शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

पांखुरी पांखुरी बोल रही है...मोहब्बत जीत जाएगी...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....एक लम्बे ब्रेक के बाद हम फिर से लाये हैं कुछ खास चुनिन्दा लिंक्स... आशा करते हैं हमारी पसंद आपकी भी पसंद होगी. लीजिये प्रस्तुत हैं आज की वार्ता ........

http://www.shaunkillenphotography.com/wp-content/uploads/2010/10/mull-sunrise-2-900x600-srgb.jpg

करिश्माई ... - सौदागिरी का हुनर, हम सीख के भी क्या लेते 'उदय' क्योंकि - ईमान का सौदा हमसे मुमकिन नहीं होता ? ... कहीं मातम, तो कहीं जश्न के मंजर हैं उफ़ ! मौत ...आंसू तो दिल की जुबान हैं - *वैज्ञानिकों के अनुसार आंसूओं में इतनी अधिक कीटाणुनाशक क्षमता होती है कि इससे छह हजार गुना ज्यादा जल में भी इसका प्रभाव बना रहता है। एक चम्मच आंसू, ...सुख-दुख से परे - एकमात्र सत्य हो तुम ही तुम्हारे अतिरिक्त नहीं है अस्तित्व किसी और का सृजन और संहार तुम्ही से है फिर भी कोई जानना नहीं चाहता तुम्हारे बारे में ! कोई तुम्...

 प्यार न भूले,,, - *प्यार न भूलें,* हम भूलें तो नफरत को, मगर प्यार न भूलें, निरादर को भुला दें , मगर सत्कार न भूलें! ये जीवन की हकीकत है,कैसे ..प्रेम की सीढ़ी मन चढ़ता है - प्रेम की सीढ़ी मन चढ़ता है रेशमी ख्वाब बुनने हैं, रोशनी के गीत गुनने हैं चांदनी चादर बिछा दो, फूल कुछ खास चुनने हैं पांखुरी पांखुरी बोल रही है ... मोहब्बत जीत जाएगी.....!!! - मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो मेरे दिल में तुम ही तुम हो ये आखिर जान जाओ तो ...!!! *मेरे दिलबर कसम तुमको कभी ना दूर जाना तुम मेरी चाहत बुल... 

ओ रे कसाब ! - * * *गर किया होता तूने * *एक ठों काम नायाब,* *फिर चुकाना क्यों पड़ता * *इसतरह तुझे * *अपने कर्मों का हिसाब !* *ओ रे कसाब** !!* *नरसंहार का * *एक अकेला * *... देश अभी शर्मिंदा है, अफजल गुरु जिंदा है ! - आज बात तो करने आया था महाराष्ट्र सरकार के उस शर्मनाक फैसले की, जिससे उसने देश के एक बड़े तपके के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया। यानि शिवसेना सुप्रीमों ...कसाब गया, असली गुनाहगार बाकी - भारत के खिलाफ युद्ध छेडऩे के दोषी पाए गए मुंबई हमले के एकमात्र जीवित पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को आखिरकार बुधवार की सुबह फांसी दे दी गई। पुणे के यरवदा ...

मी बाल ठाकरे बोलतो - बाला साहेब ठाकरे को उनके जाने के बाद भी लोग अलग अलग कारणो से याद कर रहे हैं। विरोधी उनकी शव यात्रा में उमड़ी भीड़ का उचित संबंध नफ़रत की राजनीती से जोड़ ...डीपीआईपी की महिलाओं ने बनाया समुदाय आधारित बीमा संगठन विश्व बैंक दल द्वारा अभिनव प्रयास की सराहना मध्यप्रदेश के भ्रमण पर आये विश्व बैंक दल ने आज पन्ना, रीवा, सागर एवं नरसिंहपुर जिले का भ्रमण कर स्व-सहायता समूहों एवं ग्राम उत्थान समितियों में शामिल महिलाओं से उनके द्वारा प्रारम्भ की गई आजीविका गतिविधियों से उनकी आमदनी में हो रही वृद्धि के संबंध में जानकारी प्राप्त की। ....सुख-दुख से परे एकमात्र सत्य हो तुम ही तुम्हारे अतिरिक्त नहीं है अस्तित्व किसी और का सृजन और संहार तुम्ही से है फिर भी कोई जानना नहीं चाहता तुम्हारे बारे में ! कोई तुम्हें याद नहीं करता आराधना नहीं करता कोई भी तुम्हारी कितने उपेक्षित-से हो गए हो तुम पहले तो ऐसा नहीं था !! भले ही तुम सुख-दुख से परे हो किंतु, मैं तुम्हारा दुख समझ सकता हूं ऐ ब्रह्म !!

चाँद तारे तोड़ लूं तू ज़रा करीब आ तो पुछ लूं कि उनका सूरज दूर क्यों है ? चिराग़ सिर्फ बंद दीवारो के बीच सकून तौलते है आ ज़रा करीब तो चाँद तारे तोड़ लूं उन्हें भी मय्यसर हो उजाले फेर जरा हाथ तो वो नज़ारे जोड़ दूं !!  ....गुमशुदा - तेरी यादों की भीड़ में ...मैं गुमशुदा बहुत हो चुका अब तुम्हें आना ही होगा कि मैं भी थक चुका हूँ इस कोलाहल से . चले आओ यादों से निकलकर मेरे ऐन सामने ...जीवन को मैं फुसला रही!!! - *तुम्हारी स्मृतियाँ निशा के संग दबे पाँव आ रही*** *ना जाने क्यूँ हृदय पीड़ा**? अभ्र बन,नैनो मे मेरा छा रही।* * * *सो गए इस गहन तम मे**,जग के सभी सहयात्री..

चचा छक्कन और चोर पार्टी की सदारत - सुबह की सैर के वक्त चचा छक्कन दिखाई दे गए, दुआ सलाम के साथ हाल-चाल खैरियत का आदान-प्रदान हुआ। "क्या बताएं मियाँ महंगाई ने हालत ख़राब कर दी, जीना मुहाल हो ... एक व्यंग्य : ...छपाना एक पुस्तक का..."(भाग-1) - प्रिय मित्रो ! बहुत दिन बाद इस ब्लाग पर लौटा हूं. सेवा में एक व्यंग्य रचना "...छपाना एक पुस्तक का..." (भाग-1) लगा रहा हूँ शायद पसन्द आए.... ......*छपाना ...कभी कभी यूँ भी .... - देश में आजकल माहौल बेहद राजनीतिक हो चला है. समाचार देख, सुनकर दिमाग का दही हो जाता है.ऐसे में इसे ज़रा हल्का करने के लिए कुछ बातें मन की हो जाएँ. हैं ए... 

 

Department : Cartoon of the Day

 

कार्टून :- कसाब जी के मानवाधि‍कारों का उल्‍लंघन

 

अब इजाज़त दीजिये नमस्कार......

10 टिप्पणियाँ:

मैं नियमित रूप से इस ब्लॉग को देखती थी पर कारण समझ नहीं आया था इस की नियमितता भंग होने का |

रोचक ब्लॉग वार्ता,,
मेरी रचना "प्यार न भूले,को शामिल करने के लिए आभार,,,संध्या जी,,,

वाह ... बहुत ही बढिया लिंक्‍स

बढ़िया वार्ता .... कल पढ़ती हूँ लिंक्स ॥

सबसे बढिया तो आपका लिंक्स प्रस्तुति का तरीका है जो सुंदर और संक्षिप्त रूप में बहुत ज्यादा लिंक्स दिखा देता है

बहुत बढ़ियाँ लिंक्स है..
बढ़ियाँ वार्ता दी...
:-)

अच्छे लिंक्स मिले।
आभार आपका।

बहुत बढिया वार्ता प्रस्तुति...

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