शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

झटका कीजिए न हलाल क्‍यों ... ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

नमस्‍कार, बढ़ते बजट घाटे का रोना रोती केंद्र सरकार ने आखिरकार विष का प्याला पी लिया, डीजल के दामों को बाजार के हवाले कर दिया। डीजल अब हर महीने 50 पैसे महंगा हो जाएगा। सरकार ने इसकी इजाजत दे दी है। महंगा डीजल इस देश के अधमरे किसान को और मार देगा, जबकि महंगी डीजल गाड़ियां दौड़ाने वालों की जेब से कुछ नोट और निकल जाएंगे। हालांकि, रसोई गैस और मिट्टी के तेल पर सरकार ने रहम किया। रियायत वाली रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या 6 से बढ़ाकर 9 कर दी है। दरअसल तेल की धार को अब सरकार ने तेल कंपनियों के हवाले कर दिया है। देखना है आगे आगे और क्‍या क्‍या होता है ?
चलते हैं आज की वार्ता पर .......

अनोखी समरूपता ! - *हिन्द-पाक को लाख अलग दिखलाने की कोशिश कर भी लो,* *फिर भी ये देखिये कि कितनी समरूपता है बीच दोनों के। * *गर फ़र्क ढूंढना **भी **चाहो तो तुम्हें बस इतना...केवल हिन्दू बचेंगे और प्रेम से रहेंगे- गुरु-- "चेला, हिन्दू-मुसलमान एक साथ नहीं रह सकते।" चेला-- "क्यों गुरुदेव?" गुरु-- "दोनों में बड़ा अन्तर है।" चेला-- "क्या अन्तर है?" गुरु-- "उनकी भाषा अलग ह..." दुनिया में रहना है तो, काम करो प्यारे "..." चिंतन नहीं "...!!?? - * " काम " करने वाले सभी मित्रों को मेरा हार्दिक नमस्कार !!* * जब सरकार हमारी " जनहित " के कार्य कर-कर थक गयी ......तब उसे चिंतन करने ...पाकिस्तान ने वादा किया है की वो तमीज से रहेगा - पाक ने बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं ! भारत ने जब सबूत सौपें तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया ! 16 दिनों में 20 बार नियंत्रण रेखा पर युद्ध-विराम का उल्लंघन ...पाक की नीति - भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किये जाने की पाकिस्तानी सेना की बर्बर हरकत के बाद जिस तरह से देश में पाकिस्तान के ख़...


यादों का अंकुश - मन की गलियों में भटकते कई बातें याद आती है तो कभी ऐसा कुछ घटित होता है की उसके बहाने कोई पुरानी बात याद आ जाती है तो कभी किसी पुरानी बात के बहाने कोई का...बे-सबब अपनी आशिकी ठहरी..... - बे-सबब अपनी आशिकी ठहरी. बात यह इश्क की भली ठहरी. हो मुहब्बत में यह पता सबको. कशमकश उम्र भर बनी ठहरी. शुक्रिया ज़िन्दगी! कदम दर कदम, तू मेरे साथ ही चली, ठहर...गीत: आओ! आँख मिचौली खेलें... संजीव 'सलिल' -चित्र पर कविता रचें: गीत: आओ! आँख मिचौली खेलें... संजीव 'सलिल' * जीवन की आपाधापी में, बहुत थक गए, ऊब गए हम। भूल हँसी, मस्ती, खुशियों को, व्यर्थ फ़िक्र में ड...तेल का खेल - *तेल कीमत बढने से महंगाई बढेगी। महंगाई बढने से आम आदमी का तेल निकलेगा और आम आदमी जब तेल देने लगेगा तो महंगाई खुद कम हो जाएगी :- राहुल गांधी*


उनके घरों में शायद न होती हैं बेटियाँ -लेने से ज़न्म पहले ही मरती हैं बेटियाँ, सब बोझ भेद भाव का ढ़ोती हैं बेटियाँ. फ़िरते हैं गुनहगार खुले आम सड़क पर, उनका गुनाह उम्र भर ढ़ोती हैं बेटियाँ. ...शब्द सहम के सो जाते हैं सन्नाटे में - *"शब्द सहम के सो जाते हैं सन्नाटे में , पदचाप सुनायी देती हैं कातिल सी कुछ अंगारे जो सूरज से छलके थे कुछ कहते थे और अगरबत्ती कुछ सहमी सी जलती थी मेरे आँगन मे...अहिरन और '' नींद का समय.'' -अहिरन नदी का रूपान्तरण अकेला या इकहरा नहीं है। बल्कि, वहाँ सेंवधरा में जहां नदी के पानी से बिजली बनाई जाने वाली है, वहाँ गाँव का भी रूपान्तरण हो रहा है...फिजां कह रही है .... -* ****फिजां कह रही है, देख ! कैसे वक्त* *करवट ले रहा है* *ब्रह्मवेत्ता , छद्म - वेत्ता की राह में ,* *ज्ञानी कर वसूल रहा है-* *सन्यासी धर...

ओह ! मेरे किसी जन्म के बिछड़े प्रियतम - मैं राख का अंतिम श्वास बन जाती .......जो तुम होते मैं मुखाग्नि का अंतिम कर्म बन जाती .......जो तुम होते मैं कच्चे घड़े संग चेनाब पार कर जाती .......जो तुम...हर क्षण मन से झरतीं क्षणिकाएं.... - (कुछ बिखरे जज्बातों को समेत कर रख दिया है, बस .......)स्नेह की मृगतृष्णा मिटती नहीं... रिश्तों का मायाजाल कभी सुलझता नहीं. तो मत रखो कोई रिश्ता मुझसे मत बुल...सेनापति वीरु हाथी और डाकू नाटा गीदड़ (बाल कहानी) -मीठे पानी के विशालकाय झरने के किनारे बसा तथा बड़े-बड़े फलदार वृक्षों और अत्यंत सुंदर, रंग-बिरंगे, सुगंधित फूलों के प्यारे-प्यारे पौधों से भरपूर एक हरा-भर...

फेसबुक ने कर डाला ब्लॉगर्स का ब्रेन ड्रेन --- -आजकल एक पुराना हिंदी फ़िल्मी गाना बहुत याद आता है -- *मैं ढूंढता हूँ जिनको , रातों को ख्यालों में * *वो मुझको मिल सके ना , सुबह के उजालों में। * कुछ यही ...नई प्रतिभाओं के लिए सुनहरा अवसर .......... - नवोदित कवियों / कवयित्रियों को उनकी काव्य-प्रतिभा की चमक दिखाने का एक बड़ा अवसर देने के लिए एक शानदार *ऑडियो एल्बम काव्य-कुम्भ * का निर्माण तीव्र गत...ये कटहल है - ये कटहल है इसकी जड़, छाल और पत्ते दवा के तौर पर प्रयोग किये जाते हैं जबकि फल कच्चे पक्के दोनों तरह खाएं जाते हैं। कच्चे कटहल की सब्जी बडे शौक स...खुराक को संतुलित रखने के लिए - खुराक को संतुलित रखने के लिए Colour your plate right विविध रूपा बहुरंगी बनाइए अपनी खुराख को .फल और तरकारियाँ तमाम किस्म के रंजक (Pigments)ही नहीं लिए ह...



अब लेते हैं विदा .. मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ......

6 टिप्पणियाँ:

धन्यवाद संगीता जी, उम्दा वार्ता के लिए आभार

संगीता जी धन्यवाद कार्टून को भी शामिल करने के लिए.

सुन्दर सूत्रों से सजी वार्ता..

सुन्दर लिंक संयोजन

बहुत सुंदर वार्ता ...
आभार...

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