गापूजा में शहर से बाहर थी , कई दिनों बाद बोकारो लौटना हुआ , इस वर्ष देशभर में दुर्गापूजा के साथ साथ कॉमनवेल्थ गेम्स की भी धूम रही। इस कार्यक्रम की सफलता ने जहां पूरी दुनिया के समक्ष भारत का सर ऊंचा क..."फिलहाल जांच चल रही है"लाधु सुबह निकलता और दोपहर होते-होते अपने ऊंट गाड़े से पीने का पानी लेकर अपने छोटे से गाँव पहुंचता था, ये दिनचर्या थी लाधु की। पिछले साल की घटना है जब लाधु पानी लेकर लौट रहा था तो लाधु ने देखा की कुछ ल...
मुद्दों की भीङ में मुद्दे की तलाशलोग मुझसे पूछते है अक्सर लिखना क्यूँ छोङ दिया...मेरा जवाब एक सा ही रहता है...मन नहीं करता...बस। पर फिर ये सवाल बार बार ज़हन में आता है कि क्या सच में केवल यहीं कारण है मेरे न लिखने का? लेखन न केवल मेरे प..नादाँ है निर्धन का बच्चा फिर भूखा सो जाएगासबकी अपनी-अपनी मंजिल होती है. पूरा जीवन उसे पाने की यात्रा है. किसी को धन चाहिए, किसी को भवन चाहिए. किसी को यौवन चाहिए. किसी को अधिकार, किसी को अनेक लोगों काप्यार..तरह-तरह कि मंजिलें हैं. मुझे दूसरों की म...
'भारत माता नहीं, भारत नानी'कैरिबियाई देश त्रिनिडैड एंड टुबैगो की भारतीय मूल की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने बीबीसी हिंदी के राजेश प्रियदर्शी के साथ एक विशेष इंटरव्यू में भारत के साथ अपने भावनात्मक संबंधों पर विस्तार से बात की...एल्लो जी, फिर आ गया मैंलो जी आ गया फिर मैं...ब्लॉगिंग से दस दिन की फोर्स्ड लीव से...इन दस दिन में सिर्फ बाल नोचने के अलावा कर क्या सकता था...सेक्टर का टेलीफोन एक्सचेंज जल कर राख हो गया...बारह दिन से न लैंडलाइन फोन और न ही ब्रॉडब...
सस्ता क्यों रोये भला?महंगे की राह छोड़ कर सस्ती तरफ चलें चीज़ें वही लें यार हम जो जो मुफ्त मिलें सौदे में लेन लेन हो देना न हो कभी देने की बात आये तो फर्जी डगर चलें भूखों में बाँट दें अनाज ऐसे गधे नहीं गोदाम में भले वही बरसों बर..."ऊर्जा और विस्फोट" यादवचंद्र के प्रबंध काव्य "परंपरा और विद्रोह" का अठारहवाँ और अंतिम सर्ग भाग-2या*दवचंद्र पाण्डेय के प्रबंध काव्य** "परंपरा और विद्रोह" के सत्रह सर्ग आप अनवरत के पिछले अंकों में पढ़ चुके हैं। प्रत्येक सर्ग एक युग विशेष को अभिव्यक्त करता है। उस युग के चरित्र की तरह ही यादवचंद्र के क...
चलते-चलते एक व्यंग्य चित्र
वार्ता को देते हैं विराम--सभी को ललित शर्मा का राम राम..................
10 टिप्पणियाँ:
आज की ताजा खबरों की तर्ज पर--एक नजर डाल ली अब काम से लौट कर बाकी ....
बढ़िया चर्चा
बहुत ही अच्छी रही वार्ता आज की भी...
आभार ..
thank you so much for few news that I was knowing of...
बिलकुल सही कहा ललित दादा ........कुछ भी सीखने के लिए उम्र कभी भी बाधा नहीं होती .....बस बन्दे में सीखने की लगन होनी चाहिए !
उम्दा वार्ता के लिए आभार !
एक बार फिर बढ़िया वार्ता ..आभार.
गागर में सागर वाली कहावत चरित्रार्थ कर दी आपने।
सुंदर चर्चा के लिए बधाई |
आशा
बहुत सुंदर चर्चा जी
Behad umada hee kahoonga
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