ललित शर्मा का नमस्कार, हिंदी दिवस बीत गया, एक दिन के उछाह और उत्साह के बाद हम फिर पुराने ढर्रे पर चल पड़े. हमें अंग्रेजी आती तो खूब बोलते और लिखते क्या करें हिंदी बोलना और लिखना मज़बूरी है. विद्वजन कहते हैं कि अंग्रेजी रोजगार देती है, जिसे अंग्रेजी नहीं आती वह सिर्फ पल्लेदारी ही कर सकता है. आजादी के ६५ साल होने पर भी हमारे हुक्मरान हिंदी में काम करने की मानसिकता नहीं बना पाए हैं. अंग्रेजी भारतियों की रग रग में कूट कूट कर भर गयी, निकलने वाली नहीं है, चाहे कितना भी जोर लगा लिया जाये. अंग्रेजी ने देश में दो वर्ग तैयार कर दिए, शासक और शासित. जिनको शासन करना है उनके बच्चे अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ते हैं और जिन पर शासन होना है वे सरकारी स्कूलों में. अब चलते हैं आज कि ब्लॉग4वार्ता पर सैर करते हैं ब्लॉग नगरिया कि........
राष्ट्रभाषा को बचाने के लिए फ्रांसीस क्रांति की जरूरत अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी को लेकर अपने देश के साहित्यकारों में ही बहुत ज्यादा मतभेद हैं। कोई यह मानता है कि हिन्दी भाषा का अंत नहीं हो सकता है तो कोई कहता है कि हिन्दी मर रही है। ऐसे में जबकि सबके अपने-अपने ...आज हिन्दी का वार्षिक श्राद्ध हैआज हिन्दी का वार्षिक श्राद्ध है . तमात विज्ञापन छपे है हिंदी को याद करने के लिए अखबारों में . तभी याद आया हिंदी डे का . आज से हिन्दी की सेवा के लिए पखवाड़े मनाये जायेंगे . बेंको ,सरकारी आफिसो में हिन्दी क...हिन्दी और उर्दू के सेतुबंधउस छोटे शहर के एक छोटे से मोहल्ले में ड्रायक्लीनिंग की एक छोटी सी दुकान थी ,जहां सफ़ेद बनियाइन और सफ़ेद पायजामा पहने सुबह से शाम...काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मार्निंग वॉकचाँद अभी डूबा नहीं हल्का पियरा गयाहै सूर्य अभी निकला नहीं चमक की धमक है जारी है घने वृक्षों कीऊँची-ऊँची फुनगियों से निकल इत-उत भागते पंछियों का कलरव पवन शीतल नहीं है फिजाओं मेंगर्मी है, उमस है मधुबन ...
हिंद की शान है हिन्दी ...हिंद की शान है हिन्दी, मेरा अभिमान है हिन्दी देश हो, विदेश हो, हमारा स्वाभिमान है हिन्दी ! ... अभी अंजान है दुनिया, मेरी आँखों की फितरत से सच ! जिसे चाहे, मैं जब चाहूँ, उसे मैं लूट लेता हूँ ! ... कब तक करते...हिन्दी दिवसः हिन्दी के नाम का अब मकबरा बनाइएहिन्दी दिवसः हिन्दी के नाम का अब मकबरा बनाइए: इस तरह टुकड़ों-टुकड़ों में,अलग-अलग जगहों पर हिन्दी को मरी हुई क्यों करार देते हैं? हिन्दी के विकास के नाम पर ऐश करने का काम जब सामूहिक तौर पर होता आया है तो उस...'हिन्दी-दिवस के अवसर पर अनेकानेक हार्दिक शुभकामनायें** * * ** *आज हिन्दी-दिवस * *का दिन स्वभाषा-स्वाभिमानियों के लिये गौरव का दिन है। इस दिन हिन्दी को वह अधिकार प्रदान किया गया जिसकी वह अधिकारिणी थी,और है । आज हिन्दी-दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम आप सभी हिन्दी...आज की हिन्दी"जिसकी आँखों में लाचार सपने, जिसकी वाणी में अमृत-कलश है। उसको देखा तो फिर याद आया, देश में आज हिन्दी-दिवस है॥" -- ज्ञानचंद मर्मज्ञ मित्रों, सबसे पहले आपको और हिन्दी देवी को भी हिन्दी-दिवस की शुभ-कामनाएं। फ...
तकनीकी विस्तार ने हिन्दी की सीमा तोड़ीन्यूज चैनलों का भाषा प्रयोग पत्रकारिता में जिस तरह कन्टेंट को ही किंग माना जाता है। ठीक उसी तरह टीवी में विजुअल को कभी भाषा की दरकार होती नहीं है। लेकिन जब दौर चौबीस घंटे और सातों दिन न्यूज चैनल चलने का ह...चलो हिन्दीमय हो जायेंदोस्तों हिन्दी दिवस की सबको हार्दिक बधाइयाँ …………आज हिन्दी दिवस पर पढिये सबकी हिन्दी पर लिखी पोस्ट …………आज मैने अपनी कोई पोस्ट नही लगाई सोचा आप सबको यहीं अपने मन के उदगार पढवा देती हूँ। आओ बजाये हिंदी का...महान विभूतियों पर चित्रकथाएं, संपर्क करें छग पाठ्यपुस्तक निगम सेरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों की जीवन गाथा और उनके प्रेरक प्रसंगों पर आधारित चित्रकथा श्रृंखला के अन्तर्गत 20 विभूतियों की चित्रकथा पुस्तिकाओं सहित छत्तीसगढ़ी शब्दकोष का व...हिंदी मेरीदो- तिहाई विश्व की ललकार है हिंदी मेरी - माँ की लोरी व पिता का प्यार है हिंदी मेरी । बाँधने को बाँध लेते लोग दरिया अन्य से - पर भंवर का वेग वो विस्तार है हिंदी मेरी । सुर -तुलसी और मीरा के सगुन में...
आज की नई कविता का रूप सौन्दर्यहिन्दी दिवस पर आज के युग की कविता के बारे में लिखने का मन बना तो उसके दो रूप आँखों के सामने आ गए....अलंकारों से सजी छन्द युक्त कविता और अलंकार रहित छ्न्द मुक्त कविता...दोनों का ही अपना महत्व है.... ऐसा नह...दूरदर्शन पर हुए कवि सम्मलेन की कुछ तस्वीरेंआज सिर्फ कुछ तस्वीरें .....* *पिछली बार आद. राजेन्द्र जी की शिकायत थी कि मैंने झूठे **इंद्रजाल में उलझा दिया .....** देखिये उनकी टिपण्णी .....:)) आदरणीय दराल साहब ! आपको हीरजी की पिछली पोस्ट पर मुझसे ...गोल्डन टेम्पल अमृतसरगोल्डन टेम्पल भाग 4* *(नीव का पहला पत्थर रखवाते हुए --बाबा * *बुढ़ा**सिंह ) * * * * * अमृतसर के गोल्डन टेम्पल की नीव बाबा बुढ़ा सिंह ने एक मुसलमान मुरीद से रखवाई थी .. *गोल्डन टेम्पल* को *'हरमंदिर...आज हिन्दी दिवस पर शुभकामना आज हिन्दी दिवस है । इस अवसर पर सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को शुभकामनाएं ......... आइए , हम हर साल की तरह इस साल भी हिन्दी को पूरी तरह अस्तित्व में लाने तथा हिन्दी ब्लॉगिंग और ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रण लें । और ...
ज़िन्दगी एक मिस्ले सफ़र वर्मा जी के ब्लॉग पर उनका, उनकी बिटिया द्वारा लिया गया ख़ूबसूरत साक्षात्कार पढ़ा....और मुझे कुछ याद आया...कि मेरे ब्लॉगजगत में आने के कुछ ही दिनों बाद....कुलवंत हैपी जी ने अपने ब्लॉग पर एक श्रृंखला श...रोइए नहीं हाथ बढाइयेआज हिंदी दिवस है.और हर जगह हिंदी की ही बातें हो रही हैं .मैं आमतौर पर इस तरह के दिवस या आयोजनों पर लिखने से बचती हूँ पर आज कुछ कहे बिना रहा नहीं जा रहा.आमतौर पर हिंदी भाषा के लिए जितने भी आयोजन होते हैं ..घर की ओर बढ़ती नदीपिछले दिनों देश के अन्य हिस्सों में लगातार हो रही वर्षा के कारण नदी-तालाब लबालब भर गए थे और कई नदियॉं उफान पर थी। छत्तीसगढ़ में भी अन्य नदियों के साथ पहाड़ी और मैदानी इलाकों से शिवनाथ में भी लगातार ज..हे मानव... संध्या शर्मा*हे मानव...* * **हे **वेदों के रचनाकार* * पञ्च महाभूतों का विराट, विकराल रूप* * क्यों व्यथित है, व्याकुल क्यों है?* * हाथ फैलाकर बनता याचक क्यों है?* * हे मानव...* * तूने ही सूर्य को सूर्य कहा* * तब ...
12 टिप्पणियाँ:
हिन्दी दिवस पर इस हिन्दी विशेषांक का आना अच्छा लगा।
आपकी पोस्ट भी ब्लॉग जगत में मार्निंग वॉक की तरह ही आती है। जाहिर सी बात है, इससे इसमें शामिल हुए लेखकों को मार्निंग वॉक सा ही लाभ भी होगा।
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जै हिन्दी, जै ब्लॉगिंग।
आसमान में छेद हो गया....
हिन्दी दिवस पर हार्दिक सुबह कामनाएं |
आशा
गुजर गया हिंदी दिवस धूम धाम से ...
अच्छा संकलन ...
आभार !
"एक दिन का हिंदी -दिवस अब समाप्ति पर हैं ..धन्यवाद !" यही मानसिकता रह गई हैं अब हम सबकी ?
मेरी रचना को आखिर स्थान मिल ही गया ....धन्यवाद जी
सुन्दर
हम इतने सारे हिन्दीप्रेमी साथ साथ हैं....सबके प्रयास मिलकर नया रूप ले रहे हैं...हिन्दी को आगे बढ़ना ही पड़ेगा...और हम सब मिलकर इसे विकास के पथ पर बहुत आगे ले जायेंगे...
सच में इंटरनेट ने हिंदी का बहुत प्रसार किया है ।
हिंदी दिवस विशेषांक वार्ता.बहुत बढ़िया.
हिन्दी भाषा का दिवस, बना दिखावा आज।
अंग्रेजी रँग में रँगा, पूरा देश-समाज।१।
हिन्दी-डे कहने लगे, अंग्रेजी के भक्त।
निज भाषा से हो रहे, अपने लोग विरक्त।२।
बिन श्रद्धा के आज हम, मना रहे हैं श्राद्ध।
घर-घर बढ़ती जा रही, अंग्रेजी निर्बाध।३।
हिंदी दिवस पर अच्छे और रोचक लिंक से भरपूर सुन्दर वार्ता...
मेरी रचना को सराहने के लिए आभार आपका...
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