बुधवार, 10 अक्तूबर 2012

आइये "करप्शन डे" मनायें!...ब्लॉग 4 वार्ता...संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार.... इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा पर नया धमाका किया। केजरीवाल ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने वाड्रा की 50 फीसदी हिस्सेदारी वाली डीएलएफ की कंपनी को अस्पताल की जमीन सेज के लिए औने - पौने दामों में दे दी। केजरीवाल ने इस पूरे मामले पर हरियाणा सरकार से वाइट पेपर की मांग की है। उधर, कांग्रेस ने केजरीवाल के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इस खास खबर के साथ आइये हम चलें अपनी ब्लॉग वार्ता पर ........

ओ प्रदीप्तनयन! वक्त के उस छोर पर खड़े तुम और इस छोर पर खडी मैं फिर भी एक रिश्ता तो जरूर है कोई ना कोई कड़ी तो जरूर है हमारे बीच यूँ ही तो नहीं संवादों का आदान प्रदान होता चाहे बीच में गहन अंधकार है नहीं है कोई साधन देखने का जानने का एक दूजे को मगर फिर भी कोई तो सिरा है जो स्पंदन के सिरों को जोड़ता है वरना यूँ ही थोड़े ही सूर्योदय के साथ मिलन की दुल्हन साज श्रृंगार किये प्रतीक्षारत होती... प्रेम की सरगम कोई आँखों से दिल की बात कहता रहा , और कोई पलके मूंदे ख्वाब ही बुनता रहा ........ रहा अनजान उन आँखों की इबारत से , बस अपनी ही धुन में रहा हो कर मगन ....... कोई पुकारता रहा आँखों से , अपने गीतों से ...... और कोई सुर में ही खोया रहा ...रहोगे न ? हजार बार मन किया बेवफा कह दूं तुझे पर तेरी आँखें देखने लगती हैं मुझे एकटक....  अभी बाकी मेरा वफ़ा बेवफाई दूरियाँ नजदीकियाँ मिलन वियोग प्रेम और प्रेम भी नहीं ये तो सब जीवन का हिस्सा हैं जब तक जीवन रहेगा ये सब रहेंगी ही मगर तुम तो जीवन के बाद भी रहोगे रहोगे न ? चौरासी लाख कम नहीं होते यार मुझसे अकेले इतना चक्कर नहीं काटा जाएगा 

जनता को ही आगे आ कर अंकुश लगाना होगा - एक हैं कलमाडी। जनता की यादाश्त चाहे कितनी भी अल्पजीवी हो पर इतनी भी कमजोर नहीं है कि वह इन महानुभाव को भूला बैठी हो। वैसे इनके द्वारा संपादित कार्य ही ..का बरखा जब..... - छोटे से एक प्रदेश में एक महीने में ग्यारह बलात्कार के ज्ञात केस, परफ़ार्मेंस  देखकर समझ नहीं आता कि गर्दन नीची होनी चाहिये  या छाती चौड़ी? ताजातरीन मामले ... तमगों की चाह ... - देर-सबेर, सब दूध-का-दूध और पानी-का-पानी हो जाएगा लोग, खामों-खाँ ... सच्चाई से बचने की जुगत ढूंढ रहे हैं ? ... अब क्या कहें, अपने मिजाज उनसे मिलते नही... 

 व्यंग्य : आइये, "करप्शन डे" मनायें! - *अरे ओ दुनिया वालो! अरे कभी हम "करप्ट" लोगों के बारे में भी तो सोचो। हमारे द्वारा की जा रही समाज-सेवा के बदले कभी तो हम लोगों को याद कर लिया करो। अरे भाई!... बनाना रिपब्लिक के अमीर मैंगो मैन के की क्या ख्वाईश है? आज की असेम्बली मे भगत तुम नकली नही असली बम्म फोड दो. - *28 रुपये प्रतिदिन कमाने वाले बनाना रिपब्लिक के अमीर मैंगो मैन के की क्या ख्वाईश है? जवाब सुन लीजिये.. * "इस समय देश मे एक ऐसी क्रांति की निहायत जरूरत है ... मोक्ष क्‍या है....कैसे मिलेगा... पढि़ये व्‍यंग्‍य - *मोक्ष का द्वार *** पी के शर्मा लो, कर लो गल। हमें तो पता ही नहीं था कि देवालय और शौचालय में क्‍या अंतर होता है। ... 

 यह नेह क्यों, अनुराग क्यों? - *भावों को शब्द -**बद्ध करना कितना मुश्किल है :-( शब्द साधना एक तपस्या है . गुणी मित्र गण माफ़ करेगें इस अनाधिकार चेष्टा के लिए -* *यह नेह क्यों**,... स्वप्न...... - * * * ** ** **जागते हुए सोना* *सोते हुए जागना* *बस ऐसी ही होती है* *हमारे मन की स्थिति...! * *सूरज कब उगा ,* *किधर से उगा...* *और कब,* *किस तरफ डूब गया...!*...मनुहार - एक मोर एक मोरनी ,पहुंचे जमुना तीर पंख पसारे नाचते ,मन की हरते पीर || प्यार भरा अंदाज नया ,मन हरता चितचोर | कान्हां को पा गोपियाँ ,हुईं आत्म बिभोर || ... 

माफ़ कर दो वाड्रा जीज्जा - हा केजरीवाल, ये क्या कर डाला भाई, युगो युगो से इस धरा पर जीजाओं को सर माथे पर बैठाया जाता है। आज आपसे वाड्रा जीजा का फ़लना फ़ूलना ही न देखा गया। अरे जीज....पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों की हेरा फेरी -- बार बार, लगातार ! - कॉलिज के दिनों में एक जोक बहुत सुना जाता था -- दो सहेलियां आपस में बातें कर रही थी . एक ने कहा -- ये लड़के आपस में कैसी बातें करते हैं ? दूसरी बोली --...महात्मा गांधी जी के आदर्श क्या अब बेमानी हो गए !! - जो पार्टी और उसके लोग अपने को गांधी का असली उतराधिकारी मानते हैं और गांधीजी के नाम पर अपनी राजनिति कि रोटियां सकते हैं और जिन्होंने गांधीजी के नाम..

सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.. - *सहारा नहीं मै साथ देने आया हूँ.....* *तेरे गम को भुला दूँ....* *ये नहीं कह सकता* *हाँ तेरा गम बांटने आया हूँ.....* * **रिश्ते तो बहुत निभाए है तुने* *मै ... " शरीफों का जमाने में, अजी - बस हाल वो देखा कि -- शराफत छोड़ दी मैंने "....??? - * " शराफत छोड़ने का मन बना चुके" मेरे सभी मित्रों को मेरा यानी " मेंगो- मैन " का सादर नमस्कार !!* * कृपया स्वीकार करें !! नहीं करेंगे तो भी मुझे क्या ?* * .. चोर-चोर मौसेर भाई - *हरेश कुमार* * * पूरी कांग्रेस पार्टी का तो वाड्रा के बचाव के लिए उतरना समझ में आता है, क्योंकि सवाल सोनिया गांधी के दामाद का जो ठहरा लेकिन भारतीय जनता पार्... 

अब एक कार्टून 

 

चलते-चलते यहाँ भी आइये... वार्ता को देते हैं विराम नमस्कार ........

7 टिप्पणियाँ:

सार्थक संयोजन वार्ता का |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार संध्या जी |
आशा

संगीता पूरी जी! आपका सुझाव पसंद आया. क्यों न कांग्रेस के स्थापना दिवस को ही करप्शन डे घोषित कर दिया जाये.

बढ़िया वार्ता संध्या जी....
अब तक जो लिंक्स देखे शानदार....

शुक्रिया
सस्नेह
अनु

रोचक वार्ता………सुन्दर लिंक संयोजन्।

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