बुधवार, 12 जनवरी 2011

रिश्ते....वफ़ा... ऐतबार...तेज हवाओं में जैसे जलते चिराग ... अपने ब्‍लॉग का मोबाइल टेम्‍प्‍लेट एक्‍टीवेट.. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

ब्‍लॉग4वार्ता के सभी पाठकों को संगीता पुरी का नमस्‍कार .....

इस खबर को पढने के बाद यह कहा जा सकता है कि देश के युवाओं में जागृति आ रही है ..... प्रदेश की राजधानी लखऊ के छात्रों से संवाद स्थापित करने पहुँचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गाँधी को मंगलवार को महँगाई और भ्रष्टाचार के सवाल पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएसन (आइसा) और इंकलाबी नवजवान सभा के कार्यकर्ताओं की उग्र नारेबाजी का सामना करना पड़ा।

लखनऊ रेलवे स्टेशन के सामने स्थित रवीन्द्रालय सभागार में छात्रों से संवाद के बाद राहुल गाँधी का काफिला जैसे ही सभागार परिसर से बाहर निकला, वहाँ झंडे-बैनर लेकर पहले से जुटे वामपंथी छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार और बढ़ती महँगाई के विरोध में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और उनके काफिले को रोकना चाहा। उन्‍होने कहा कि छात्रों के साथ संवाद का ड्रामा बंद करके उनके लिए रोजी रोजगार की व्यवस्था करो। इस खबर के बाद वार्ता का आनंद लें .......

ब्‍लॉग जगत में तो चहुं ओर ब्‍लॉगर मीट की ही चर्चा है , पवन चंदन जी ने भी खटीमा के ब्‍लॉगर मिलन की चर्चा  की  है , वैसे इससे जुडे सारे लिंक आपको नुक्‍कड के इस पोस्‍ट में मिल जाएगी। विस्‍तार से इसकी रपट पढ सकते हैं आप रूप चंद शास्‍त्‍री जी के मयंक में । गिरीश बिल्‍लौरे जी ने इस समारोह का सीधा प्रसारण किया , जिससे हम सभी , जो वहां नहीं पहुंच सके थे , इससे जुड सकें। चर्चामंच में भी इसके बारे में बहुत सारे लिंक मौजूद हैं। बैंगलौर में भी इंडी ब्‍लॉगर मीट हुई , जिसके बारे में जानने के लिए विवेक रस्‍तोगी जी की यह पोस्‍ट पढें। 

महेन्‍द्र मिश्र जी के समय चक्र में हुई चिट्ठी चर्चा में भी आपको बहुत सारे लिंक मिलेंगे। अजय कुमार झा जी की खबरों की खबर में पढिए ..... दादा नहीं बिके , पोते सारे खरीदे गए : खबरों का खबर । शरद कोकास जी देखना चाहते हैं कि उनकी इस कविता में कितना अर्थ लगा पाते हैं आप ।  विज्ञान पहेलियों का जबाब लेकर आए हैं दर्शन लाल बवेजा जी ! दिल्‍ली के टर्मिनल 3 की यात्रा पर ले जा रहे हैं मनीष कुमार जीसी बी आई की विश्‍वसनीयता पर सवालिया निशान लगा रहे हैं मिथिलेश दूबे जी। चिरंजीव की चिता से रिश्‍तेदारी ... समझा रहे हैं अजीत वडनेरकर जी।

रिश्ते....वफ़ा... ऐतबार...तेज हवाओं में जैसे जलते चिराग .. पढिए रश्मि रविजा जी का क्‍या अनुभव है। अनुपमा पाठक जी की रचना पढिए ... शब्द हो जाते हैं मौन जब प्रेम मुखर होता है! उदासी की धुंध .... पढिए संगीता स्‍वरूप जी की रचना ! राजेन्‍द्र स्‍वर्णकार जी लिखते हैं ... जमाना लुटेरा है आंसू खजाना।  तब हम कितने असभ्य थे। अब हम कितने सभ्य हैं! ... समझा रहे हैं ... जी के अवधिया जी।  समृद्ध होती राष्‍ट्रभाषा ...  पी सी गोदियाल जी की नजर में। हफ्ते दस दिन ठंड और रहेगी, झेल लीजिए.  ... लिखते हैं राजीव ओझा जी। पांचवा खम्‍बा में पढकर कीजिए .. अपने ब्‍लॉग का मोबाइल टेम्‍प्‍लेट एक्‍टीवेट । उत्कृष्ट खिलाड़ियों से खिलवाड हो रहा है ... लिख रहे हैं राजकुमार ग्‍वालानी जी । 


आज यही सत्य है मेरे पास
कोई हमें कब तक दुःख दे सकता है?
तब तक - जब तक हम मुक्त नहीं होते ...!!!

आज के लिए बस इतना ही ... अब इजाजत दीजिए ....

7 टिप्पणियाँ:

सुंदर और सारगर्भित वार्ता के लिए आभार

सुंदर वार्ता
कभी समय मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी अपनी एक नज़र डालें //shiva12877.blogspot.com

सार्थक वार्ता
सभी तक पहुचने की कोशिश जारी है।
आभार

सार्थक ब्लॉग वार्ता ... बहुत बहुत आभार आपका संगीता दीदी !

ललित शर्मा जी!
आपने तो गागर में सागर समा दिया आज की वार्ता में!
उम्दा लिंकों का चयन किया है आपने!

भूल सुधार!
संगीता पुरी जी!
आपने तो गागर में सागर समा दिया आज की वार्ता में!
उम्दा लिंकों का चयन किया है आपने!

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