ब्लाग जगत में जब से आया...........!! यहां !! उत्सवी स्वर !! !! ही चल रहा है। समय बिताने के लिये चिट्ठा न लिखें,कुछ सार्थक लिखें , अर्चना जी के जीवन धारा...के गीतों में होनहार , चुलबुली ...'बाप रे , कितना जानती है ये लड़की ' कमाल के चित्र बनाती है , आप भी देखिए , ''परिकल्पना ब्लागोत्सव'' में अक्षिता (पाखी) के चार रेखाचित्र । बिल्कुल बारिश में घुले कुछ अहसास सा। मत पूछो मैं तारा ....बाली की पत्नी या फ़िर सुग्रीव की या फ़िर ...... समझ में नहीं आता ,पता नही क्यूँ ??
मेरे सपनों का भारत ऐसा ही तो है। सरकार ने देश के हर परिवार को प्रति माह प्रतिव्यक्ति रु.500.00 के हिसाब से सहायता राशि देने की घोषणा कर रखी है किन्तु उसे लेने के लिए कोई दावेदार नहीं मिल रहा है। क्या करें ...कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते। भारतीयों ने नहीं किसी को छलना सीखा , अब धोखा और विश्वास तो कभी कभी होगा ही। अपने हिस्से का सुख कैसे छोड दे कोई ?? इसलिए तो लग रहा है ... क्या यही गांधी का, आजाद हिन्दोस्तान है !! आखिर विचारों का जीवन चक्र तो चलता ही रहेगा। मनुष्य के व्यक्तित्व के प्रतिबिंब उसके विचार होते हैं ... सोचते विचारते हैं , काम करते हैं । गलती कर कर के बने, महा-अनुभवी लोग | इसमें अब ईश्वर की क्या गलती है ??
आरक्षण में महिलाओं की स्थिति जस की तस है , कोई सुधार नहीं। बुंदेलखंड को अन्ना हजारे ढूँढने होंगे .....अपने अन्दर ... उसके बिना काम नहीं चलनेवाला। वैसे क़र्ज़ में डूबे लोगों के लिए आत्महत्या एक ऐसा इंश्योरेन्स है जिसका प्रीमियम भरने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती. ऐसा एक ब्लॉगर का मानना है। एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम लिखा गया है। पत्र का जबाब प्रधानमंत्री जी को देना ही होगा । जवाब की तलाश में ... हर कोई है।
रेल्वे द्वारा तकनीक के इस्तेमाल और कुछ खामियाँ सेवाओं में.. (Technology used by Railway… some problems in services) होने के कारण बांधवगढ के किले तक पदयात्रा --- यात्रा - 3 में माईल स्टोन 27 से 25 तक का लाइव टेलीकॉस्ट चल रहा है। यात्रा में होशियार :सापों का सीजन आ धमका है! अभी अभी ऐसा क्या कहा तुमने .... वैसे जब ईश्क तुम्हे हो जाएगा ..! तो तुम्हारी मुस्कान सबको बता देगी।
18 टिप्पणियाँ:
वार्ता का यह नया अंदाज और प्रस्तुतिकरण ...!
बहुत सुंदर प्रस्तुति . अपनी रचना का लिंक इसमें सम्मिलित देखना सुखद अनुभूति है । धन्यवाद एवं शुभकामनाएँ ...
मस्त चर्चा
सुंदर अंदाज़ और रोचक प्रस्तुति । सारे लिंक्स महत्वपूर्ण लगे । शुभकामनाएं
संगीता दी बेहद उम्दा अंदाज़ ... बधाइयाँ औए शुभकामनाएं !
संगीता जी,आज गजब चर्चा की है आपने,
एक स्क्रीप्ट में सभी लिंक पिरो दिए।
अंतिम पंक्ति कमाल की बनी है।
साधु साधु साधु
waah
वाकई ब्लॉग वार्ता........शुक्रिया..
बहुत बढ़िया संयोजन ... अच्छी वार्ता
क्या बात है संगीता जी आज पहली बार आई हूँ आपने तो मन मोह लिया
संगीता जी,वाकई बहुत सुन्दर संयोजन है. जिसप्रकार आपने विषयों को जोड़ा है,अद्भुत है. सभी पाठकों के चेहरे पर "मुस्कान" बनी रहे.
बहुत-२ शुक्रिया संगीता पुरी जी...
वाह वाह वार्ता का बहुत ही रोचक अन्दाज़ है।
संगीता पुरी जी,
बहुत बहुत धन्यवाद ब्लॉग4वार्ता में शामिल करने के लिए |
आपकी इस प्यार भरी मेहनत की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है |
इतने सारे और खूबसूरत से पेश किये गये लिंक्स के लिए आभार |
kya baat hai.......ye andaaz bhi khoob hai...sadhuwad
जोरदार लगी।
संगीता जी,
यदि माँ शारदा ने आभूषण धारण किये हों.... हार. अंगूठी. पायल आदि ..
सबसे पहले जिसपर दृष्टि पड़ेगी... वह अधिक द्वितिवान आभूषण ही होगा.
जब पाठ्य रचना से अधिक आकर्षक दृश्य रचना हो जाती है तब पाठ्य रचना में निहित सौन्दर्य कमतर लगने लगता है. इसलिये इन्हें अलग-अलग ही रखना चाहिए.
इससे मौलिकता प्रसन्न होती है.
इस बात को आपके ब्लॉग-संकलन पर कह पा रहा हूँ. आपने श्रेष्ट लिंक लिये. आभार.
संगीता जी, आपने कितनी मेनहत व खूबसूरती से सारे लिंक्स प्रस्तुत किये है, मुझे शामिल करने के लिये ... आभार !
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