संध्या शर्मा का नमस्कार....शब्दो का अलाव मत जलाओ इनकी जलन से तुम्हारे मन की तपिश शीतलता में नहीं बदलेगी जो शब्द अधजले हैं उनके धुंए से दम घुट जाएगा भावनाओं को आंच पर जिस किसी ने भी रखा है उसकी तपिश से वह भी सुलग गया है भीतर ही भीतर इन भावनाओं की समझ तो है न तुम्हें ये जितना दुलार देती हैं जितना समर्पण का भाव रखती हैं हृदय में उतनी ही निष्ठुर भी हो जाती हैं इनका निष्ठुर होना मतलब पूरी तरह तुमसे मुँह फेर लेना .... भावनाओं को जानना है तो जिन्दगी से पूछना बड़ा ही प्यारा रिश्ता होता है इनका जिन्दगी के साथ ये जन्म से ही आ जाती हैं साथ में फिर मरते दम तक हमारी होकर रह जाती है, जिसकी जैसी नज़र ... !!! ...आइये अब चलते हैं आज की वार्ता पर ....
भूख
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कोहरे से घिरी
कंपकंपाती सुबह,
कंधे पर बड़ा थैला
कूड़े के ढेर में ढूँढ़ती
प्लास्टिक की थैलियाँ,
शरीर पर पतला स्वेटर
अनजान ठंड से
अविश्वसनीय भारत की बेटी.
...अब भी नहीं सुधर रही पुलिस ...
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यह तो कुत्ते की दुम को बारह साल पोंगली में रखने के बाद भी सीधी नहीं होने
वाली कहावत को ही चरितार्थ करती है वरना छत्तीसगढ़ पुलिस का रवैया
पीढि़तों को लेकर...क्या कहूँ अब ?
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क्या कहूँ अब ?
एक प्रश्न बन खड़ा है मेरे सामने
न मैं बची न मेरा अस्तित्व
और फिर किससे कहूँ ?
कौन है सुनने वाला ?
कहने के लिए
दो का होना जरूरी होता है
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दामिनी के साथ ....एक राष्ट्र की मौत
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बात 1975 की है
....बमुश्किल 10 साल उम्र थी मेरी . चंडीगढ़ में रहा करते थे हम लोग .मैं वहाँ ...संवेदनाएं जगाने के लिए किसी क़ानून की जरूरत नहीं
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दामिनी / निर्भया के साहस और बलिदान ने हमारे देशवासियों को जैसे सोते से जगा
दिया है। अब ये बात दीगर है कि कब तक ये आँखें खुली रह पाती है। ...क्या हो बलात्कारियों की सज़ा -- फांसी का फंदा या डॉक्टर की सुई !
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गाँव में अक्सर देखते थे कि कैसे गायों के बछड़ों को ज़वान होते ही पशु
चिकित्सालय ले जाकर *मेकेनिकल कासट्रेशन *करा दिया जाता था। ...
गलत रास्ता
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*गलत रास्ता a short story...*
*मद्धम परीवार में जन्मा नमन, अशोक और सुमन का बेटा है..*
*छोटा परीवार माता -पिता छोटी बहन सिया और नमन...." हम दो हमारे दो" और "छ.. मुबारक हो! नई पार्टी बन गई
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मुबारक हो! आज एक नई पार्टी का गठन हो गया। जी हां, नेशनल कांग्रेस पार्टी के
सह संस्थापक रहे पीएम पीए संगमा ने आज नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का गठन
करते...
रेप और कानून
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दिल्ली में राज्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक
में जिस तरह से रेप के आरोपियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग पर कोई सहमति
नहीं ...
वह सुनयना थी,,,( विक्रम सिंह )
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वह सुनयना थी,
कभी चोरी-चोरी मेरे कमरे मे आती
नटखट बदमाश
मेरी पेन्सिले़ उठा ले जाती
और दीवाल के पास बैठकर
अपनी नन्ही उगलियों से
भीती में चित्र बनाती
अनगिनत.. प्यार की परिभाषा
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तुम्हारे लिए प्यार था
ज़मीं से फलक तक साथ चलने का वादा
और मैं खेत की मेड़ों पर हाथ थामे चलने को
प्यार कहती रही....
तुम चाँद तारे तोड़ कर
दामन में टांकने की...
प्यार के साथी ! सच मानो ...
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प्यार के साथी ! सच मानो
अपनी चुप-सी पतझड़ को , मैं
बस तुमसे ही गुदगुदाना चाहती हूँ
और इस बासित बगिया में
तेरा ही , बांका बसंत खिलाना चाहती हूँ ...
कहो तो !...
जब मिल बैठे गद्दार दो
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लगता है देश एक बार फिर से किसी भयानक हादसे से गुजरने वाला है। देश के
हुकमरान एक बार फिर किसी को पनपने की वो हर परिस्थिति मुहैया करवा रहे हैं,
जो आज से ...
जउन तपही तउन खपही
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संस्कृत शब्द तपस् से हिन्दी शब्द तपस्या या साधना बना. इसके समानअर्थी शब्द
'तपसी' (Ascetic) का छत्तीसगढ़ी में भी प्रयोग होता है. प्रस्तुत मुहावरे के
भावार्...
" ना हम " पश्चिम " के हो पाए-और- ना हम " पूरब " के रहे"...????
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* प्रिय मित्रो,सादर नमस्कार!! " ना हम " पश्चिम " के हो पाए-और- ना हम "
पूरब " के रहे"...???? क्योंकि लाख कोशिशों के बाद भी देश के दुश्मन,जो पहले "
अफगा...
12 टिप्पणियाँ:
अच्छी वार्ता है संध्या जी |
आशा
अच्छे वार्ता लिंक !!
बढिया वार्ता ……… सुप्रभात
बहुत बढिया लिंक्स संजोये हैं।
बहुत अच्छी वार्ता ..
दीदी सुप्रभात बहुत ही सुन्दर वार्ता है चुनिन्दा और बढ़िया लिंक्स हार्दिक बधाई.
बहुत ही बढ़ियाँ लिंक्स है
आभार दी....
:-)
बहुत ही सुन्दर ! आज रविवासरीय अवकाश का आनंद आपकी वार्ता में शामिल शत प्रतिशत रचना का अवलोकन कर लिया गया। कुछ अपने विचार भी रखने का प्रयास किया। ....बहुत ही उम्दा तरीके से प्रस्तुत "वार्ता" के लिए बहुत बहुत बधाई .......
सार्थक वार्ता !
~सादर!!!
अति सुन्दर वार्ता ,हार्दिक आभार..
vaah vimocan saMskRuti vaah
वार्तालाप अच्छा लगा संध्या जी ..जारी रखिये
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