नमस्कार, जब से चिट्ठा जगत की नए चिट्ठों की मेल आना बंद हुई है तब से नए चिट्ठों के विषय में कोई भी जानकारी नहीं मिल रही है। नए ब्लॉगर्स को जानकारी के अभाव में बहुत समस्या आ रही है। आपकी मुलाकात एक नए चिट्ठाकार डॉ.मीनाक्षी स्वामी जी से कराते हैं। साहित्य जगत का जाना पहचाना नाम है। इनके ब्लॉग भूभळ पर हो कर आएं। आज लोहड़ी का त्यौहार है आप सभी को लोहरी (लोहड़ी) की हार्दिक शुभकामनाएं।अब मैं आपको ले चलता हूँ आज की ब्लॉग4वार्ता पर......
सबसे पहले चलते हैं सांई ब्लॉग पर जहाँ अरविंद मिश्रा जी कर रहे हैं सर्दी में सांप से सामना सांप का नाम सुनते ही जहां लोगों के शरीर में एक सर्द सिहरन दौड़ जाती है वहीं अगर सर्दी में किसी सांप का सामना हो जाय तो सन्निपात का होना तय समझिये .ताज्जुब की बात यह है की मिर्जापुर शहर के महुवरिया मोहल्ले ...इसके बाद चलते हैं Blogs In Media पर जहाँ बताया रहा है कि डेली न्यूज़ में परिकल्पना-अमरेन्द्र त्रिपाठी प्रकरण की गूंज हुई है।2 जनवरी 2011 को जयपुर से प्रकाशित डेली न्यूज़ में परिकल्पना-अमरेन्द्र प्रकरण सहित पिछले वर्ष की हिन्दी ब्लॉगिंग का जायजा लेता आलेख प्रकाशित हुआ है।
पढिए शिखा जी की पोस्ट हाथ में सुट्टा लबों पे गाली ,हाय री मीडिया बेचारी.. समाचार माध्यमो द्वारा खबरों की शुचिता , उनको बढ़ा चढ़ा कर दिखाना, उनकी निष्पक्षता , और समाचारों के नाटकीकरण एक ज्वलंत मुद्दा बन चुका है आज, समाज के आम हलको में . वो कहते है ना की साहित्य समाज का आइना ह...नारद मुनि लेकर आए हैं राजनीति की चटर पटर श्रीगंगानगर-- क्या यह संभव है कि कोई मंत्री, किसी विभाग का मुखिया सीएमओ को महत्व ना दे! ऐसा नामुमकिन नहीं तो मुश्किल बहुत है। आरपीएस की तबादला लिस्ट के बाद इस प्रकार की चटर पटर कई जगह सामने आई। कुछ समय पहल..
सोनल रस्तोगी जी लेकर आई हैं क्षणिकाए अविनाश वाचस्पति कह रहे हैं हिन्दी ब्लॉगरों के दिल के दुश्मन की पहचान हो गई है..रविन्द्र प्रभात जी कह रहे हैं कि खटीमा ब्लोगर मीट को क्यों याद किया जाए? याद किया जाना चाहिए इतना अच्छा कार्यक्रम हुआ है।परिकल्पना पर ब्लॉग विश्लेषण लगातार जारी है, किन्तु इस ब्लॉग विश्लेषण को अल्प विराम देकर खटीमा ब्लोगर मीट की बात करना मैं इसलिए प्रासंगिक समझ रहा हूँ कि यदि इन बातों को परिकल्पना पर स्थान नहीं दिया गया तो ...हैप्पी हैप्पी हैं जी सुंदर मुंदरीए को मिले गए दुल्ला भट्टी.लोहड़ी मना रहे हैं सुंदर मुंदरीए हो, तेरा कौन बेचारा, ओ दुल्ला भट्टी वाला। यह लोहड़ी का लोकप्रिय गीत तो लोहड़ी के त्योहार के आस पास आम सुनाई पड़ता है, लेकिन पिछले कई दशकों से यह गीत केवल एक औपचारिकता मात्र बना हुआ था, क्योंकि ...
ये हैं हमारे भारत दुर्भाग्य विधाता ! आओ ,करें हम तिलक चन्दन से इन महान विभूतियों का वंदन /* * जिसके हाथ में जो भी आए, उसी से करो इनका नागरिक अभिनन्दन /लड़की खोजत भंदई टूट जायगांव मन म पहिली मोटर गाड़ी, फटफटी नई रहिस। साइकिल घलो इक्का-दुक्का घर राहय। बिहाव के दिन आय त ये गांव ले वो गांव पता करत रेंगते घुमंय। जउन जिहां जाय बर काहे जिहें चल देंवय। येती-ओती पता करत अतेक घुमंय त नव...प्रवीण पाण्डे जी सामाजिकता का फैलाव के विषय में कह रहे हैं आपको कितने मित्र चाहिये और किस क्षेत्र में चाहिये? आपके क्षेत्र में मित्र बढ़ाने का सर्वोत्तम माध्यम क्या है? एक मित्र से आप कितने माध्यमों से संपर्क रख सकते हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि माध्यमों की अधिकता से ...
सिंहावलोकन पर पढिए गिरोदयही है इस कथा का शीर्षक और गांव का नाम- गिरोद। कई छोरों से शुरू हो सकने वाली और जहां चाहे रोकी जा सकने वाली कथा। देखिए किस तरह। दस साल पुराने छत्तीसगढ़ विधान सभा से पांच किलोमीटर के दायरे में। लोहा कारखाने...मेरी पिथौरागढ़ यात्रामेरा एक दोस्त मुझे लेने के लिये अपनी 5 साल की बेटी वनिका को भी लाया था जो कि बहुत ही प्यारी बच्ची है। उसका मुझे लेने आना इसलिये भी अच्छा लगा क्योंकि उसका और मेरा नाम काफी हद तक मेल खाता है। खैर उसके बाद वो...किस बात का गुनाहगार हूँ मैं....संजय भास्कर.
दिल तू इतना नादाँ क्यों है ! *ऐ मेरे वहशत-ए-दिल, मुझको बता, तू इतना नादाँ क्यों है, एहसास-ए-जिगर गैरों को बताके ,फिर होता परेशाँ क्यों है। छुपा न अब, जमाने पर यकीं करके तूने फरेब खाया है, गर जख्म खाए नहीं, तो चहरे पे उभरते ये निशाँ क्य...राजस्थानी सलीमा देखिए टोंक के राज टॉकीज में कल से लगेगी दूसरी विदाईनिर्देशक लोकेश मैनारिया की राजस्थानी फिल्म 'दूसरी विदाईÓ का प्रदर्शन 13 जनवरी से राज टॉकीज में किया जाएगा। राघव पिक्चर्स एंड एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी यह फिल्म विधवा विवाह पर आधारित है।पाबला जी से अपील पता नहीं मेरे ब्लॉग को क्या रोग लगा है, मैं कार्टून आपतक पहुंचाना चाहता हूँ, पर मेरे ब्लॉग पर कार्टून डाउनलोड नहीं हो रहा है, मैनें कई बार कोशिश की पर हर बार लिंक फेल हो रहा है,
चलते चलते एक व्यंग्यचित्र
राम राम, मिलते हैं ब्रेक के बाद..............
14 टिप्पणियाँ:
सुन्दर लिंकों से सजी वार्ता पढ़कर मन प्रसन्न हो गया!
ललित शर्मा जी को बधाई!
सुंदर चर्चा के लिए बधाई ।
कुछ नये लिंक हर बार पा जाता हूँ।
llit bhayi saara blogistaan ghuma diya is link xpres se to aapne mubark ho.akhtar khan akela kota rajsthan
यह तो आप बिल्कुल दुरुस्त कह रहे हैं कि एग्रीगेटर के न होने की समस्या तो है ही, परंतु हिन्दी ब्लॉगर थोड़ा सा जागरूक हो जाएं तो ऐसी कोई समस्या नहीं है। सिर्फ नये आये ब्लॉगों को छोड़कर, अपने डेशबोर्ड में आप उन सभी ब्लॉग पोस्टों की जानकारी ले सकते हैं जिनके आप फालोवर हैं, तो फिर काहे की परेशानी, इस तरीके का नहीं है कोई सानी
हिन्दी ब्लॉगर को अवकाश पर भेजा गया
बहुत बढ़िया वार्ता ...काफी लिंक्स मिले
बहुत अच्छी वार्ता .. सबों को लोहडी की बधाई और शुभकामनाएं !!
वाह गुरु जी वाह
जय हो दादा जय हो ... मस्त वार्ता लगाई है ... हमने आज यहाँ से ही सब के यहाँ हजारी लगाई है !
हमेशा की तरह लाजबाब वार्ता .
मेरी पिथोरागढ़ यात्रा का लिंक देने का बहुत आभार बचपन की यादें ताज़ा हो गईं.
नये व उपयोगी लिंक । धन्यवाद...
सुंदर चर्चा
बहुत सुन्दर लिंक्स..खूबसूरत चर्चा..बधाई
सभी लिनक्स अच्छे हैं ...बहुत से नए लिनक्स मिले ..आपका आभार
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