शनिवार, 12 जनवरी 2013

ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर...ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , काफी समय से लोग देखते व सुनते आ रहे हैं , समय बहुत महत्‍वपूर्ण होता है , कभी हमें एक एक सफलता की सीढियां चढाता है तो कभी धूल धूसरित करने में भी कोई कसर नहीं छोडता। इसी समय को समझने के लिए ज्‍योतिष का अध्‍ययन किया जाता है , सिर्फ जन्‍मकाल के ही नहीं , अभी चल रहे यानि गोचर के ग्रह भी लोगों को खासा प्रभावित करते हैं। 'गत्‍यात्‍मक ज्‍योतिष' इसे समझने का पूरा प्रयास करता आया है। इन्‍हीं ग्रहों के आधार पर मेरे ब्‍लॉग में ढाई ढाई दिनों में लग्‍न आधारित राशिफल प्रकाशित किए जाते हैं , वर्ष और महीने नहीं , दिन तथा घंटे तक की अलग अलग स्थिति में ग्रहों का हमपर भिन्‍न भिन्‍न तरह प्रभाव पडता है, इसका भी खुलासा हुआ है। सूक्ष्‍म तौर पर ग्रहों की स्थिति पर ध्‍यान दिया गया तो महसूस हुआ कि 12 और 13 जनवरी 2013 का शुभ समय शाम साढे सात से 10 बजे तक , अशुभ समय 3 बजे से साढे पांच बजे शाम तथा महत्‍वपूर्ण समय साढे छह से 9 बजे सुबह तक होगा , महत्‍वपूर्ण समय किसी के लिए अच्‍छा तो किसी के लिए बुरा हो सकता है . जबकि शुभ समय अधिकांश के लिए अच्‍छा तथा अशुभ अधिकांश के लिए बुरा होगा। इस जानकारी के बाद चलते हैं आज की वार्ता पर .........

सर्दी देखूँ या सर्दी का बाज़ार देखूँ ....... - *सर्दी देखूँ या सर्दी का बाज़ार देखूँ ....... रंग - बिरंगे स्वेटर टोपी, जैकेट, मफलर शाल, मोज़े, दस्ताने गरम इनर, पायजामे जूते और कोट से जगह जगह पटा हुआ ब...हाय! कैसी है ये प्रेम के बाजूबंद की अठखेलियाँ………… - धडकनों के मौन आकाश पर गुंजित तुम्हारा प्रेमराग स्पन्दित कर नव चेतना भर गया और शब्द झंकृत हो गये भाव निर्झर बह गये हाय! कैसी है ये प्रेम के बाजूबंद की अठखेल...शाकाहार (निरामिष) ही क्यों ? - *शान्ति का समुचित उपाय, अहिंसा* सम्पूर्ण जगत में प्रत्येक जीव के लिए सुख का आधार शान्ति ही है। शान्ति का लक्ष्य अहिंसा से ही सिद्ध किया जा सकता है। संसा...सिंघा धुरवा का गुमशुदा - बोरिद पहुंचकर भूख लगने लगी थी पर हमारे पास भोजन का कोई साधन नहीं था। स्कूल के समीप हैंडपंप पर पानी पीने के लिए रुकना पड़ा। मैं मंगतु यादव की परछी में जाकर ...नाम की महिमा - नाम से ही मनुष्य की पहचान होती है. होना तो यह चाहिए कि यथा नाम तथा गुण हो, पर ऐसा कम ही हो पाता है. हास्य कवि काका हाथरसी ने ऐसे विरोधाभाषी नाम-गुणों की फ...

फिल्‍म रिव्‍यू : मटरू की बिजली का मन्‍डोला - [image: matru ki bijlee ka mandola film review] मुद्दे का हिंडोला -अजय ब्रह्मात्‍मज देश के सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे संवेदनशील फिल्मकारों को झकझोर रहे हैं...एक खिड़की - (मौसम बदले, न बदले... हमें उम्मीद की कम-से-कम एक खिड़की तो खुली रखनी ही चाहिए. अशोक वाजपेयी की कविता, ऑनरी मातीस की कलाकृति 'द ओपन विंडो' के साथ) मौसम ब...शहीद के मन की - कैसे तुझे बताऊँ माँ हूँ मैं कितना खुश किस्मत जब तक जिया कर्तव्य से पीछे न हटा सर्दी से कम्पित न हुआ गर्मी से मुंह ना मोड़ा अंत तक हार नहीं मानी की सर...हुन धीयां दी लोहड़ी मनाइए - लोहड़ी मनाने के साथ कोई पौराणिक परंपरा नहीं जुड़ी हुई है,पर इस से जुड़ी प्रमुख लोककथा दुल्ला भट्टी की है जो मुगलों के समय का बहादुर योद्धा था |कहा जाता हा...

पैमाने में भरकर अलसाये दर्द को, इस तरह न छलकाया करो... - *दरिया-ऐ-इश्क,प्रीत दर्शाने की फरमाइश मुझे अच्छी नही लगती,* *दिल की बात लव पे लाने की सिफारिश मुझे अच्छी नहीं लगती। * * * *मंजूर वही हमको,बे-गरज ज...मेरा नौकरीपेशा जीवन-2 - मेरा नौकरीपेशा जीवन-1 मैं और रोहित ट्रेन से दोपहर होने तक कुरुक्षेत्र पहुंचे। यहां एक प्लेसमेंट एजेंसी है जिसके मैसेज हमारे मोबाइल पर अक्सर आते रहते थे। जब...डाक्टर अच्छा मिले , तो और बात है --- कहते हैं , हँसना और गाल फुलाना एक साथ नहीं होता। लेकिन लगता है कवियों के जीवन में ये प्रक्रियाएं साथ साथ ही चलती हैं। तभी तो ख़ुशी हो या ग़म, एक कवि का धर...वक्त की टूटी घड़ी दीवार पर अब भी धड़कती है -*"वक्त की टूटी घड़ी दीवार पर अब भी धड़कती है , और रिश्ते मर गए हैं सच के सदमें से बोझिल सी रातों में सर्द से हालात सा मेरा वजूद छल चुके अहसास को ओढ़े है इक ...


बस शर्म ही शर्म...और कोई न कर्म - मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के भ्रष्टाचार -- शर्म, शर्म, शर्म . घोटालों की राशि का लगातार बढ़ते जाना -- शर्म, शर्म, शर्म . महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में ल...प्रेमी प्रेमिका, दूध और शक्कर, डायबिटीज -*1.* *प्रेमी प्रेमिका* *दूध और शक्कर* *डायबिटीज* * * * * *2.* *पति व पत्नि* *होते ही बच्चे चार* *लठ्ठमलठ्ठा* * * * * *3.* *धणी लुगाई* *गाडी के दो पहिये*...गुलाबों के दरबार में...... - यूँ ही तो नहीं गुलाब को फूलों के राजा के रूप में नवाजा गया है। मौसम कोई भी हो कड़ाके के गर्मी हो या ठण्ड हर मौसम में राजसी शान-ओ-शौकत और ठाट-बाट के साथ अप...पुरुषों से दोस्ती करें अथवा ना करें ? - संत आसाराम बापू का कहना है की "पुरुषों से दोस्ती की जायेगी तो बलात्कार बढ़ेंगे " इस तरह की बचकानी बात पहले कभी नहीं सुनी ! सभी पुरुष एक जैसे नहीं होते, अतः..

'बिटिया है तो कल है'...इरफ़ान संदेश...खुशदीप - 5 से 7 जनवरी तक दिल्ली के निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन के पास पूर्वा सांस्कृतिक केंद्र (पीएसके) में देश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट इरफ़ान की 9वीं एकल कार्टून ...देहात की बात -[image: gaon] ग्रा मीण अंचल के लिए *गाँव-देहात* शब्दयुग्म का हिन्दी में खूब प्रयोग होता है । “वे दूर *देहात* से आए हैं,” “*देहात* में रहने के अपने फ़ायदे ह...ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर.............! - *दो तरह के मानदंड क्यों?* *हरेश कुमार* बिहार के मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाईटेड के द्वारा पटना के गांधी मैदान में आयोजित अधिकार रैली...भारत की पाक नीति - काफी दिनों से गोलीबारी की छुटपुट घटनाओं को अंजाम देने के बाद अब पाक सेना जिस तरह से बर्फ़बारी का लाभ उठाते हुए आतंकियों को भार...स्वामी विवेकानन्द -1- उठो, जागो और तब तक रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये । ------------------------ 2- जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी क...

अब दीजिए इजाजत .. मिलते हैं एक ब्रेक के बाद .....

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5 टिप्पणियाँ:

बढ़िया वार्ता |कई लिंक्स |साधुवाद मेरी रचना शामिल करने के लिए |
आशा

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