ललित शर्मा का नमस्कार, यु पी ए सरकार ने महंगाई की सभी पार कर दी। आम मध्यमवर्गीय के गले में फांसी का फंदा डालना बस बचा है। सारी योजनायें गरीब और अमीर को ध्यान में रख कर बनाई जाती हैं। शोषण सिर्फ मध्यमवर्ग का होता है। सीधे की लुगाई सब की भौजाई। यही हाल मध्यमवर्ग का है, जो भी आता है इसके पिछवाड़े पर हंटर जड़ जाता है। आज का समाचार है कि खुले बाजार में 7 वां सिलेंडर 1073 रूपये का मिलेगा। नंगाई की हद हो गयी है। मध्यमवर्ग भी ऐसा है कि दिन भर दाल रोटी के चक्कर में उलझा रहता है, अपनी बात उठाने तक की उसे फुर्सत नहीं हैं। मूल्य वृद्धि का पुरजोर विरोध होना चाहिए। जब तक यह मध्यमवर्ग सोया रहेगा इसका भला नहीं होना है। जागो सोने वालों जागो ........अब चलते हैं आज की वार्ता पर, प्रस्तुत हैं कुछ उम्दा चिट्ठों के लिंक्स ....
नौटंकी ...
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अब इनसे तो 'उदय', कोई नंगा ही जीत सकता है
शंका है हमें, कहीं 'खुदा' भी न हार गया हो इनसे ?
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दो-चार दांव-पेंच सीखने में हर्ज ही क्या है 'उदय'
सुनत.मानसिक रूप से दिवालिया ..?
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मार्च के अंत तक अगर आपने चौथा सिलंडर लिया तो आपको 1200 रूपए तक देने पड़ सकते
हैं ! तेल कम्पनियाँ मनमाना रेट तय कर रही हैं !
कांगेस शासित राज्य अपने प्रदेश ...
..नमस्कार को टाटा खाया, नूडल को आंटा !!
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" अज़ब - गज़ब "
नमस्कार को टाटा खाया, नूडल को आंटा !!
अंग्रेजी के चक्कर में हुआ बडा ही घाटा !!
बोलो धत्त तेरे की !!
माताजी को मम्मी खा ...
प्राकृतिक संसाधन आवंटन या नीलामी ?
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देश के प्राकृतिक संसाधनों को किस तरह से उपयोग में लाया
जाये इस बात पर देश के नेता एकमत नहीं हैं और जिस तरह से केंद्र सरकार ने २जी
विवाद के... शरीर का जायज़ा लेती बेहद की प्रोद्योगिकीय दखल
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*शरीर का जायज़ा लेती बेहद की प्रोद्योगिकीय दखल *
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*उसके फ्रिज में स्टूल(मल /टट्टी ) का एक साम्पिल रखा हुआ है जिसे लेब को
जांच के लिए जल्दी से जल्दी ...चर्खी हुई चाकरी
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*चर्खी हुई चाकरी*
*श्यामनारायण मिश्र*
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*छूटे खेत खाद*
*सावन के मेह*
*चर्खी हुई चाकरी निचुड़ी गन्ने जैसी देह।*
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*लापरवाही वाले लमहे*
*ओसारे की ख...
उरई में बर्तन व्यवसायी की दुकान से मिले ताम्र युगीन पिंड व उपकरण
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* देश के प्रागैतिहासिक काल के मानचित्र में उरई का नाम अंकित*
भारतीय सांस्कृतिक निधि (इंटैक) के उरई चैप्टर की ओर से बुंदेलखंड संग्रहालय
के सभागार में उरई ... अतीत से जुदा या जुड़ा वर्तमान ...फिर भविष्य भी ?
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अतीत से जुदा या जुड़ा वर्तमान ...फिर भविष्य भी ?
by Suman Mishra on Monday, 20 August 2012 at 13:42 ·
*आज श्री प्रतुल मिश्र जी ने एक विचार दिया....."सूछम चिं...
मेहनत और हिम्मत से विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाया जा सकता है .
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इससे पहले कि हम आपको यह बताएं कि दुबई से हमने क्या सीखा, थोड़ी और मस्ती हो
जाये .
इनडोर एक्वेरियम में नाव की सवारी करने से पहले हमने पूजा अर्चना करना सह...
9 टिप्पणियाँ:
अंधेर नगरी चौपट राजा कभी बचपन में पढ़ी थी आपने उसकी याद आज दिला दी |
आशा
एक नया स्तर छू लेगी मँहगाई..
अगर इन लिंक्स में से किसी भाई ने ये भी आकलन लगाया होता कि साल भर में एक आम आदमी को कितने की चोट दे दी है सरकार ने तो और बढिया रहता ।
बढ़िया चर्चा! मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार!
मध्यमवर्गीय बेचारा हमेशा से घुन की तरह पिसता आया है, लेकिन अब पानी सर से ऊपर चला गया है उसे जागना ही होगा. बढ़िया लिंक्स के लिए आभार...
कार्टून बढ़िया हैं..अच्छी चर्चा.
बहुत बढ़िया वार्ता
बढिया वार्ता
अच्छे लिंक्स
जब भी समय मिले, मेरे नए ब्लाग पर जरूर आएं..
http://tvstationlive.blogspot.in/2012/09/blog-post.html?spref=fb
बढ़िया वार्ता ...
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