शनिवार, 25 जून 2011

"अनेक ब्लॉग नेक ह्रदय"

                        एक दु:खद सूचना के साथ कि डीज़ल गैस की कीमत बढ़ गई आपको बता दूं कि - हिन्दी ब्लागिंग का उत्सव अब शुरु हो चुका है. रवींद्र प्रभात जी संकल्पों जैसा चाहते हैं आकार दे देते हैं. कारण एक मात्र है कि वे बहुत ज़िद्दी है. वे कहते है - ’मेरी भावनाएं’ जुड़ी होती हैं संकल्पों से. उनकी अलबेली ज़िद्द में हम सब देर सबेर शामिल हो ही जाते हैं.और सहज उच्चारण कर देते है-"भई, हम सब साथ हैं. " 
जो अब तक न जुड़ पाये हों वे => ’इधर’ चटका लगाएं और ब्लागोत्सव से जुड़ जाएं या इसे आज़माएं http://www.parikalpna.com


ब्लाग वही जो हर मन भाए
क्रम
ब्लाग
पोस्ट
रिमार्क
1
शादी के तुरंत बाद शुरु होती है
2
उपनिषद ब्लाग पठन योग्य है
3
इस सवाल के जवाब सबके कने है
4
मिस तो करती है न..?
5
प्रभाव शाली पोस्ट
6
जी तोड़नी ही होगी
7
हमारा तो वैसे..
8
और छात्राएं
9
अभी तक देख ही रहे हैं
10
मुझे तो नही मिला
11
बात पते की है
12
आजमाना पड़ेगा
13
मनमोहन जी कुछ भी....
14
तो बुक कब तक बन पाएगी

7 टिप्पणियाँ:

अच्छे-अच्छे लिंक है।

1 ब्‍लाग से कैसे जुड़ा जाए?
2 ब्‍लाग से जुडकर क्‍या होगा?

पढते हैं इन लिंक्स पर जाकर

आभार

बहुत अच्छे लिंक ... आभार!

1 ब्‍लाग से कैसे जुड़ा जाए?
http://www.parikalpna.com पर जाकर पंजीकृत होवें. पंजीकरण के बाद पासवर्ड आएगा उसे चाहें तो बदल दें . अपनी रचना लिखें
2 ब्‍लाग से जुडकर क्‍या होगा?
ब्लाग से जुड़कर क्या होता है ?

गिरीश जी, पंजीकरण में मेरा नाम ही स्‍वीकार नहीं होता। ब्‍लाग से जुड़ने का प्रश्‍न यह था कि क्‍या यह अग्रीगेटर है या और कुछ?

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More