शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

आज़ की इमरजेंस वार्ता : बज़्ज़ इन दिनों समीर बाबू के आगमन को लेकर हलाकान है. ..

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महेंद्र मिश्रा जी की पोस्ट


बज़्ज़ इन दिनों समीर बाबू के आगमन को लेकर हलाकान है. ...17 घण्टे उनके कैसे कटेंगे ट्रेन में. इस सूचना पर चर्चा चल ही रही थी कि . अनुष्का को साथ लेकर मेरी (हमारी) छुटकी बहना रानी विशाल दामाद साब सहित आने की खबर आने लगी उधर जर्मनी वाले दादाजी  भी बोरा फ़ट्टा बांध के पराये-देश से ही ब्लागर्स मिलन का सपना लेकर पधारने वाले हैं.  अपने देश तैयार इन्डिया आने को इधर इंडिया की स्थिति देखिये   यह पुलिस वाले हैं या फिर जल्लाद जालंधर के भोगपुर थाने में  धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए लाये गये एक व्यक्ति के साथ लेकिन पुलिस वालों ने उसके साथ जानवरों जैसा सुलूक किया। आरोपी को थाने के एक कमरे में जमीन पर लिटा दिया गया और फिर उसकी जेब से पर्स और कागज निकाल लिए गए। एक पुलिस वाले वाले ने उसको ऐसे दबोच लिया कि वो उठ ही न पाए और फिर दूसरे पुलिस वाले ने उसके शरीर पर इतनी बेहरमी से बेल्ट बरसाईं कि हिल तक नहीं सका।(इंडियन-सिटिज़न)बहुत चिंतित हैं.कनाडा वाली मोनिका जी भी भारत को खूब मिस करतीं हैं. ज़रा देखिये तो उनका ब्लाग. "परवाज़: शब्दों के पंख
    
   सच सभी को अपनी जन्म भूमि  कितनी याद आती है इसकी तड़प का एहसास कितना रुलाता होगा इसका एहसास हमें कैसे हो सकता है. 
                  खैर चौखट में अपना नाम तो नहीं है जिनका है वो देख आवें हम देख आये नम हो न हो पोस्ट बेहतरीन है तभी तो छापी है गगनांचल ने.. गोस्वामी बहनजी बज्ज़ पे आते ही मैं तो ऐसिइच्च हूं की आवाज़ लगातीं हैं उससे कुछ हट के   श्रवण शुक्ला ने अच्छी कविता लिखी है जीवन एक संघर्ष में ज़रूर देखिये.शास्त्रीय संगीत के लिये ब्लाग इंडियन रागा का दौरा इस प्रवेश द्वार से होगा जी =>"indian raga"फिलहाल  दीपाली  नाग  की  साधना  में  खो  जाइए . देशनामा पर पाबला जी के हवाले से जिस बात का खुलासा किया खुशदीप जी ने वो वास्तव में परा-शक्ति के अस्तित्व का  एहसास दिलाने वाली बात है.  बात गम्भीर हो चली तो चलिये मिल आते है सुबीर संवाद सेवा..केन्द्र जहां मुशायरे का आनंद लीजिये और अलबेला जी की प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु इधर पहुंचिये जी. जबलपुर में विवेचना का नाट्य समारोह जारी है. रपट मिलेगी हिन्दी साहित्य संगम पर. समयचक्र पर मिश्रा जी की पोस्ट अवश्य देखिए .....ओह उब गये हैं ... मन अब राम राम करने को चाहता हैं...!!
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 मेरी प्यारी बहना 
आज मन कर रहा है कि मैं दू तुम्हे कुछ न कुछ 
पर क्या दू है ही क्या पास मेरे 
हूँ तो एक छोटा सा कवि
कविता ही है मेरे पास 
दुआए ही दे सकता हूँ खुदा कि इच्छा से 
जो रक्खे सदा तुम्हे खुश 
तुम्हारे नए जीवन में ,(आदत मुस्कुराने की पर संजय भास्कर )
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अंत में आज़ का राशि फ़ल देखिये और मुझे विदा दीजिये सादर अभिवादन  आज़ भाई ललित के नेट की तबीयत बहुत खराब है सो आज़ की इमरजेंस वार्ता इस सूचना के साथ समाप्त की जाती है कि संस्कारधानी जबलपुर के दो युवा पत्रकार  अजय त्रिपाठी एवम धीरज़ शाह की वजह से जबलपुर का  डिज़िटल अखबार की दुनियां में प्रवेश हो ही गया है.

22 टिप्पणियाँ:

सुबह सवेरे कई लिंक्स मिल गए .. एक अच्‍छी वार्ता के लिए आभार !!

एक अच्‍छी वार्ता के लिए आभार !!

अच्‍छी वार्ता के लिए आभार

बहुत अच्छी वार्ता प्रस्तुत की........... सभी लिंक्स अच्छे हैं।
‘परवाज़ ’ को शामिल करने के लिए..........धन्यवाद

बढ़िया लिंक दिए हैं गिरीश भाई ! शुभकामनाएं आपको !

बज्ज की परेशानी का हल छोड़ यहाँ चर्चा में मगन हैं आप...

वैसे बकिया लिंक बेहतरीन दे दिये हैं.

वाह गिरीश दादा-वार्ता तो आप गजब ही लगाते हैं।
मान गए उस्ताद

बहुत अच्छी वार्ता प्रस्तुत की........... सभी लिंक्स अच्छे हैं।
‘आदत.. मुस्कुराने की ’ को शामिल करने के लिए..........धन्यवाद

एक अच्‍छी वार्ता के लिए आभार !

बढ़िया लिंक दिये हैं.बेहतरीन वार्ता प्रस्तुत की...........

बहुत उम्दा वार्ता ...बहुत लोगों के कार्यक्रमों का पता चला .

बज़्ज़ इन दिनों समीर बाबू के आगमन को लेकर हलाकान है. ...17 घण्टे उनके कैसे कटेंगे ट्रेन में. कनाडा से ट्रेन मे आ रहे हे? अजी पहले बताते तो हम भी इसी ट्रेन से आ जाते.
बहुत सुंदर चर्चा धन्यवाद

गिरीश दादा , इस बेहद उम्दा ब्लॉग वार्ता के लिया आपका बहुत बहुत आभार !

न दादा जी समीर भाई ने एक बज़्ज़ फ़ैंकी बज़्ज़ पै कि दिल्ली से जबलपुर का 17 घंटे का सफ़र कैसे कटेगा
हम ने उनको बताया कि उनकी (समीर जी की)३४ पुरानी सखियों को सूचना दे दी है. आधा-आधा घंटे बतिया लेना और भी कई लोग नुस्खे लेके आये थे. देखो न उनकी बज़्ज़
ताज़ा-पोस्ट ब्लाग4वार्ता
एक नज़र इधर भी मिसफ़िट:सीधी बात
बच्चन जी कृति मधुबाला पर संक्षिप्त चर्चा

सुन्दर वार्ता ....अच्छे लिंक्स.

बहुत अच्छी वार्ता !!!!

@ओह उब गये हैं ... मन अब राम राम करने को चाहता हैं...!!

ब्लॉग पढ़ना है न उबाऊ कार्य.......

परिवार के लोग समझते हैं.... हम कोम्पुटर पर बैठ कर मस्ती करते हैं.

बहुत बढिया चर्चा, शुभकामनाएं.

रामराम.

एक अच्‍छी वार्ता के लिए आभार !!

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