सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

मैं चिराग़ हूँ हीर की मज़ार का ---- ब्लॉग4वार्ता ---- ललित शर्मा

नमस्कार, आज वेलेन्टाईन डे है, दोनों मोर्चे सजे हुए हैं। एक कह रहा है कि विदेशी त्यौहार नहीं मनाने देगें। इससे भारतीय संस्कृति का ह्रास हो रहा है, दूसरा मोर्चा गुलाब बांटने की तैयारी में हैं, सबको हैप्पी वेलेन्टाईन कहने के लिए। तीसरी तरफ़ खाखी वर्दी ने भी सुधारसिंग तैयार करके एलान कर दिया है कि कानून तोड़ने वाली किसी भी हरकत को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। कुल मिलाकर वेलेन्टाईन डे अब बेलनताईन दे बन गया है। घरेलु पत्नी महासंघ ने भी अपने जासूस छोड़ दिए हैं कि मिंया कहीं फ़ूलों और गिफ़्ट की दुकान पर तो नहीं खड़े हैं। अगर धोखे से भी वहाँ मिल गए तो धुलाई पक्की समझिए। अब चलते हैं आज की वेलेन्टाइन वार्ता पर.....

सबसे पहले मस्तान सिंह जी के व्यंग्य चित्र का अवलोकन करते हैं


 
संजीव शर्मा कह रहे हैं पपी लव या लव,सेक्स और धोखा.अब इसे प्रेम का बाज़ार कहें या बाज़ार का प्रेम या फिर ‘लव,सेक्स और धोखा’ क्योंकि आज के दौर के प्रेम ने तो प्यार को दिनों में बाँट दिया है.तभी तो वेलेन्टाइन डे के दौरान फ़रवरी माह की 7 तारीख को रोज डे, 8 को प्... स्वतंत्र विचार पर इंतजार हो रहा है--मेरे इंतजार मै तू जो दो पल ठहर जाती ! तेरे गेसूं तले फिर ये शाम हो जाती ! तेरे दीदार पे मै ये जन्नत बिछा देता ! मेरी ये जिंदगानी खुशगवार हो जाती ! तेरी नशीली आँखों का जो मै जाम पी लेता !-- पीए जाओ, पीए जाओ।

सतीश पंचम पूछ रहे हैं डू यू नो बलटिहान बाबा. पढो तो जानो कौन हैं बलटिहान बाबा।यदि इस लेख से किसी की प्रेमिल भावनाएं आहत होती हैं तो इसकी जिम्मेदारी उस शख्स की पत्नी की होगी.........पति तो वैसे भी गैरजिम्मेदार माने जाते हैं : ) बहरहाल आप लोग अपनी अपनी सीट बेल्ट बांध लें...आया  है प्रणय पर्व इतने बरसों बाद सही, इस बार सफल हो जाऊं... आँखों में बसने को तेरी, मैं काजल हो जाऊं... उर द्वार बना लो जो मुझको, मैं सांकल हो जाऊं... तेरे हांथों में आने को, मैं आंचल हो जाऊं... 
 
आईए चलते हैं खंडहरों में, जो कह रहे हैं  यादों के अवशेष रह गए ! 
              सतरंगे सपनों का मेला  वीरान हुआ संग्राम में ,
                  दिल की धरती पर केवल,यादों के अवशेष रह गए !
                              
    नज़रबंद हो गयी रात भी ,
 कैद सुबह की हुई रोशनी
   भरी दोपहरी बागों में अब 
   नहीं प्यार की छाँव घनी !
        लौट गयी सारी उम्मीदें ,खामोश घर  के आँगन से ,
             मुसाफिरों के स्वागत में, न जाने  कितने  देश रह गए !
  पूछ रहा मैं चौराहों से
       मंजिल है किस राह पर ,
       उत्तर बन कर हर सवाल 
            आ ठहरा  मेरी निगाह  पर !
अंधियारे के ज़हरीले तीरों से मर गया है सूरज ,
            किसी बावरी विधवा के ज्यों, बिखरे-बिखरे  केश रह गए !

शाश्वत शिल्प  पर महेन्द्र वर्मा जी की गजल पढिए
 
एक दिया तो जल जाने दे,
सूरज को कुछ सुस्ताने दे।


पलट रहा क्यूं आईने को,
जो सच है वो दिखलाने दे।


एक सिरा तो थामो तुम भी,
उलझा है जो सुलझाने दे।


चिंगारी रख ऐसी दिल में,
अंगारों को शरमाने दे।


कैद न कर पंछी पिंजरे में,
उसे मुक्ति का सुर गाने दे।.
 
 
कभी ऐसा भी तो करें जहाँ मन पाए विश्राम कभी ऐसा भी तो करें   फूलों से बतियाएं थोड़ा हरी घास का बने बिछौना, बांसों के झुरमुट में जाकर ढूंढें कोई शीतल कोना ! कभी शहर से दूर गाँव में पंचभूत से आँख मिलाएँ, एक गगन हमारे भीतर उससे भी पहचान बनाएँ !कब याद में तेरा साथ नहीं- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़कब याद में तेरा साथ नहीं कब हाथ में तेरा हाथ नहीं सद शुक्र के अपनी रातों में अब हिज्र की कोई रात नहीं मुश्किल हैं अगर हालात वहाँ दिल बेच आयेँ जाँ दे आयेँ दिल वालो कूचा-ए-जानाँ में क्या ऐसे भी हालात नहीं ज...
 
'वेलेंटाइन डे' की पूर्व-संध्या पर गीत / मिलन का पल आया है...वसंतोत्सव जारी है. न चाहते हुए भी मेरा मन बैरागी भी प्रेम-राग गाने पर विवश हो रहा है. उस पर ये मुआँ ''वेलेंटाइन डे'' ....? ये भी आ टपका. मन कैसे प्रियजन को याद न करे. (अब कोई प्रिय हो न हो, कल्पना करने मे...राजघाट से गाजा तक कारवां-7राजघाट से गाजा तक के कारवां में साथ रहे दैनिक छत्‍तीसगढ़ समाचार पत्र के संपादक श्री सुनील कुमार जी के इस संस्‍मरण के संपादित अंश बीबीसी हिन्‍दी में क्रमश: प्रकाशित किए गए हैं. हम अपने पाठकों के लिए सुनील ...
 
त्रिफला चूर्ण से भी होता है शरीर का कायाकल्प आजकल की भागदौड़ भरी जिन्दगी व अनियमित खान-पान व तनाव भरे माहौल में ज्यादातर लोग तरह तरह के रोगों से पीड़ित रहते है जिनमे कब्ज व शारीरिक सुस्ती के ज्यादातर लोग शिकार रहते है | और इससे निजात पाने के लिए एलोपे...वेलेंटाइन डे पर एक चिट्ठीमाँ ** बहुत प्यार करता हूँ तुम्हे फिर भी दे ना सका कभी तुम्हे कोई गुलाब कोई कार्ड जब भी कुछ देने की पहल की सोचा पहले छुडवा दू तुम्हारे बंधक पड़े गहने गहने छुडवा न सका क्योंकि हर बार बदल गई प्राथमिकताएं कुछ त...
 
अदा जी कह रही हैं मेरे ब्लाग का तो बस ख़स्ता हाल हुआ है :):)कुछ लिखना आज कल मुहाल हुआ है इस दिमाग की धोती का रुमाल हुआ है कुछ गीत मेरे आप सुनते जाइए हुज़ूर मेरे ब्लाग का तो बस ख़स्ता हाल हुआ है :):) बरामदे यूँ तो गाँव आना महेश को बहुत भाता है, पर अपनी नौकरी के चलते साल में एक ही बार आना हो पाता. पढ़ाई खत्म होने तक साल में तीन या चार बार गाँव हो आता. बी.ए. करने के बाद एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में क्लर्क की नौक...
 
हबीब घूम आएं हैं मातागढ़ दाईसमस्त सम्माननीय, स्नेही मित्रों को सादर नमस्कार.... । मित्रों, पिछले छः हफ्ते भयंकर व्यस्तता में गुजरे हैं। आफिसिअल व्हीकल के घूमते पहियों में जीवन मानों थम गया सा महसूस होने लगा था। जब इस आपाधापी से दूर ...40 करोड़ भूखों के देश में शादी तीन करोड़ कीइमेजिन टीवी पर एक नया शो शुरू होने जा रहा है- शादी तीन करोड़ की...इमेजिन के सीनियर डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड कम्युनिकेशंस ) * निखिल मधोक* के मुताबिक इस रियलिटी शो के विजेता परिवार को घर में सपनों सरीखी शाद...
 
चलते चलते एक गीत हरकीरत हीर जी का मैं गीत हूँ तेरे इश्क़ का.
 
मैं बीज हूँ मोहब्बत का ....
तू इश्क़ की ज़मीं पे उगा जरा
मैं गीत हूँ तेरे इश्क़ का ......
तू गुनगुना के मुझे देख जरा

मैं सारी हयात तेरे साथ चलूं
तू महबूब मेरा बन तो जरा
मैं ख़त हूँ इक प्यार भरा,मेरी
इक-इक सतर तू पढ़ तो जरा

मैं चिराग़ हूँ हीर की मज़ार का
परवाना बन तू जल तो जरा
मैं आग हूँ , शरमाई हुई ........
इस बुत से नकाब उतार जरा ..

मैं चनाब हूँ , मैं रबाब हूँ ...
मैं हुस्नो - इल्म का शबाब हूँ
मैं मुहब्बत का इक गुलाब हूँ
तू खुश्बुएं लुटा के देख जरा .....

इक ज़ख्म हूँ मैं दर्द भरा ...
तू इश्क़ के धागे से सी जरा
हर दर्द रिस कर बह जायेगा
तू इश्क़ की दवा लगा तो जरा 
 
मुबारक हो वेलेन्टाईन, मिलते हैं ब्रेक के बाद,  एक नजर यहाँ भी कुछ है।

11 टिप्पणियाँ:

सतरंगी लिनक्स लिए वार्ता ....बहुत सुंदर ..आभार

कई लिंक और वार्ता देख कर अच्छा लगा |बधाई
आशा

मजा आ गया आज की पोस्ट को पढकर एक से बढकर एक लिंक के लिए आभार
वैलेंटाइन डे स्पेशल जिंदगी है छोटी हर पल मे खुश हुं

बहुत बढिया सजी है आज की वार्ता....

हैप्पी हग डे और वेलेंटाइन डे ... बहुत सुंदर वार्ता ... आभार |

ललीत जी नमस्कार
आज के लिक्स का संग्रह बहुत ही अच्छा लगा
हमारे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
http://sbhamboo.blogspot.com/2011/02/blog-post_13.html
मालीगांव
साया
लक्ष्य

कुछ अनपढे लिंक्स विशेष लगे ।

य़ु छोरी (महंगाई) किस की शे जी, ओर यू ताऊ मनमोहन के करन आया शे ?माअरे भेजे मे बात ना घुसी...
बाकी चर्चा तो घणी कसुती लागी, राम राम

स्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग का आभार स्वीकार किया जाए।

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More