शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

एक था टाइगर ..सिक्किम त्रासदी : कुछ फुटकर यादें..ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी


एक था टाइगर ... मंसूर अली खान पटौदी (1941 - 2011)भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान मंसूर अली खान पटौदी का बृहस्पतिवार की शाम को निधन हो गया। उन्हें फेफड़ों में संक्रमण के कारण सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नवाब पटौदी गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्..आज फिर कहीं इक तारा टूटा .......आज कुछ सवाल उन बच्चों से जो ज़िन्दगी के मुश्किल हालातों से इतनी जल्दी घबडा जाते हैं कि आत्मघात जैसा कदम उठाने के सोच लेतें हैं ....... आज फिर कहीं इक तारा टूटा...-.तमन्ना जो भी की हमने तमन्ना जो भी की हमने वो नहीं मिला हमें जो भी मिला तमन्ना से कम नहीं मिला हमें जिन्हें चाहा था साथ ज़िन्दगी भर निभाएं हमारा छोड़ गए वक़्त से पहले हमें गिला इसका तो ज़रूर हमें पर जो भी बिन मांगे मिला उस...हाय मेरा लालू नहीं रहा
आज मन अवसाद से भरा है. कुछ माह पूर्व खुश होकर अपने (मोहल्ले के) लालू (श्वान) पर एक पोस्ट लिखी थी क्योंकि वह अपने लिए एक वधू लेकर आया था. कालांतर में ४ बच्चे भी हुए थे. इस बारिश के मौसम के आरम्भ में न मालूम क्या हुआ, उसकी वधू ने कहीं और रिश्ता बना लिया. कुक्कुरों के लिए यह तो सहज ही माना जाएगा परन्तु उस दिन से हमारा लालू एकाकी हो गया और वियोग में इधर उधर भटकता रहता.हमने तो बस गरल पिया है ! *तुमने जो संताप दिए हैं,* *हमने तो चुपचाप सहे हैं,* *जब हमने पत्थर खाए हैं,* *तुमने केवल रास किया है,* *हमने तो बस गरल पिया है !१!* * * * * *मुझे नह...

तुम मस्ती अनंत वैभव की(फोटो- अशोक व्यास) जीवन है बस सार तुम्हारा पग पग पर आधार तुम्हारा तुम मस्ती अनंत वैभव की खेले मुझसे प्यार तुम्हारा हर पथ पर त्यौहार तुम्हारा अमृतमय संसार तुम्हारा देख-देख कर अनुभव अपने छू लेता उजियार तुम्... आकाश में बोए हीरे मोतीतुमने वर्षांत पर मुझे एक बाली दी धान की क्वांर में उजाली दी कांस की कातिक में झउया भर फूल हरसिंगार के अगहन में बंसी दी बांस की माघ में दिया मुझको अलसी का एक फूल फागुन में छटा दी पलाश की चैत में दि...तुम और चाँद'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर आज प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती कृष्ण कुमार यादव जी की एक कविता 'तुम और चाँद'.आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा... रात का पहर जब मैं झील किनारे बैठा होता हूँ चाँद झील में उत...मन और झील कभी नहीं भरती...पता नहीं क्यों मुझे झील और मानव मन बराबर लगते हैं. जैसे खाली बैठे-बैठे मन अशांत हो उठता हैं, और गर्मी बितते-बितते झील सूख ज़ाती है, किन्तु गंदगी मन और झील में सामान रूप से तैरती रहती है... मन को किसी ...

जर्जर काया अभी अभी गई किसी विधवा बूढी माँ की अर्थी जब तक जिंदा रही वो तड़पती रही सिसकती रही पति को जो जवानी में थी खो चुकी पर बेटे के सहारे जीती रही मरियल काया, सफ़ेद साड़ी, समाज के भेड़ियों के बीच जिंदा रही किस तर.. . जुर्म क्या? ये सजा क्यों है?जुर्म क्या? ये सजा क्यों है? जन्म के ही संग मिलीं हैं, इच्छा की विषधर फुफकारें उम्रों रही सिखाती जिन्दगी आभावों को कैसे बिसारें अपना किया ही सबने पाया फिर लगता बेमजा क्यों है जुर्म क्या? ये सजा क्यों है?...विश्वास........?विश्वास ! विश्वास ! विश्वास ! किसे कहूँ विश्वास ? उसे कहूँ विश्वाश ... जिसके मानक में मैंने हर छोटे से छोटे भाव को..... विचार को, विकार को, मिलन को, प्यार को, बेचैनी को, ख़ुशी को, खलिश को, तपिश..श्राद्ध श्राद्ध ------ एक दिन बाद बहू को आया याद अरे कल था ससुरजी का श्राद्ध आधुनिका बहू ने क्या किया डोमिनोस को फोन किया और एक पिज़ा पंडितजी के यहाँ भिजवादिया ब्राहमण भोजन का ये मोडर्न स्टाइल था दक्षिणा के नाम पर....विषधरशहरी हवा कुछ इस तरह चली है कि इन्सां सारे सांप हो गए हैं , साँपों की भी होती हैं अलग अलग किस्में पर इंसान तो सब एक किस्म के हो गए हैं . साँप देख लोंग संभल तो जाते हैं पर इंसानी साँप कभी दिखता भी ..

शिवलिंगसमंदर के मध्य दिशाओं के सार तत्वों से बनाया है शिवलिंग प्रत्येक लहरों में शिव को घोला है ताकि कोई किनारा सुनामी न लाए .... रेगिस्तान के मध्य रेत कणों से बनाया है शिवलिंग कोई प्यासा न रहे एक छोटे से..फिर से वह गंगा कहलाये फिर से वह गंगा कहलाये है सहज स्वीकार जहां सब केवल वह उसका ही दर है, विवश हुआ सा हामी भर दे ऐसा यह बंदे का घर है ! कोई नहीं आग्रह उसका बनें कुसुम या कांटे हम, दुनिया अपने कहे चलेगी यह विश्वास समेटे हम ! गि.गोल्डन टेम्पल अमृतसर भाग -5* * * * *गोल्डन टेम्पल भाग -5* * * * * *"गुरु गोविन्द सिंह जी ने ग्रन्थ साहेब को अंतिम गुरु का दर्जा दिया "* * * * * * * गोल्डन -टेम्पल का भाग ४ पढने के लिए यहाँ क्लिक करे सुबह बहुत बारिश थी ---मानो अमृ... आँच - 88 : रामेश्वर दयाल की ’चित्रकूट’आदरणीय पाठक वृंद, नमस्कार ! अब मैं आप से पहले ही माफ़ी मांग लेता हूँ, क्योंकि हो सकता है कि आज आपको "आँच" की उष्मा कम लगे। आज की आँच पर कोई समीक्षा नहीं वरन एक अनुभव है। पिछले दिनों बंगलोर के बिशप काटन व...

दलितों के क्रीमी लेयर का उच्छ्वास*** छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय दलित सम्मलेन का तुष्टिकरण* * * *संजीव खुदशाह की क़लम से * गत १७ सितंबर को छत्तीसगढ़ कि राजधानी रायपुर में देश भर के दलित जुटे.जातिगत भेदभाव एवं दलितों का प्राकृतिक स... आतंकवाद की समस्या अभी आज ही अखबार में छपा था, किया कुछ नासमझों ने धर्मग्रन्थ का अपमान क्यूँ नहीं करते हैं दुसरे मजहब का सम्मान क्यूँ दूसरे मजहब का नहीं करना चाहिए सम्मान हों वो चाहे हिन्दू, सिख, इसाई या मुस्लमान, खून उबल...गुणातीत मार्च २००१ * * *मानव* अपनी प्रकृति का दास होता है. कृष्ण ने सच ही कहा है कि गुण ही गुणों को वर्तते हैं. हम अपनी प्रकृति के अनुसार कर्मों को करते हैं फिर कर्म बंधन में पड़ जाते हैं. यही कर्म हमारे अगले जन...अल्सर में पेनकिलर का प्रयोग ज़रा संभलकर आप पेन किलर का मनमाना प्रयोग कर रहे हैं तो मानकर चलिए आप एक बड़े दर्द को न्यौता दे रहे हैं । पेन किलर यानी दर्द निवारक दवा पेट के अल्सर की बड़ी वजह बन रही है । अल्सर (पेट में घाव) को भरने की बेहद प्रभावी दव...

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रचना जीजी-मोरी ननदिया (बिंदास ब्लॉगर रचना के पत्र का उत्तर). रचना जी , आपने मेरे नाम पत्र लिखा और कहा की अपने ब्लॉग पर पत्र का जवाब दें। मुझसे लिखवाने आ आपका यह तरीका बहुत अद्भुत लगा, अच्छा भी लगा। चूँकि आपके पत्र में लेखन न छोड़ने का निवेदन है , इसलिए यहाँ आपको ...एक ख़त.....डिअर X , तुम तो जानते ही हो तुम से मेरा रिश्ता facebook से ही है , तुम्हारी हर बात स्टेटस अपडेट जैसी जिसे मैं पढ़ती ,गुनती और like करती और एक दम से कमेन्ट भी कर देती हूँ ..तुम भी उस कमेन्ट पर अपना कमेन्ट....सत्ता सुंदरी के डाकिये दवे जी और नेता गणहम सत्ता सुंदरी को पत्र पहुंचा लौटे ही थे कि एक भाजपाई नेता हम से आकर लिपट गये। हमनें हड़बड़ा कर दूर धकेला, कहा- " ए भाई दूर हटो, हम उस टाईप के आदमी नही हैं।" नेताजी शर्मांए, बोले -" दवे जी आप हमें गलत समझ ...उफ़ ! ये एयर कंडीशन !!हमारे मंत्रियों और अफसरों को ... एयर कंडीशन बंगला, आफिस, कार की बुरी लत लग गई है, इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि - एयर कंडीशन आगे से प्रोवाइड न किये जाएं सांथ ही सांथ पूर्व से लगे हुए समस्त एयर कंडीशन वापस...खिलाड़ी दो, सुविधाएं लो 37वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटे खेल विभाग के संचालक जीपी सिंह ने राज्य के कई खेलों के प्रशिक्षकों से कहा कि विभाग सुविधाएं देने के लिए तैयार है, आप तो बस खिलाड़ी तैयार करने का काम करें। प्रशिक्षकों...सिक्किम त्रासदी : कुछ फुटकर यादें...एक पर्यटक के तौर पर हम सब किसी ना किसी जगह जाते हैं और कुछ दिनों के लिए हम उसी फिज़ा और उसी आबोहवा का हिस्सा बन जाते हैं। हफ्ते दस दिन के बाद भले ही हम अप...

10 टिप्पणियाँ:

बढिया वार्ता काफ़ी सारे लिंक्स के साथ- आभार

मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

कई लिंक्स से सजी वार्ता बहुत अच्छी लगी |
आशा

बहुत बढ़िया वार्ता ..आज के लिए बहुत सारे लिंक्स मिल गए ... आभार

Waah!kya baat hei ...achhe-achhe link badhiya samgri ...
meri post ke liae aabhar sangita ji ..aakhri foto bahut sunder laga ?

सुन्दर लिंक से सजी रोचक वार्ता।

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