सोमवार, 24 दिसंबर 2012

ओ देश के कर्णधारों …अब तो जागो...ब्लॉग 4 वार्ता... संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार....ज़रा सोचिये ! बलात्कारियों के लिए कौनसी सजा उचित है या होनी चाहिए ये तो देश के बुद्धिजीवी और प्रबुद्ध व्यक्ति तय कर ही लेंगे मगर कुछ और भी हैं, जो कुछ इस तरह से हैं- - १. कोई भी व्यक्ति इस ओर ध्यान क्यूँ नहीं दे रहा कि चाहे वो आदमी हो या फिर औरत उस पर समाज का सीधा सीधा असर पड़ता है. वो रोजमर्रा की छोटी छोटी घटनाओं से प्रभावित होता है. क्या, कहीं हमारे समाज में ही तो दोष नहीं आ गया है. यहाँ ये गौर करने लायक है कि समाज भी बिगडता है.. और सुधरता है.....तभी तो समय समय पर 'समाज सुधारकों' का उदय होता आया है. - २. क्यों नहीं हम व्यक्ति के निर्माण पर जोर देते.....लीजिये प्रस्तुत है आज की वार्ता...

गृहमंत्री साहब ! अपराध तो बढ़ेंगे ही ... - जब प्रदेश के गृह मंत्री शराब ठेकेदारों के हाथों थाने बिकने की सिर्फ बात करता हो, पुलिस कप्तान को निकम्मा तो कहता हो लेकिन कार्रवाई नहीं कर पाता हो तब अपराध ... चलो दिल्ली ! - * * चलो दिल्ली ,चलो जनपथ, जहाँ हुक्काम बहरे हैं हवाओं में,फिजाओं में ,जहाँ संगीन पहरे हैं. चलाओ गोलियाँ ! छलनी हमारी छातियाँ हो जांय , ये आतिश बुझ ....पक्षपाती नजर से निष्पक्ष कार्रवाई की माँग याने अगले जघन्‍य सामूहिक बलात्कार की प्रतीक्षा - बेईमानी भरे दिल-दिमाग-नजर से की गई, ईमानदार कार्रवाई की माँग अपने आप में बेईमानी होती है। चूँकि हम सब यही कर रहे हैं, इसलिए, दिल्ली में हुई, सामूहिक बलात्... 

प्‍यारी लड़कियो! - लड़कियो! 1- अपने घरों से बाहर निकलो. 2- पब्लिक स्‍पेस पर कब्‍जा करो. यकीन करो, धरती की हर इंच जगह तुम्‍हारी है और तुम्‍हें कहीं भी जाने-होने-रहने-जीने .PIL of 'We, the people' - लड़की की आँखों को देखिये, चेहरे के भाव और देह की भंगिमा देखिये। यह ऐतिहासिक चित्र है। यह है स्त्री! केयरिंग, निर्भय और अपने अधिकारों के प्रति सचेत। ~...अपने नगर में क्या होता है वह तो दिखता नहीं ..... - श्रीगंगानगर-दिल्ली की घटना से पूरे देश में आक्रोश है। गुस्सा है। नाराजगी है। हल्ला है। चर्चा है। देश भर की पुलिस अपने आप को लड़कियों के प्रति और चौकस हो ... 

फांसी की सजा बलात्कार का समाधान नहीं - दिल्ली गैंगरेप के बाद दिल्ली समेत देश के कई भागों में इन बलात्कारियों को फाँसी की सजा देने की माँग जोर पकड़ने लगी है। ऐसा लग रहा है जैसे इन दो-चा...जी करता है तेरा ताऊ-मार्शल करवा दूं... - ताऊ महाराज धृतराष्ट्र अंदर राजमहल में मिस समीरा टेढी के साथ शतरंज खेलने में व्यस्त हैं. बीच बीच में टीवी स्क्रीन पर नजर भी डाल लेते हैं. सभी को पता है कि...अंतर्द्वंद... क्या बताओगे आने वाली पीढ़ी को कि सिर्फ दिमाग लेकर ही पैदा हुआ था आज का इंसान दिल नहीं था इसके पास निज स्वार्थ के आगे मानवता भी भूला द्वंद्व है मन ... 

सचिन : बहुत देर कर दी, हुजूर जाते जाते ... - *सचिन *रमेश तेंदुलकर महान क्रिकेटर हैं, इस बात से किसी को एतराज नहीं हो सकता। देश उन्हें क्रिकेट का भगवान कहता है। मैं व्यक्तिगत रुप से ये मानता हूं कि ...शब्द - वो शब्द छोड़ दिये हैं असहाय विचरने को खुले आसमान में वो असहाय हैं, निरुत्तर हैं कुछ कह नहीं पा रहे या कभी सुने नहीं जाते रौंध दिये जाते हैं सरेआम इन खुली स... समाधान समस्याओं का,,, - नेता जी से - उनकी पत्नी ने पूछा - ? अजी, आखिर निरक्षरता, बेरोजगारी, व देश की अन्य समस्याये, पूर्ण रूपेण हल क्यों नही हो पाती, पहले तो नेता जी झुझलाये फिर ..

आरंग ........... - सिरपुर की ओर 18/11/12 दिनांक-18 नवम्बर 2012, समय-12.15 PM रायपुर तेलीबांधा रिंगरोड़ चौराहे पर मुम्बई से कलकत्ता जाने वाली सड़क के किनारे खड़ा था बस की प्रती..ब्लॉग और ब्लॉगर की टिप्पणी-4 - हे भगवान! तुमसे कोई चूक तो नहीं हो गई? नर-नारी दोनो को स्वतंत्र कर देते..जो चाहे, जैसे चाहे भोग..संभोग करे.. बच्चे पैदा करे..हे अर्द्ध नारीश्वर!...ज़िंदगी जीती रहूँ मैं उधार की - ज़िंदगी जीती रहूँ मैं उधार की जब तक मिले साँसे तुम्हारे प्यार की, हांथों की इन लकीर मे तेरा, ही नाम है उस नाम संग जीना मेरा बस काम है आशाओं मे जीती हू... 

सूर्य का संताप - सूर्य का संताप मैंने बचपन से आज तक हर रोज़ सूरज को सुबह औ शाम गंगा नहाते देखा है जैसे मानो उसने भीष्म प्रतिज्ञा कर रखी हो गंगा में डुबकी लगाये बिना गंगा के ...  दामिनी - अरुणा .... कौन कौन !!! - यह दामिनी है वह अरुणा थी तब भी एक शोर था आज भी शोर है ......... क्यूँ ? क्यूँ ? क्यूँ ? ............. शोर की ज़रूरत ही नहीं है नहीं है ज़रूरत कौन कब... ओ देश के कर्णधारों ……अब तो जागो - कुम्भकर्णी नींद में सोने वालों अब तो जागो ओ देश के कर्णधारों ……अब तो जागो क्या देश की आधी आबादी से तुम्हें सरोकार नहीं क्या तुम्हारे घर में भी उनकी जगह नहीं ...
 

 
इजाज़त दीजिये नमस्कार...

9 टिप्पणियाँ:

अपनी ब्‍लॉग पास्‍ट को इस संचयन में देख कर अच्‍छा तो लग रहा है किन्‍तु जिम्‍मेदारी का भाव भी मन पर बढता जा रहा है।

आभारी हूँ।

उम्दा संयोजन लिंक्स का |
आशा

देश की स्थिति को देखते हुए गाफ़िल रहने की बजाए अधिकारों के प्रति जागना ही जरुरी है। उम्दा लिंक्स और बढिया वार्ता के लिए आभार संध्या जी…… सुप्रभात

कार्टून:- राजपथ का मर्ज़ है, गठि‍या करके दम लेगा
sachai hai

उम्दा लिंक्स के साथ शानदार वार्ता संध्या दी हार्दिक बधाई

अनुपम लिंक्‍स संयोजित किये हैं आपने ...
आभार

इतने सारे लिंक्स तक पहुंचाने के लिए आभार

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