और मैं ! शीर्षक से प्रकाशित इस आलेख पर मुझे मेरे द्रोण ने बताया कि :-"अंगूठा लेने के बावज़ूद एकलव्य की धनुर्विद्या में किसी प्रकार का बदलाव नहीं देखा गया !"
"क्यों..?"
आज कल जिस धनुर्विद्या का प्रयोग हो रहा है उसमें अंगूठे का प्रयोग कम होता है. आप देखिये पिस्टल कैसे चलातें हैं. उसमें अंगूठे का प्रयोग कहां होता है.
जी सही कहा गुरु ने मेरे "गुरु ने अंगूठा मांगा न कि तत्समय विकास की वो बात समझा दी थी जिसे हम उपयोग में ला रहे हैं.कुल मिला कर एकलव्य को गुरु ने ज्ञान के साथ विज्ञानं भी दिया था अर्जुन को तो बस ज्ञान यानी नालेज था. आज भी कई गुरु हैं जो ये दौनो वस्तुएं नहीं देते एक साथ . इसी क्रम में बता दूं कि गुज़िश्ता तीन दिनों से बहस छिड़ी है कि प्रवासी साहित्यकार कुछ कम जानतें हैं.वे अपडेट नहीं रहते. मुझे यकीन नहीं यदि आप समीर लाल से लेकर पूर्णिमा वर्मन तक सभी पर आरोप लगा कि वे न तो अपडेट हैं न ही उनका लिखा साहित्य है. चलो माना आप सही हैं तो क्या चंद नाम नामवर आदी के गिना देना ही साहित्य है. आज के युग में वे यदि नेट के ज़रिये कुछ डाल रहें हैं तो बुराई क्या है.
नए पुराने लिंक्स फ्रॉम ब्लॉग संसार
नए पुराने लिंक्स फ्रॉम ब्लॉग संसार
17 टिप्पणियाँ:
वाह जी बिलकुल नय रंग मे आज की चर्चा, बहुत अच्छी लगी, धन्यवाद
बढ़िया है जी.
अच्छी रही आज की बहुआयामीन चर्चा |
आशा
वाह दादा आज तो गजब वार्ता लगाए हैं।
लिंक ही लिंक की भरमार।
आभार
बहुत ही करीने से सजाया है आपने ब्लॉगिस्तान को!
बहुत बढ़िया चुन चुन कर लिंक्स दिए है .... द्रोणाचार्य वाली कहानी ग्रेट
बेहद उम्दा वार्ता ... आभार !
गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य की जो आपने बात की है, उस पर मैंने लगभग 15 वर्ष पूर्व एक आलेख लिखा था। तीर चलाने में अंगूठे का प्रयोग होता ही नहीं है, यदि कोई करता है तो यह दोष है। इसलिए द्रोणाचार्य कैसे अंगूठा मांग सकते थे, यदि उन्होंने मांगा था तो एकलव्य दोषयुक्त तीर चला रहे थे इसलिए उन्होंने अंगूठा मांगा होगा। इतिहास के ऐसे बहुत से सत्य है जिनपर दोबारा चिन्तन होना चाहिए।
बढ़िया है जी,चुन चुन कर उम्दा लिंक्स दिए है !
वाह !!
लिंक ही लिंक .. बढिया वार्ता !!
अच्छी चर्चा.
सब राज़ भाटिया साहब की कृपा है जी
कागद-कोरे किये हैं
बहुत मेहनत से तैयार की गई चर्चा। स्वास्थ्य-सबके लिए ब्लॉग का आभार स्वीकार करें।
@ तीर चलाने में अंगूठे का प्रयोग होता ही नहीं है, यदि कोई करता है तो यह दोष है।
आदरणीय अजित जी,
आपके उस आलेख में बहुतेरे लोगोंकी शंकाओं का समाधान छिपा है। क्या आप यह लेख अपने ब्लॉग पर रख सकती हैं?
अनुराग जी, वह आलेख जिस पत्रिका में था उसे तो अब पुराने बस्तों में से निकालना पड़ेगा लेकिन मैं उसी भावना को ध्यान में रखते हुए निश्चित रूप से दूसरा आलेख लिखूंगी, क्योंकि मुझे भी यह विषय बहुत कचोटता है।
thanks for this info
TechGrama
Classy Instagram Names
Funny Instagram Usernames
Crazy Usernames For Instagram
Aesthetic Instagram Usernames
Attitude Names For Instagram For Boys
Nice Post Your content is very inspiring and appriciating I really like it please visit my site for
gali satta
satta result
satta king
Satta Bajar
सट्टा किंग
delhi satta king
Disawar satta king
Satta King 786
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।