प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !
अब कंप्यूटर पर कमांड देने के लिए आपको हाथों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ेगी। फ्रांस के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो आपको विचारों को जानकर आपका काम करेगा। यानी आपकी सोच कंप्यूटर के लिए कमांड के तौर पर काम करेगी।
मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान [आइआइटी] में चल रहे तकनीक समारोह में फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को इस सॉफ्टवेयर का प्रदर्शन किया। 'ओपन वाईब' नामक यह प्रोग्राम एक तरह से आपके दिमाग को पढ़ कर कंप्यूटर को कमांड देगा। यह सॉफ्टवेयर 2005 में शुरू की गई परियोजना का परिणाम है, जो कई प्रयोग करने में सक्षम है।
कंप्यूटर वैज्ञानिक यान रेनार्ड और लारेंट बोनेट ने कहा,'ओपन वाईब सॉफ्टवेयर ऐसी प्रणाली है जिसके विद्युत संकेत मस्तिष्क की गतिविधियों से जुड़े हैं। यह विचारों को 'कमांड' में बदल देते हैं, जिसे मशीन आसानी से समझ लेती है।'
यह सॉफ्टवेयर लोगों को कंप्यूटर से संवाद करने का मौका देता है। यह स्वचालित प्रणाली है जिसमें लोगों को हाथों या किसी आउटपुट का प्रयोग किए बगैर रिमोट कंट्रोल को सक्रिय किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों ने बताया ओपन वाईब को शोधकर्ताओं, चिकित्सकों से लेकर वीडियो गेम विकसित करने वाले को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या विचारों के आने पर यह लिखने में भी सक्षम है? उन्होंने इसका सकारात्मक जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोएनसीफेलोग्राम [ईईजी] कैप पहने हुए व्यक्ति का ध्यान पत्र लिखने पर केंद्रित होता है, जिसे वह लिखना चाहता है। यह लकवा से पीड़ित लोगों के लिए भी काफी सहायक है। उनके मुताबिक यह कई न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को हल करने में भी सक्षम है।
यह तो हो गई कुछ नयी जानकारी की बात ... अब चलिए ब्लॉग 4 वार्ता के इस मंच से चलते है आज की ब्लॉग वार्ता की ओर मेरे साथ ...
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
~~~~~~~~~~~
16 जनवरी को समीर लाल आ रहे हैं रायपुर ----- ललित शर्मा :- आपने छत साफ़ कर ली ... उतरेंगे कहाँ ?
मुंह की दुर्गन्धःकारण और निवारण :- काम की बात !
क्या था महाभारत काल में अक्षौहिणी सेना का अर्थ :- आइये जाने !
वार्षिक हिंदी ब्लॉग विश्लेषण-२०१० (भाग-१४ ) :- आभार आपका !
बड़ा नादान है दिल :- सो तो है !
कैसा कलयुग आया देखो ! :- दिखाओ !
हिन्दी हमारी :- लाजवाब है !
मैं चिर-अभिलाषित, ममता का, रंजिश के द्वारे आ पहुँचा ! -सतीश सक्सेना :- बहुत पहुँचे हुए है आप !
ओ मेरे जीवन के अनमोल टुकड़े :- तेरे बिन जीवन बेकार !
गाली पुराण -२ हम विरोध से क्यों बचते है - - - - - - mangopeople :- शायद, हम डरते है !
लाल बत्ती मिलने पर भी नहीं बदले अशोक बजाज :- जो बदले यह वो शै नहीं !
लो, पप्पू सीख गया राजनीति...खुशदीप :- मतलब पप्पू पास हो गया !
नये दशक का नया भारत ( भाग- २ ) : गरीबी कैसे मिटे ? :- सोनिया आंटी से पुछा था ... जवाब नहीं मिला !
कैसा रहेगा आपके लिए 15 और 16 जनवरी का दिन ?? :- आप बताएं !
हिन्दी ब्लॉगिंग को समर्पित 11 वेबसाईट्स आ रही हैं 2011 में :- यह हुयी ना बात !
व्यंग्य-ग़ज़ल / बौने भी तब बड़े हुए हैं...... :- जब जब तन कर खड़े हुए है !
ढ़ाई महीने की मशक्कत के पश्चात 23 लेख :- अरे बाप रे ... २३ .... ???
आ रे कौआ, काले कौआ, औमलेट सा खा रे कौआ.............घुघूती बासूती :- अंडे का फंडा !
संक्रांति है संस्कार-क्रांति :- बात में दम है !
"बिरला पुट्टी" :- कहाँ लगनी है?
एक्सक्यूज़ मी, क्या मैं भी मियां मिट्ठू बन सकता हूँ ? :- जी बनिए ना ... कौन रोकता है !
लीजिये एक हमारी भी झेल लीजिये ...
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आज की ब्लॉग वार्ता बस यहीं तक ..... अगली बार फिर मिलता हूँ एक और ब्लॉग वार्ता के साथ तब तक के लिए ......
जय हिंद !!
18 टिप्पणियाँ:
वार्ता बहुत संयत और साफ-सुथरी रही!
तकनीकि खराबी आने के कारण उड़नतश्तरी ने टेक ऑफ़ नहीं किया।
सुंदर वार्ता के लिए आभार
चुटकीले अंदाज़ में लिंक्स देखना आनंददायक है
ाच्छे लिन्क मिले। धन्यवाद ।
# "अब कंप्यूटर पर कमांड देने के लिए हाथों की भी जरुरत नहीं पड़ेगी"
निष्क्रियता बढवाने की ओर एक और कदम :-)
कम्प्यूटर कमांड से अब हाथों को मिलेगी मुक्ति.
यह जानकारी विशेष ज्ञानवर्द्धक लगी । धन्यवाद...
nice links
जय हिंद !!
आशा करनी चाहिये कि आने कल में बस सोचने से ही सब काम हो जाएंगे...काहे कंप्यूटरों-मोबाइलों को भी कष्ट देना...
भद्र पुरुष और शठ के बीच यही तो फर्क होता है शिवम जी, अच्ची वार्ता के लिये आभार !
bahut sundar charcha....
pls guide abt this...
कृपया आप अपना ब्लाग शिल्पकार संकलक मे जोड़े ताकी हमे ब्लाग वार्ता करने मे आसानी हो--ब्लाग पंजीकृत करने के लिये यहाँ पर चटका लगाएं-वार्ता दल
सुन्दर लिंक्स के साथ सार्थक वार्ता
शिवम् जी, आभार हमारी पोस्ट पर भी नज़रें इनायत हुई.......... चलो अच्छा हुआ इसी के साथ किसी ने हमारी गरीबी की चर्चा सोनिया जी से भी की. वरना जबतक उनतक गरीबी शब्द का अनुवाद रोमन में होकर पहुचता तब तक तो बहुत देर हो जाती. वैसे जबाब तो तब भी नहीं मिलना था. ........... अच्छा लगा आपका ये चुटीला अंदाज. कंप्यूटर की नई जानकारी भी अच्छी लगी बस एक और खोज हो की वह हमारे दिमाग की जगह दिमाग भी बन जाये कभी कभी और इस दिमाग को आराम मिलता रहे .सुंदर चर्चा.
@ सुमन 'मीत' जी ,
अगर आप अपना ब्लॉग वहाँ दी हुयी लिंक से जोड़ते है तो हम तक आपके ब्लॉग की फीड आसानी से पहुँचती है और हम लोगो को आपकी ताज़ा पोस्ट की जानकारी रहती है !
आप सब का बहुत बहुत आभार !
बहुत बढिया शिवम भाई । एकदम कमाल के लिंक्स सहेजे हैं । वैसे आजकल ब्लॉगजगत में फ़िर कुछ उधम मचा हुआ दिख रहा है । लगता है कि हथौडा मारना ही होगा जल्दी ही । वार्ता जारी रहे । शुभकामनाएं
उड़नतश्तरी के आने पर जब हवा चलेगी तो अपने आप साफ हो जायेंगी।
स्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग की पोस्ट लेने के लिए आभार शिवम भाई।
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।