शनिवार, 10 सितंबर 2011

ए.. लड़की... बौरा गई है क्या...? -- ब्लॉग4वार्ता --- ललित शर्मा

ललित शर्मा का नमस्कार, आज की ब्लॉग4वार्ता प्रस्तुत है.....टिकाऊ बनाम टरकाऊ ब्लागिंग! जब तक विद्वान ब्लॉगर यह तय करें कि ब्लॉग लेखन एक विधा है या महज अभिव्यक्तिका माध्यम आईये समय बिताने के लिए किसी और विषय पर चर्चा कर लेते हैं. जैसे टिकाऊ बन...कुछ रोचक तथ्य - कोई भी व्यक्ति स्वयं की कुहनी को चाट नहीं सकता। - छींकते वक्त आँखे खुली रखना असम्भव है। - छींकते समय हृदय की गति एक मिली सेकंड के लिए र...नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 4 . आपके सहयोग से एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ, नायकत्व को पहचानने का। तीन कडियाँ हो चुकी हैं, पर बात अभी रहती है। भाग 1; भाग 2; भाग 3; अब आगे: न्यू यॉर्क अ...मरम अल-मसरी की कविताएँ *इस ब्लॉग की पहली सालगिरह के मौके पर आज मिलते हैं एक और अरबी कवियत्री मरम अल-मसरी से, 1962 में सीरिया में जन्मी मसरी ने दमिश्क यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहि...

स्व ... मेरी प्रवृति भागने की नही पर कृष्ण को देवत्व मिला सिद्धार्थ को बुद्धत्व मिला कभी तो मैं भी पा लूँगा अपना "स्व" .... जब मैं था तब हरि‍ नहीं, अब हरि‍ हैं मैं नाहिं।जब मैं था तब हरि‍ नहीं, अब हरि‍ हैं मैं नाहिं। प्रेम गली अति सॉंकरी, तामें दो न समाहिं।। प्रेम न बाड़ी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय। राजा परजा जेहि रूचै, सीस ...अंधेर नगरी चौपट राज : मुफ्त मरती जनता -चौंक कर जागे थे चौपट राज मंत्री! जाकर देखो ये महल के बाहर पटाखा चलाने की हिम्मत किसने की है? हुज़ूर! बम विस्फोट हुआ है आतंकवादी हमला। मंत्री! तुम एकदम नाकार...मैडम, जो आप कहें इस चिट्ठी में, वसन्तकुंज दिल्ली में स्थित, डी.टी. स्टार प्रॉमेनेड नामक मॉल में स्थित , ओम शांति की पुस्तकों की दुकान के साथ, तुषार राहेजा की 'एनीथिंग फार ..प्यार करने वाले कभी क्यों डरते नहीं --- स्नेह भाव के मामले में मनुष्यों और पशुओं में एक बड़ी समानता है --दोनों प्रजातियों में व्यस्क, विशेषकर मादा अपने बच्चों को चूम कर अपने स्नेह और भावनाओं का इ...

गोरख के पाँच - *[गोरख एक जन बुद्धिजीवी थे, आर्गेनिक इंटलेक्चुवल और इसी पारिभाषिक शब्द के वजन पर वह जन-कवि थे. दोनों छोरों की शक्तियों से लैस और आत्महंता हद तक संवेदनशील,...दिल एक टिन का जंग खाया कनस्तर था जिसको लोहार हर कुछ दिन पर ठोक-पीट कर मार्केट में फजीहत से चलने लायक बना देता -** *हम दोनों तैरना नहीं जानते* *हम दोनों एक दूजे को बचाना चाहते हैं* *तुम्हें यह झूठा दंभ कि उबार लोगी मुझको* *मुझे यह गुमां कि प्यार करता रहूंगा तुमको* * *...पीक आवर्स" में मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा *(गणपति उत्सव की गहमागहमी और आकाशवाणी के तकाजों ने कुछ इतना व्यस्त कर रखा है कि ब्लॉगजगत में कुछ लिखने-पढने का समय ही नहीं मिल पा रहा...और आकाशवाणी ने याद..धत, प्यार क्या होता है जी? हम नहीं जानते -अजीब लड़की थी, खिलखिलाती थी तो आँखें छलक आती थीं...मुस्कुराती थी तो हरसिंगार गमक उठते थे...गुनगुनाती थी तो सारे गृह अपने कक्षा में घूमने के बजाये रुक कर उसक...

दिल्ली पुस्तक मेले से लौटकर हॉल नंबर बारह में घुसते ही सबसे पहले राज कॉमिक्स की स्टाल पर नज़र पड़ी और बरबस ही पूजा की याद आ गयी. अभी परसों ही उसने बज़ पर लिखा था कि उसे हावड़ा स्टेशन ...प्रथम गुरु को प्रणाम ! किसी भी मनुष्य की पहली पाठशाला उसका घर है . परिवार के विभिन्न सदस्यों के आपसी व्यवहार का असर उसके पूरे जीवन पर होता है . लेकिन जब थोडा बड़ा होने पर घर से ब...खुश हूं अन्ना का आंदोलन सफल हुआ और ‘आरक्षण’ भी ‘आरक्षण’ को लेकर काफी व्यस्त रहा। फिर घर में बेटी के आगमन के बाद जब भी घर पर होता हूं, अवसर ही नहीं मिल पाता कि मैं कुछ लिखने बैठूं। खैर, आज इस मौके को गवा...क्या विवाह बाधक है??? -छतीस गढ़ के दैनिक नवभारत में प्रकाशित एक आलेख. कुछ समय से ( खासकर भारतीय परिवेश में )अपने आस पास जितनी भी महिलाओं को अपने क्षेत्र में सफल और चर्चित देख ...

गए आठ दिन - तारीख बदलने के साथ ही महीने का आठवाँ दिन भी निकल चुका है, और इस माह में यहाँ एक भी चिट्ठी नहीं लिख पाया हूँ। कारणों में मैं नहीं जाना चाहता, बताने लगूं...जेड सिक्यूरिटी ले लिजिये न प्लीज़!!!!! सर, आप जेड सिक्यूरिटी ले लिजिये. नही !... हमे सिक्यूरिटी की कोई जरुरत है ही नहीं. हमारे साथ तो सारी जनता है. हम सरकार से जन लोकपाल बिल मांग रहे हैं, और.... मौत का एक दिन ! *मौत का एक दिन मुअइयन है,नींद क्यूँ रात भर नहीं आती? * ग़ालिब ने बहुत पहले हमें वह बात समझाने की कोशिश की थी जिसे शायद वह ख़ुद समझ नहीं पाए थे ! कई बार ह...जेल में खाएं खिचडी चोखा अब तिहाड़ में कितने मंत्री बतियाते आपस में संतरी पता नहीं अब कितने आए क्या तिहाड़ संसद बन जाए संसद में चलता है झगड़ा यह मिलाप का मौका तगड़ा हो जुगाड़ हम क..

मालिनी गौतम की कविता - ए.. लड़की... बौरा गई है क्या...? लड़की ऐ लड़की...........! ध्यान किधर है तेरा..... बौरा गई है क्या.....? काम के वक्त पता नहीं क्या-क्या चलता रहता है तेरे दिमाग में.... रोटी बेलते-बेलते कहा...छुपन -छुपाई * * शामके समय दफ़्तर सिर्फ़ सन्नाटेसे गूँज रहा था। शांति को दीवारकी ओर मुँह करके सौ तक गिनतीगिननी थी पर उसने नहीं गिनीथी। फिर भी अचरज छुप गया था।शांति को उ...तरसै जियरा मोर, बालम मोर गदेलवा..(कंठ : डा. मनोज मिश्र) ई अवधी गीत ‘बालम मोर गदेलवा’ वहि नारी कै बाति रखत है जेहिकै बियाह गदेला से होइ गा है, यानी वहिकी उमिर से बहुतै कम, कहौ तौ नान्ह लरिका से होइ गा है। ऊ लरिका...हार... रातें कभी खिंचकर इतनी लंबी हो जाती हैं कि दिन के लिए समय ही नहीं बचता. ऐसा ही कई बार दिनों के साथ भी होता है. वो भी ऐसी ही एक रात थी. देर रात हम दोनों न...

हम आम आदमी … (कविता)हम आम आदमी हैं किसी ‘खास’ का अनुगमन हमारी नियति है हमारे बीच से ही बनता है कोई ‘खास‘ हमारी मुट्ठियाँ देती हैं शक्ति हमारे नारे देते हैं आवाज़ हमारे जुलूस दे...गज़ल... **** *मौत ने आकर कहा है प्यार से*** *अब चलो उठो भी बज़्मेयार से.*** *उम्र का ये आखिरी पन्ना पढ़ो*** *जो लिखा है आँसुओँ की धार से.*** *अलविदा कह दो बहारों जर...क्या है ताऊ महाराज के अंधे होने का राज? -पिछले भाग में आपने पढा था कि किस तरह ब्रह्मचारी सन्यासी ताऊ महाराज को बिल्ली पालने के जुर्म की वजह से इस संसार सागर में उतरना पडा. ताऊ और ताई दोनों ही काफ़...कोई पूछे तो कह देना , हो रहा भारत निर्माण ….. मातम पसरा है शहर में , और भीड भरा है शमशान , कोई पूछे तो कह देना , हो रहा भारत निर्माण चुप्प बैठे पिरधान जी , परदेस जा बसीं मादाम , कोई पूछे तो कह दे...सिगिरिया (श्रीलंका), आसमान में महल (समापन) दाम्बुला टीले के चारों तरफ के नैसर्गिक सौन्दर्य अप्रतिम लगे. वहीँ से १३ मील दूर सिगिरिया की पहाड़ी हमें आमंत्रित करते प्रतीत हो रही थी. ग्रामीण अंचल की मि...भारत माता की जय !! वन्दे मातरम !!! ज़िंदाबाद - मुर्दाबाद !!! आदि नारे किसी भी जुलूस या प्रदर्शन का हिस्सा  होते हैं . आजकल देखता हूँ कि यह नारे आम हो गए हैं . हर गली मोहल्ले में इनकी गूंज सुनाई  देती है .

वार्ता को देते हैं विराम...........राम राम ......... मिलते हैं अगली वार्ता में......

8 टिप्पणियाँ:

बहुत खूब। सुबह सुबह की ओस भरी दूब।

क्या बात है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति

बेहतरीन प्रस्तुति....

लगा ही नहीं कि वार्ता है...
बहुत सी चीज़ें सीखीं... बहुत-बहुत धन्यवाद...

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