सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

ब्‍लॉगवाणी के बाद अब चिट्ठा जगत में भी समस्‍या .. ब्‍लॉग 4 वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , ब्‍लॉगरों के सामने नई नई समस्‍याएं आती ही जा रही हैं , ब्‍लॉगवाणी के बाद चिट्ठा जगत में भी जाने क्‍या तकनीकी गडबडी हुई है , आज सुबह से ही यह साइट नहीं खुल रही है। 15,000 से अधिक चिट्ठों वाले हिंदी ब्‍लॉग जगत में एक अच्‍छे एग्रीगेटर की कमी अखरने वाली तो है। इस हालत में जब पुराने ब्‍लॉगर पाठकों की कमी महसूस कर रहे हैं , तो नए ब्‍लोगरों की समस्‍याओं को तो समझा ही जा सकता है। उनको प्रोत्‍साहित करने वाला कोई वातावरण ही नहीं बन पा रहा। प्रति सप्‍ताह मैं चिट्ठाजगत से आए संदेश के आधार पर कुछ नए चिट्ठों का परिचय आप सबों को करवाती आ रही हूं। इसी सिलसिले को आगे बढाते हुए आज वार्ता करने बैठी तो भेजे गए संदेशों में से चिट्ठों के लिंक भी नहीं खुले , इसका अर्थ यह है कि हमारे इन्‍बॉक्‍स में भी चिट्ठाजगत के पुराने लिंक नहीं खुल रहे हैं। इससे पहले अपने ब्‍लॉग में चिट्ठाजगत के आइकनों को भी काम नहीं करते पाया था , मतलब कि चिट्ठाजगत में बडी खराबी आ गयी है , हम जल्‍द से जल्‍द इसकी तकनीकी खराबी को हल किए जाने की कामना करते हैं। शिवमजी से मैने वार्ता करने का वादा किया है , नए चिट्ठों की वार्ता में तो समस्‍या आ गयी , आज नजर डालते हैं कुछ पुराने चिट्ठाकारो के द्वारा पोस्‍ट की गयी रचनाओं पर .......... 


वो चली थी,
शान से, 
इठलाती,
चुलबुलाती,
बलखाती, 
वेग था,
गति थी,
झंकृत मन से 
अपने प्रिय से मिलने को 
आतुर थी,
रास्ते में, कुछ ढूह मिले 
नगरों के,
जिन्होंने उसे पाट दिया
अन्दर तक,
कैसे बढ़ती आगे ? 
मुन्ना भाई : ओए सर्किट! अमरिका का रष्ट्रपति किधर को रहता है इच!
सर्किट : धोबीघाट (DHOBIGHAT) पे भाईi!
मुन्ना भाई : धोबीघाट (DHOBIGHAT) बोले तो …….?
सर्किट : भाई ! इंगलिश में उसको …. …. वाशिंगटन (WASHINGTOWN) कहते है ना 

काव्य की परिभाषा के बाद आचार्य मम्मट ने काव्य के भेदों का निरूपण किया है। हालाँकि अन्य आचार्यों ने इस प्रकार का भेद नहीं किया है। काव्य प्रकाश में काव्य के तीन भेद बताए गए है:-
(1) उत्तम (2) मध्यम और (3) अधम काव्य
उत्तम काव्य की परिभाषा करते समय आचार्य मम्मट लिखते हैं:-
'इदमुत्तममतिशायिनि व्यङग्ये वाच्याद् ध्वनिर्बुधै: कथित:।

क्या आप जानते हैं , आजकल मनुष्य की औसत आयु क्या है ?
यानि लाइफ एक्स्पेकटेंसी एट बर्थ
सत्तर साल --महिलाओं में ७० से ज़रा ज्यादा , पुरुषों में ७० से ज़रा कम
लेकिन क्या आप ८० साल की उम्र तक जीना चाहेंगे ?
अस्सी इसलिए कि ८० के होने पर सरकारी सेवा-निवृत लोगों को सरकार २० % अतिरिक्त पेंशन देगी
 
 
अपने कंप्यूटर के किसी भी फोल्डर में अपने फोटो का आईकन अगर आप लगाना चाहते है तो "इमेज आईको" नाम का ये सॉफ्टवेर आप की मदद कर सकता है |
किसी फोटो को आईकन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पहले फोटो को .ico यानि आईकन के फोर्मेट में बदलना पड़ता है फिर आप उसको आईकन के तौर पर इस्तेमाल कर सकते है |
 
लौंग, जिसे कि लवांग के नाम से भी जाना जाता है,  Myrtaceae परिवार से सम्बन्धित एक पेड़ की सूखी कली को कहते हैं जो कि खुशबूदार होता है। दुनिया भर के व्यञ्जनों को बनाने में प्रायलौंग का प्रयोग एक मसाले के रूप में किया जाता है। लौंग का उद्गम स्थान इंडोनेशिया को माना जाता है।  


आपको जानकर हैरानी होगी कि कांग्रेस जैसा राष्ट्रिय सत्ताधारी दल सायबर संसार में अपने विरोधी की लोकप्रियता भुनाने में लगा है , जी हाँ ! कांग्रेस सायबर संसार में अपने आप को स्थापित करने के लिए बीजेपी.कॉम (bjp.com)के नाम का सहारा ले रही है |यदि आपको भरोसा नहीं हो तो अपने ब्राउजर में www.bjp.com टाइप कर देखिये लिखते ही कांग्रेस की साईट खुलेगी |
असित सी. मेहता के नितिन कुमावत ने बताया कि आईडीएफ़सी बॉन्ड के साथ उनकी कंपनी डीमैट अकाऊँट फ़्री में उपलब्ध करवा रही है, और अगले दस वर्षों तक कोई ए.एम.सी. शुल्क भी देय नहीं होंगे, बशर्ते उस डीमैट अकाऊँट में और कोई ट्रांजेक्शन न किया गया हो। वैसे यह डीमैट अकाऊँट साधारण ही होगा, एक बार खुलने के बाद आप इसमें अपने शेयर, ईटीएफ़ और म्यूच्यल फ़ंड के ट्रांजेक्शन भी कर सकते हैं

जगमग करती इमारत  
और सामने खड़े
पूरे देश के स्वाभिमान दद्दा ध्यान चंद


भला जान बचाना कब से कानूनन जुर्म हो गया। नहीं, फिर क्‍यों विदेशी इसी बात पर बावेला मचा रहे हैं कि सांप आया, सांप मिला। हमने किसी को काटा भी नहीं है। हमसे जहरीले तो लोग हैं, इनका जहर देखते ही बनता है। बिना काटे, सिर्फ देखने से ही असर कर जाता है। फिर क्‍यों खेलगांव में खेलने-रहने जान बचाने के लिए सांप के आने पर मीडिया, सबके साथ मिलकर हल्‍ला मचा रहा है।

आज आकाश तारों भरा।
मौन होकर निहारे धरा।।
असंख्य अलौकिक दीप आतुर,
दमकने दो ज्योति जरा।
मौन होकर निहारे धरा।।
एकाकी सप्तर्षि ने मुस्करा कर,
आज किसका मन हरा।
मौन होकर निहारे धरा।। 

ज़ुर्ग कहते हैं कि बिना आखों देखी बात का भरोसा करना और उस पर अपनी राय कायम कर लेना आदमी की सबसे बड़ी बेबकूफी होती है .हिन्दुस्तानी समाज में एक कहावत कम से कम बच्चा होश सम्हालने के तुरंत बाद सुनना शुरू कर देता है, वो है " कान पर कभी विश्वास मत करो या सुनी -सुनाई बातों का भरोसा कभी मत करो . लेकिन हम भारतीय इन बातों को सिर्फ दूसरों पर इस्तेमाल करने के लिए ही सुनते हैं.अपनी असल ज़िन्दगी में इन पर अमल करने का सवाल ही नहीं पैदा होता

ईश्वर को साधारण प्रिय है
बार बार रचता क्यों वरना
खास बनूं यह चाह नहीं है
मुझको भी साधारण रहना
न अति ज्ञानी न अति सुन्दर
मिल जाऊँ सबमें वह गहना

चलिए इस बार ब्लॉग के बहाने थोड़ा और नेट सैवी हो जाएं. नो पॉलिटिक्स, नो लिटरेचर, नो सटायर, नो फैंटसी. बस थोड़ा टेक्निकल. कम्प्यूटर है तो इंटरनेट है, इंटरनेट है तो पूरी दुनिया मुट्ठी में. की-बोर्ड पर उंगलियां थिरकी नहीं कि स्क्रीन पर अलादीन के चिराग वाला चिन्न प्रकट हो कर कहता है, हुक्म करो मेरे आका. अलादीन के पास तो एक जादुई चिराग था, 

लोग जब तक जिन्दगी में धक्का नहीं खाते, तब तक चमक नहीं आयेगी उनके व्यक्तित्व में, तब तक वे ऊंचाइयां नहीं छू सकेंगे। यह धक्का काम में असफलता के रूप में हो सकता है या बीमारी के रूप में भी!  

पूज्य एवम प्रियवर
सादर-अभिवादन
विगत कई माहों से शासकीय कार्य दबाव एवम अत्यधिक कार्य से मुझे ब्लागिंग के साथ न्याय करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.यह कार्य  न तो उचित है और न ही इसे मान्य किया जावेगा. चिंतन उर्जा विहीन ब्लाग लिखने की  चिंता से  लिखी गई पोस्ट का स्तर कैसा होगा आप सब जानते हैं. आपसे एक माह तक दूर रहूंगा यद्यपि अर्चना चावजी मिसफ़िट पर तथा दिव्य-नर्मदा वाले आचार्य संजीव वर्मा सलिलभारत-ब्रिगेड पर आते रहेंगे उनको आपका स्नेह मिलेगा मुझे यक़ीन है. 
आपको मेरी याद आये तो मेल ज़रूर कीजिये
सादर
गिरीश बिल्लोरे मुकुल 
 
 कल जीचैट पर अनुराग लॉगिन हुआ, उससे कभी कभार बात होती है लेकिन कल चैट पर काफी देर बात हुई। मुझसे करियर काउंसलिंग से लेकर फैमिली में क्या चल रहा है और क्या पढ रही हो दी, हर तरह के बातें उसने कर डाली। कुछ साल पहले इलाहबाद जाते समय हमें अनुराग ट्रेन में मिला था।

विष्णुजी छीरसागर में शेषशैया पर ऊंघ रहे थे। शेषनाग भी जम्हुआई ले रहे थे। अचानक किसी लहर को ठिठोली सूझी वह झटके से शेषनाग के ऊपर लस्टम-पस्टम होते हुये विष्णुजी से जा लगी। विष्णुजी चिहुंककर जाग गये। लहरस्पर्श का सुख दबाते हुये गीले पीताम्बर के साथ गंभीरता का चोला लपेट लिया। शेषनाग ने मुस्तैदी के साथ कमांडो वाले अंदाज में फुफकार कर सारा पानी फिर क्षीरसागर में डाल दिया।

ब्रिटेन में जनमी-पली उस युवती की सहायता कर हम चल पड़े रात्रि विश्राम के लिए शहर की ओर। दूसरे दिन, 10 जुलाई को समुद्र-तट की ओर आना होगा कि नहीं, इस ख्याल को छोड़ हम 'मार्केट' इलाके में KTC बस स्टैण्ड के पहले ही उतर गए बस से। चमचमाती बहुमंजिला दुकानों व मल्टीप्लेक्स पर नज़रें डालते हुए जब हम पिता-पुत्री, मिडास टच बिल्डिंग स्थित, होटल एवेन्यू के पास पहुँचे तो पता चला कि प्रवेश का रास्ता तो दूसरी ओर है! 
अब विदा लेने का वक्‍त है .. चिट्ठाजगत के ठीक होते ही फिर आप लोगों से मुलाकात होगी .. नए चिट्ठों के साथ ..


14 टिप्पणियाँ:

आपकी चर्चा की शैली देख कर चमत्कृत और प्रभावित हुआ। कृपया बधाई स्वीकारें।
हमारे ब्लॉग को इस वार्ता में शामिल करने के लिए आभार।

उम्दा वार्ता के लिए आभार संगीता जी

एक हफ़्ते से किसी ब्लॉग पर नहीं जा पा रहा हूँ
घर पहुंचते ही सब पर जाऊंगा।

आज बड़े काम के लिंक दिए हैं आपने ...हार्दिक शुभकामनायें !

बहुत अच्छी चर्चा रही ....अब चिट्ठा जगत में भी परेशानी हो रही है ...मुझे लगा था की मैं ही नहीं खोल पा रही हूँ यह साईट ....

अच्छे लिंक्स मिले यहाँ पर आभार ..

चिटठा जगत में भी समस्या: हे ब्लॉगर अब तेरा क्यो होगा?
................
…ब्लॉग चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं।

बहुत बढ़िया रही वार्ता.

भयभीत तो हम भी थे
मगर शुक्र है कि चिट्ठाजगत आज सही काम कर रहा है!
--
आपने ब्लॉग4वार्ता का मंच बहुत सुन्दर लिंकों से सजाया है!

शब्द सभागार को इस महत्वपूर्ण चर्चा में शामिल करने हेतु आपका आभार !

संगीता दीदी, आपका बहुत बहुत आभार इस उम्दा ब्लॉग वार्ता के लिए !

बहुत सुन्दर चर्चा ...
चिट्ठाजगत की समस्या से मैं भी हतप्रभ हूँ ...

आर्ट गैलरी को इस वार्ता में शामिल करने के लिए आभार।

टिप्पणी से अवकाश नही लिया

बहुत सुन्दर वार्ता .....आभार

कई अच्छे लिंक्स मिले...शुक्रिया

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