शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

है यही पगले जवानी,डबरे पर सूरज का बिम्ब -- ब्लॉग4वार्ता---- ललित शर्मा

सभी को ललित शर्मा का नमस्कार, चलते हैं आज लेट लतीफ़ वार्ता पर,  जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है, इस पर चिंताए व्यक्त की जा रही हैं, कहते हैं 2020 तक हाहाकार मचा देगा जलवायु परिवर्तन जलवायु परिवर्तन का असर इसी दशक में इतने भयानक रूप में सामने आ सकता है कि दुनिया में हाहाकार मच सकता है. 2020 तक ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से पांच करोड़ से ज्यादा लोग बेघरबार   हो जाएंगे. अमेरिका के वॉशिंगटन में जारी एक साइंस कान्फ्रेंस में वैज्ञानिकों ने कहा कि ये पांच करोड़ लोग भूखे मरने की हालत में होंगे.  इन्हें अपने घर छोड़कर दुनिया के उत्तर की तरफ भागना होगा. साथ ही पढिए इनकम टैक्स छापा और वेवफ़ा मुर्गी

योगेन्द्र मौदगिल कह रहे हैं भाटिया जी निश्चिन्त रहें.खरगोन के कवि सम्मेलन के लिए आज रात हजरत निजाम्मुद्दीन से ट्रेन पकडूँगा. अंतर सोहिल भी साथ रहेंगे. खरगोन से लौटते हुए वापसी में इंदोर...... भाटिया जी के जर्मन लट्ठ ताई तक भिजवाने की जिम्मेवारी हमारी है....सोनल रस्तोगी कह रही हैं--मैं जितना पास आउंगी तुम उतना ज़ुल्म ढाओगेमुझे उम्मीद है तुमसे के मेरा दिल दुखाओगे मैं जितना पास आउंगी तुम उतना जुल्म ढाओगे मेरे सपने मेरी बातें तुम्हे फ़िज़ूल लगते है बिछा दूं फूल जितने भी तुम्हें बबूल लगते है मिलता है सुकूं तुमको बहे जो द..

धान के देश में! में पढिए प्राचीन भारत में परमाणु विस्फोटआदिकाल से प्रकृति सदैव सृजन का कार्य करती रही है और मानव विनाश का। मानव के द्वारा किए गए गए विनाश की भयावहता की कोई सीमा नहीं है। मनुष्य मनुष्य का विनाश करता है, भाई भाई का ही वध करता है। महाभारत का युद्ध ...मंडी हाउस की वो शाम,मैं,मेरी मैलिसा और...एक पत्रकार की अजब प्रेम की गजब कहानीमंडी हाउस की वो शाम कुछ सुहानी थी. मंडी हाउस मुझे पहले इतना खूबसूरत कभी नहीं लगा. मंडी हाउस ही क्यों? पूरी दिल्ली, दिल्ली ही क्यों? पूरी दुनिया भी मुझे कभी इतनी हसीन नहीं लगी. आज दुनिया की हर चीज मुझे खूब...

इन्द्रनील भट्टाचारजी मिला रहे हैं किनसे--आइये मिलते हैं इनसे ....मित्रगणों .... आइये आज आप सबको हम अपने देश का एक महान व्यक्तित्व से मिलाते हैं ... निमोक्त चरित्र चित्रण मैंने नहीं लिखा है .... यह मुझे मेरे एक दोस्त ने ईमेल द्वारा भेजा है ... मुझे यह चरित्र इतना अच्छा ल...उफ़ ! मेरी माशूक भी तनिक झूठी निकली !!खेत, खदान, कुआ, स्कूल, दुकान, आते-जाते लोग सबसे होती दुआ-सलाम, क्या खूब होती है गाँव की सब ! ... उफ़ ! एक लब्ज, 'मोहब्बत', जुबां से हटता नहीं बहुत कोशिश की, कोई दूजा शब्द जंचता नहीं ! ... अब क्या कहें, खुद क...

पढिए वाणी शर्मा जी की विशिष्ट पोस्ट हम मूरख तुम ज्ञानी .......दुनिया का चलन है ....हम जो है बस वही सही है , हम चतुर , सत्यवादी , निर्मल हृदय ,ईमानदार , कार्यकुशल , परोपकारी , ज्ञानी , ....जो हैं वो बस हम है ....*" तुम मूरख हम ज्ञानी "* कभी न कभी हम सब के मन में यह ख...शरद कोकास लिख रहे  हैं हमदर्द क़ातिल समय में दोहराते हैं -कुल्हाड़ी तो होगी ?आज *ग्वालियर* में पहला “ *कविता समय सम्मान *“ वरिष्ठ कवि *चन्द्रकांत देवताले *को दिया जा रहा है । इस सम्मान के लिये *चन्द्रकांत देवताले जी* को बधाई के साथ प्रस्तुत है इस क़ातिल समय की पहचान कराती 1996 की...

देखिए डबरे पर सूरज का बिम्ब ब्लाग जगत में कुछ साथियों द्वारा ब्लाग एवं साहित्य पर बहस चलायी जा रही है। उसी बहस के हेतु गजानन माधव 'मुक्तिबोध' का यह क्लासिक निबंध प्रस्तुत है। इस पोस्ट से शुरू 'क्लासिक निबंध' की यह शृंखला चलत....क्या ब्लॉगों को विदाई देने का वक्त सचमुच आ गया!?पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2006 के मुकाबले 2010 में ब्लॉगिंग के प्रति आकर्षण कम हुआ है। हालांकि यह इतनी बुरी खबर नहीं है क्योंकि इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि 34 वर्ष कि आयु से ऊप...

पढिए नयी गजल है यही पगले जवानी.....जब कभी मचले जवानी * *दृश्य को बदले जवानी* *लड़खड़ाते हैं सभी पर* *जो यहाँ संभले जवानी* *आ रहा पीछे बुढ़ापा* *आज तू हँस ले जवानी* *मानती है बात किसकी* *है यही पगले जवानी* * * *है किधर जाना कहो तो* *कुछ पड़े प...ब्लॉगर-सर्वे : सहयोग की अपीलकुमार लव द्वारा ब्लागरों के संबंध में एक सर्वेक्षण किया जा रहा है. इस विषय में प्राप्त उनकी अपील सहयोग के अनुरोध के साथ यहाँ प्रकाशित की जा रही है. सभी ब्लॉगर मित्र सहयोग करने की कृपा करें. 

एक कंधा, सुबकने के लियेधरती को कैसा लगता होगा, जब कोई आँसू की बूँद उस पर गिरती होगी? निश्चय मानिये, यदि आप सुन सकते तो उसकी कराह आपको भी द्रवित कर देती। किस बात की पीड़ा हो उसे भला? दैवीय आपदाओं को कौन रोक पाया है और धरती ने न ज...तुरतुरिया के जंगलों में साहसिक खेलों का रोमांच घने जंगल में तीन सौ फीट की खाई के ऊपर पहाड़ी में एक छोर से दूसरे छोर में करीब पांच सौ फीट लंबी दो रस्सीयां लटकी हुई हैं। इन रस्सीयों पर लटक कर एक छोर से दूसरे छोर में जाने का काम लाइन लगाकर जांबाज लड़के और ..

वार्ता को देते हैं विराम, सभी को राम राम

8 टिप्पणियाँ:

सुंदर लिनक्स की वार्ता ....आभार

sundar vartaa....sarthak links bhi ...mehanat ko salam....

बढ़िया चर्चा ...अभी पढ़ रहा हूँ ! आपको शुभकामनायें ललित भाई !!

ाच्छे लिन्क मिले। धन्यवाद।

बढ़िया लिंक्स मिले ... ललित दादा ... आभार !

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