गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

2012 . 2013 में विभिन्‍न लग्‍नवालों के विवाह के योग ….ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार , प्राकृतिक आपदाएं हमारा पीडा नहीं छोडती , फिलीपींस में इस साल के सबसे जबरदस्त तूफान में करीब दो लाख लोग बेघर हो गए और 475 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इस बीच सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है। तूफान ‘बोफा’ मंगलवार को मिंडानाओ द्वीप के पास आया। रास्ते के शहरों को पूरी तरह से झकझोरने वाला यह तूफान साथ में तेज बारिश भी लाया जिससे बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा हुई। एरिनीया कैंटीला और उनका छह सदस्यीय परिवार न्यू बतान के पास करीब दो दिन तक नंगे पैर भोजन और आश्रय की तलाश में घूमता रहा क्योंकि तूफान के कारण उनका घर और फार्म तबाह हो गए। इस समाचार के बाद चलते हैं आज की वार्ता पर ....

फलों में पोषक तत्व : अनार - फल : अनार(इनमें केवल वे पोषक तत्व सूचीबद्ध है जो उल्लेखनीय मात्रा में उपस्थित होते हैं।) *एक कप परिमाण *अनार *में 4.21 grams प्रोटीन, 112 केलरीज, और 8...शून्य-बटे-सन्नाटा ... - काश ! होता .......... हम में भी, छपने-छपाने का हुनर तो शायद, हमारे करतबों पे भी तालियाँ बज रही होतीं ? ... अब 'खुदा' ही जाने, क्यूँ खफा हैं वो बस...इक महल हो सपनों का --- - हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान फिर भी कम निकले। जब तक सूरज चाँद रहेगा, तब तक मनुष्य के मन में अरमान रहेंगे। जहां भी जाएं वहाँ की व्यवस्था को पूरी तौर से अंगीकार करें। - साल में दूसरी बार नार्वे में एक और भारतीय दंपति अपनी ही संतान को लेकर वहां की सरकार का कोपभाजन बन गयी है। बच्चों का ठीक से पालन-पोषण नहीं करने के आरोप मे...


ईश्वर ने तो जवाब गढ़े - पर खुद प्रश्नों के सैलाब में फंस गए - * क्रम-दर-क्रम आखिकार हम प्रवेश कर ही गए परिकल्पना उत्सव के पांचवे दिन के आखिरी पड़ाव में। मध्यांतर से पूर्व दुनिया समाप्त होने की संभावनाओं की जब बात ह...गर बच सके तो "कुछ" बचा लो - मिट रही है इंसानियत बढ़ रही है हैवानियत इंसानियत के नीलाम होने से पहले गर बच सके तो "कुछ" बचा लो बिक चुका है जो जमीर लालच हुआ गीत/ सत्ता का गुणगान नहीं जो लिख पाया.... - *।। गीत।। --------------- सत्ता का गुणगान नहीं जो लिख पाया। क्या करता कि कभी नहीं वो बिक पाया। । -------------- बाजारों में लोग बड़े आतुर दिखते, जिसको देखो ...- *इक ख़ूबसूरत याद का........ यूँ बीच राह में मिलना, बारिश की इक शाम जैसे..... सूरजमुखी का खिलना. वो कालेज वाली चौक पर.. इक दुकान थी गपशप की, गुजरना तेरी गलि...


जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो यहां हैं...खुशदीप- दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत... लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है संसद... लेकिन देश की शान इसी संसद में एफडीआई जैसे गंभीर मुद्दे पर बहस के दौरान ये...सुन सनकर तंग आए ''देश का अगला...........?" - कांग्रेस, हम ने कल लोक सभा में एफडीआई बिल पारित करवा दिया। अब हम गुजरात में भी अपनी जीत का परचम लहराएंगे। मीडिया कर्मी ने बीच में बात काटते हुए पूछा, अपनी बीबी के नाम से दे दे सेठ...दो दिन से कुछ मुर्गा...अंगूरी नही चखी है सेठ... - यह सर्व विदित है कि ताऊ ने बहुत सारे काम धंधे किये पर किसी भी काम में सफ़लता उससे इतनी ही दूरी रखती थी जितनी रामप्यारे के सर से सींग. ताऊ ने चोरी, डकैती..." खुसरे, गाली दे सकते हैं- निभा नहीं सकते " !!!???? - * प्यारे मित्रो,बहनों और भाइयो,नमस्कार !! * * इस संबोधन को हम आगे बढ़ाना चाहें , तो पुरषों से सम्बंधित कई रिश्ते लिखे जा सकते हैं, या फिर महिलाओं से सम्ब...


बचायें किसी की जान, आइये करे रक्तदान - ।।जीते-जी रक्तदान।। ।।जाते-जाते नेत्रदान।। ‘‘एक महत्त्वपूर्ण अपील - ब्लड हेल्पलाइन’’ आदरणीय स्नेहीजन, सादर वन्दे म...Media multitasking can trigger anxiety -Media multitasking can trigger anxiety एक नवीन अध्ययन के अनुसार एक ही समय पर जन संचार माध्यमों की एक से ज्यादा किस्में इस्तेमाल करने वालों में मसलन समर शेष है -रामधारी सिंह दिनकर ढीली करो धनुष की डोरी, तरकस का कस खोलो किसने कहा, युद्ध की बेला गई, शान्ति से बोलो? किसने कहा, और मत बेधो हृदय वह्नि के शर से भरो भुवन...2012 . 2013 में विभिन्‍न लग्‍नवालों के विवाह के योग …..एक पुराने लेख में मैने बताया है कि ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कोई भी सिद्धांत विकसित नहीं किया जा सकता है ,जिससे विवाह उम्र की निश्चित जानकारी प्राप्त हो सके । इसका कारण यह है कि विवाह उम्र के निर्धारण में परिवार ,समाज ,युग ,वातावरण और परिस्थितियों की भूमिका ग्रह-नक्षत्र से अधिक महत्वपूर्ण होती है। प्राचीनकाल में भी वही 12 राशियां होती थीं ,वही नवग्रह हुआ करते थें, दशाकाल का गणित वही था ,उसी के अनुसार जन्मपत्र बनते थे । उस समय विवाह की उम्र 5 वर्ष से भी कम होती थी , फिर क्रमश: बढ़ती हुई 10.15.20.25.से 30 वर्ष तक हो गयी है । अभी भी अनेक जन-जातियों में बाल-विवाह की प्रथा है। क्या उस समाज में विशेष राशियों और नक्षत्रों के आधार पर जन्मपत्र बनते हैं ?

मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ....

7 टिप्पणियाँ:

संगीता जी, सार्थक और सराहनीय वार्ता की है आपने।
...........
एक रोचक बाल उपन्‍यास...

बढिया रहा।
ब्रेक के बाद फिर मिलेंगे ...

बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति

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