ललित शर्मा का नमस्कार, अन्ना को न्योता मिला है पाकिस्तान से, वहां भी लोग भ्रष्ट्राचार के मारे हुए बिलबिला रहे हैं। अन्ना ने पाकिस्तान का भ्रष्ट्राचार खत्म करने का न्योता स्वीकार कर लिया है। अन्ना साजिश को समझो, पाकिस्तान के भ्रष्ट्राचार उन्मुलन में फ़ंस जाओगे तो लोकपाल बिल का क्या होगा। वैसे भी सरकार की धोखाधड़ी अब समझ में आने लगी है। चाहते भी हैं कि आप पाकिस्तान में फ़ंस कर भारत के भ्रष्ट्राचार को भूल जाओ। इसलिए साजिश को समझो और सारा समय भारत में ही लगाओ। हमारी तो यही सलाह है, बाकी बाल ठाकरे भी कह रहे हैं। हमारी न समझ आए तो उनकी समझ लो। सुपर रिन की खरीददारी में ही समझदारी है। झमाझम सफ़ेदी आई। चलते हैं आज की ब्लॉग4वार्ता पर............
रालेगण की हवा में घुमड़ने लगी है राजनीतिक बदलाव की बेचैनी .मैं पंजाब के कपूरथला से आया हूं। मैं रिटायर हो चुका हूं। सेना में था। दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। मुझे पेंशन मिलती है। रिटायर होने के बाद जो पैसा मिला वह मेरे बैंक में है। अब मैं अपनी सारी पूंजी आपको देना चाहता हूं। मेरी पेंशन भी। बस मैं आपके कहने पर आपके साथ काम करना चाहता हूं। आप जहां कहेंगे वहां तैनात हो जाऊंगा। देखिये मैं लिखकर भी लाया हूं, समाज को कैसे भ्रष्टाचार से मुक्त कर दें। यह मेरी पत्नी है। जो जानती है कि समाजसेवा के काम के लिये मैं आधा पागल हूं। बस आप मुझे बता दो कहा काम करना है। कैसे काम करना है।..यह बातचीत रालेगण सिद्दि में अन्ना हजारे से मिलने आने वाले सैकडों लोगों में से एक की है। 15 गुना 15 फीट के कमरे के बीचोबीच लोहे के सिगल बेड पर एक मोटी सी बिछी तोसक के उपर सफेद चादर पर आलथी-पालथी मार कर बैठे अन्ना हजारे। सफेद धोती, सफेद कुर्ता और सर पर सफेद गांधी टोपी। और पलंग के नीचे जमीन पर घुटनों के बल पर बैठे पंजाब से आये इस शख्स के दोनों हाथ अन्ना हजारे के पांव के पास ही हाथ जोडे पड़े रहे।..
वीनस केसरी की ग़ज़लें पढिए.
सिहर जाता हूँ, ऐसा बोलता है
वो बस मीठा ही मीठा बोलता हैअभी तो उसका लहज़ा बोलता है
उसे खुद ही नहीं मालूम होता नशे में
ये उसकी तिश्नगी है या तिज़ारत
वो मुझ जैसे को दरिया बोलता हैमुझसे क्या क्या बोलता है
वो सब कुछ जानता है और फिर भी
अँधेरे को उजाला बोलता है
उम्मीदवार कैसा हो जिसे हम निश्चित वोट देगे" .कल एक मीटिंग के दौरान यह बात सामने आई की मतदाता मतदान के समय उम्मीदवार को भूल हवा के रुख के साथ अपना मत देता है.यह हवा मंडल कमंडल वादी, जातिवादी व्याक्तिमूलक या सत्ता विरोधी लहर जैसे स्रोतों से चलती है. निष्कर्ष यह है कि मतदाता मात्र साधन या माध्यम होकर रह जाता है. इस सन्दर्भ में मैंने एक प्रयोग करने का निश्चय किया है. कानपुर की एक विधानसभा गोविन्द नगर मेरा अध्ययन क्षेत्र है. एक प्रश्नावली बना रहा हूँ जो "उम्मीदवार कैसा हो जिसे हम निश्चित वोट देगे" के शीर्षक से है. इस प्रक्रिया में आपके सुझावों की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि मेरा मानना है कि सीखने के क्रम में अनुभव बड़ा काम आता है.
भरोसा एक पल का नहीं , मंसूबे जिंदगी भर के ....शाम का धुंधलका , आसमान में उमड़ आए काले बादलों से असमय होता अँधेरा--बाज़ार में शाम की खरीदारी करती महिलाओं की चहल पहल --घर में बच्चे खेलने की फ़िराक में होमवर्क निपटाने की जल्दी में --काम के बोझ का मारा बेचारा बाबु हाथ में ब्रीफकेस लिए कमर झुकाए घर की ओर प्रस्थान करता हुआ --रोजमर्रा की जिंदगी का एक और दिन समाप्ति की ओर। तभी एक जोरदार आवाज़ , गडगडाहट के साथ --छत के पंखे हिलने लगे , दीवार पर टंगी तस्वीरें गिर कर टूट गई --और धड़ाम , कोई दीवार गिरने की आवाज़ --लोग घरों से बाहर निकल सड़क पर आ गए --किसी ने पीछे मुड़कर देखा , घर की छत गिर गई थी --कुछ समय पहले जहाँ बैठा था , वहां सीमेंट का एक बड़ा टुकड़ा टूट कर बिखर गया था --कुछ पल का ही फासला था जिन्दगी और मौत के बीच। .
नेपाल - एक प्रेम कहानी मेंकहा जाता है कि प्रेम की बुनियाद समर्पण हो तो वह मनुष्य को देवत्व तक उठा सकता है। सूफियों व प्रेममार्गी संतों ने इसे ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बनाया पर देवत्व के प्रतिरूप माने जाने वाले प्रेमांध नेपाल के आत्मघाती राजकुमार दीपेन्द्र विक्रम शाह ने 1 जून 2001 को जिस हत्याकांड को अंजाम दिया उसकी मिसाल और कहीं नहीं। यह उस इतिहास के खात्मे की तारीख है जो नेपाली राजवंश ''शाहवंश'' के द्रव्यशाह (1559) से प्रारंभ होता है।शाहवंश में पृथ्वी नारायण शाह ने 1769 में नेपाल की सभी छोटी-छोटी रियायतों को जीतकर आधुनिक नेपाल की स्थापना की। एकीकृत नेपाली सेना ने 1816 में अमर सिंह थापा के नेतृव में अंग्रेजों के विरूद्ध बड़ी वीरता से लड़ाई लड़ी पर संसाधनों की कमी के कारण उसे सहायक संधि स्वीकारनी पड़ी।
तेरी यादों के उजाले के सहारे संग चल रहा हूँ प्यारे ..... -एक समय था की ब्लॉग लेखन में खूब मन लगा रहता था परन्तु न जाने अब ब्लाग लिखने में मन नहीं लग रहा है . इस डर से लेखन बंद भी नहीं कर पा रहा हूँ की कुछ लोग ताल ...पाक पर आरोप - अमेरिका के वरिष्ठतम सैन्य अधिकारी माइक मलेन ने पाक की ख़ुफ़िया एजेंसी पर एक बार फिर से खुले तौर पर आरोप लगाया है कि वह चरमपंथी हक्कानी गुट को पूरी तरह से हर ...-गोल्डन टेम्पल अमृतसर भाग -5 - * * * * *गोल्डन टेम्पल भाग -5* * * * * *"गुरु गोविन्द सिंह जी ने ग्रन्थ साहेब को अंतिम गुरु का दर्जा दिया "* * * * * * * गोल्डन -टेम्पल का भाग ४ पढने के लि...शोर्टकट की खुद बनाईये (HotkeyP)- जब हम हर काम का कोई शोर्टकट तलाशते रहते हैं ..वैसे ही कम्यूटर पर भी काम करते समय भी ..एमएस वर्ड हो या एक्स्सेल सभी में शोर्टकट आपकी स्पीड कई गुना तक बढ़ा ...
छत्तीसगढ़ में राजयोग-सा वैभव भोग रहे अफसर .... - *हर अफसर के कमरे में 'सीसी टीवी'-कैमरे लगाये, तब पूरा सिस्टम सुधार जाएगा* * **गिरीश पंकज* पिछले दिनों गाँव से आये एक व्यक...आकाश में बोए हीरे मोती - तुमने वर्षांत पर मुझे एक बाली दी धान की क्वांर में उजाली दी कांस की कातिक में झउया भर फूल हरसिंगार के अगहन में बंसी दी बांस की माघ में दिया मुझको अल...स्वैच्छिक हिंदी संस्थाएँ (प्रासंगिकता, उपादेयता एवं सीमाएँ) - 3 अंकों में समाप्य लंबा आलेख पहला भाग स्वैच्छिक हिंदी संस्थाएँ (प्रासंगिकता, उपादेयता एवं सीमाएँ) - प्रो. दिलीप सिंह दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्...बेटी बचाओ अभियान: पीएनडीटी एक्ट पर केन्द्रित होंगी अधिकांश गतिविधियाँ- 11 अक्टूबर को मैहर से मुख्यमंत्री करेंगे बेटी बचाओ अभियान यात्रा का शुभारंभ, समाज का अभियान है ‘‘बेटी बचाओ अभियान’’ - श्री चौहान बेटियों के जन्...
... बड़े साहब अनशन पर हैं !! - जिस दिन से बड़े साहब ने पांच दिन के अनशन पर बैठने की मीडिया के सामने चर्चा छेड़ी थी ठीक उसी दिन से बड़े साहब के चेले-चपाटे बेहद चिंतित थे, चिंता यह थी कि कह..अनन्तता समझो, ईश्वर के पास पहंचो- इस चिट्ठी में, आमिर डी ऐक्ज़ल (Amir D Aczel) के द्वारा, गणितज्ञ जॉर्ज कैंटर (George Cantor) की जीवनी पर लिखी पुस्तक 'द मिस्ट्री ऑफ द एलेफ: मैथमेटिक्स, दक़िस्मत - जब गद्दाफी की गद्दी लुट गयी तो आप किस खेत की मूली हैं अपने भूलभुलैया में हमें भुला दें ग्रह-नक्षत्र आपको नहीं भूली है तिरेसठ को जरा छतीस होने दें आप...खिडकी - मेरे मन का उजाला ये, तुम तक भी पहुँच जाता जो अपने दिल की इक खिडकी, कभी तुम भी खुली रखते । बस आँखें बंद करने से, मुश्किलें कम नही होती तुम भी यह जान ही जा...
राम राम, अब कल मिलते हैं, अगली वार्ता में...............
7 टिप्पणियाँ:
रोचक वार्ता।
बहुत बढिया वार्ता .. आभार !!
अच्छा संकलन
links sare bahut badhiya
बढिया वार्ता,आभार.
अच्छी वार्ता ,आभार
बेहतरीन वार्ता
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