सोमवार, 10 दिसंबर 2012

21 दिसंबर को खत्म नहीं होगी दुनिया...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार.....नासा के शीर्ष वैज्ञानिकों ने 21 दिसंबर 2012 को दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी को बकवास करार दिया है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि 21 दिसंबर को दुनिया खत्म होने वाली नहीं है। पिछले चार अरब साल से अधिक समय से पृथ्वी टिकी हुई और वैज्ञानिकों को इससे जुड़े किसी खतरे की जानकारी नहीं है। वैज्ञानिकों ने बताया कि सुमेर सभ्यता के समय खोजे गए एक संभावित ग्रह निबिरु के पृथ्वी से टकरा जाने की अफवाह के कारण इस खबर को बल मिला, नासा ने यह भी स्पष्ट किया है कि माया सभ्यता का कैलेंडर दिसंबर 2012 में खत्म नहीं हो रहा है। वैज्ञानिकों ने यह बताया कि निबिरु के पृथ्वी से टकराने की खबर सिर्फ एक अफवाह, जो इंटरनेट के जरिये लोगों के बीच फैली। इस अफवाह से दुनिया के कई देशों में दहशत है। रूस, फ्रांस, मैक्सिको, यूक्रेन आदि देशों में इसका खासा असर देखा जा रहा है। लेकिन वैज्ञानिकों के साथ-साथ भविष्यवक्ता भी 21 दिसंबर को दुनिया खत्म होने को अफवाह बता रहे हैं। दुनिया कि चिंता ख़त्म हुई ... :)) , आइये चलते हैं आज की वार्ता पर. आज काफी सारे लिंक चुनकर लाये हैं हम आपके लिए ....

 http://static.binscorner.com/c/contribute-to-save-earth/part-007.jpeg 
 
पुराने रिश्ते -पुराने लोग - पता नहीं ये योग है या संयोग -- आज प्रो. सरोजकुमार जी के यहाँ जाना हुआ माँ को लेकर( कल वादा जो कर लिया था)...फ़िर वे और माँ बीते दिन याद करते रहे ,और मैं ... सच कहना - सच कहना रुकता है क्या ...कुछ किसी के होने से या न होने से . कहीं कुछ नहीं थमता वैसे ही है चलता रहता अच्छा है जितनी जल्दी आ जाएँ बाहर ..... ये सर्दियां और तुम्हारे प्यार की मखमली सी चादर... - आज मौसम ने फिर करवट ली है, ज़रा सी बारिश होते ही हवाओं में ठण्ड कैसे घुल-मिल जाती है न, ठीक वैसे ही जैसे तुम मेरी ज़िन्दगी के द्रव्य में घुल-मिल गयी हो..

मन है, तनिक ठहर लूँ - मन फिर है, जीवन के संग, कुछ गुपचुप बातें कर लूँ । बैठ मिटाऊँ क्लेश, रहा जो शेष, सहजता भर लूँ ।। देखो तो दिनभर, दिनकर संग दौड़ रही, यश प्रचण्ड बन, छा जा...BIKANER- Desnok Karni Mata's Rats Temple बीकानेर- दशनोक करणी माता का चूहे वाला मन्दिर - रामदेवरा बाबा के यहाँ से जब चले तो शाम का समय हो रहा था। उस समय बीकानेर के लिये कैसी भी मतलब सवारी गाड़ी या तेजगति वाली एक्सप्रेस गाडी भी नहीं मिलने ... सुबहे बनारस-2 - ये आज सुबह की तस्वीरें हैं। गंगा जी में आजकल साइबेरियन पंछियों का जमावड़ा है। नाव में सूर्योदय के दर्शन के लिए घूमने वाले यात्रि इनके लिए कुछ दाना लिये रह... 

मौन निमंत्रण - मौन निमंत्रण ये मेरा है मौन निमंत्रण, आज तुम्हें अजमाने को, जब मैं पहुंचा देर शाम को, खेतों औ खलिहानों को. तेरी साँसे पास न आयीं, मेरा दिल बहलाने को, सो अप...  धार बनी नदिया की ....... - नदी की यात्रा ....समुद्र की ओर .....आत्मा की यात्रा, परमात्मा की ओर ....इसी भाव से पढ़िये ....धार बनी नदिया की ...... छवि मन भावे ... नयन समावे .. सूरति... लिखने को बेकरार - *-* लिखने को बेकरार लेखनी रुक न पाएगी पुरवैया के झोंकों सी बढती जाएगी सर्द हवा के झोंकों का अहसास कराएगी जब कभी गर्मीं होगी प्रभाव तो होगा मौसम ...

तम्बुओं के शहर इलाहाबाद का अलबेला कवि -कैलाश गौतम - लोकप्रिय कवि -कैलाश गौतम समय [08-01-1944 से 09-12-2006] आज पुण्यतिथि पर विशेष वह विगत कई दशकों का एक अलबेला कवि था | उसकी कविताओं में बनारस की मस्ती और..बैठे ठाले - ३ - नई गाड़ी चलाने का रोमांच कुछ और ही होता है. मैं अपने १९ वर्ष पुरानी मारुती ८०० को एक एक्सचेंज ऑफर के तहत बदल कर, नई नैनो सी एक्स लेकर, घर आया तो देखा घर क... * हिचकियाँ * - *तुमसे दूर हूँ कुछ मजबूर हूँ* *ना ई - मेल,, ना मेसेज ...* *तुमने मना जो किया है* *कैसे तुम्हें याद दिलाऊँ* *की तुम्हारी बहुत याद आती है* *सबसे सुना है की ... 

किताब - जागते हुए शब्दों के बीच सोते हुए अर्थों में बंद एक किताब अपने में समेटे कई- कई इतिहासों की पुनरावृत्ति भूगोल की नयी परिभाषाएं जीत से हार और हार से जीत का... ऐ ! आलोचना के बाबुओं ... - क्या कहूँ ? इस मुख से कहते हुए बड़ी ही लज्जा सी आती है कि कैसे आज की कविता अपना चीरहरण खुद ही करवाती है और अपनी सफाई देते हुए बात-बात में गीता या सीता को ..जलाओ मशाल कि... - *जलाओ मशाल कि रौशनी हो,* *अभिशप्त प्रलेखों को फूंकने का* *हौसला रखो ....।* * **जलती मशाल में तेल कितना है ,* *कम पड़े तो देह की चर्बी जलाने का,* *फैसला रखो... 

 माँ तो माँ है ... मैंने देखा तुम मुस्कुरा रही हो देख रही हो हर वो रस्म जो तुम्हारी सांसों के जाने के साथ ही शुरू हो गयी थी समझ तो तुम भी गयीं थीं अब ज्यादा देर तुम्हें इस घर में नहीं टिका सकेंगे हम अंतिम संस्कार के बहाने बरसों से जुड़ा ये नाता कुछ पल से ज्यादा नहीं सहा जाएगा कुछ देर तक दूर से आने वालों का इंतज़ार अंतिम दर्शन फिर चार कन्धों की सवारी... नासूर टीस सी उठती है जब रगों में दौड़ता है धुआँ जो तुम्हारी सिगरेट से निकलता हुआ मुझे हर पल, हर घडी अहसास दिलाता है कि तुम्हारा शौक हमें दूर कर देगा ......हेमंत ऋतु पर कुछ हाइकू शीतल जल रविकर किरण हिम पिघल आग जलाई कहर निरंतर ओढ़ रजाई चौपट धंधे हैं चिंतित किसान छुपे परिंदे गर्म तसला मुरझाई फसल सूर्य निकला घना कुहासा खिलखिले सुमन शीतल भाषा पौष से माघ सुरसुरी पवन पानी सी आग शुरू गुलाबी मानव भयभीत शिशिर बाकी ......

विशाल भारद्वाज का संगीतमय फि‍ल्‍मी सफर - विशाल भारद्वाज का संगीतमय फि‍ल्मी सफर...सुनील चि‍पड़े के साथ...... प्रस्तुति- सुनील चिपड़े ..

कार्टून कुछ बोलता है- राज को राज रहने दो !

 

आज के लिए बस इतना ही इजाज़त दीजिये नमस्कार.........


8 टिप्पणियाँ:

बहुत ही अच्छी वार्ता, खामोश दिल की सुगबुगाहट को शामिल करने का शुक्रिया....

बहुत बढ़िया वार्ता.....
आभार संध्या जी.

सस्नेह
अनु

मन भावन विषयों पर पाठन सामग्री इस तरह व्यवस्थित रूप से मिल जाए तो क्या कहना .
छप्पर फाड के ...धन्यवाद ब्लॉगफॉरवार्ता

मेरी हिचकियाँ आपने भी सुन ली....
थैंक्स संध्या दी...
:-)

बहुत सुन्दर लेख हैं.आज इन्टरनेट पर हिंदी भाषा में अच्छे लेखन की बहुत मांग है.ऐसा ही एक छोटा सा प्रयास मैंने भी किया है..जानकारी के लिए http://meaningofsuccess1.blogspot.in/ विजिट करें.आशा है आपको पसंद आएगा.

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