ललित शर्मा का नमस्कार, राहुल सिंह कहते हैं - किताबी प्राचीन छत्तीसगढ़ से पहले-पहल मेरा परिचय एक विवाद के साथ हुआ था, लेकिन जहां तक मेरी जानकारी है, इस विवाद के बाद भी प्यारेलाल गुप्त जी, पुरातत्व की तब युवा प्रतिभा लक्ष्मीशंकर निगम जी (अब वरिष्ठ विशेषज्ञ) के सदैव प्रशंसक रहे और निगम जी भी गुप्ता जी के उद्यम का बराबर सम्मान करते रहे। इस भूमिका के साथ सन 1973 में दैनिक देशबन्धु में प्रकाशित टिप्पणी यथावत प्रस्तुत है… अब चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर, साथ ही पढिए एक उम्दा कविता, पसंद आए तो प्रतिक्रिया अवश्य दीजिए।
मोलई माट्साब - *कभी कभी ऐसा समय सामने आ जाता है जब आप अवाक हो बस देखते रहते हैं। बीच बीच में आँखें मलते रहते...