गुरुवार, 16 अगस्त 2012

स्वतंत्रता के बदलते मायने... ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

नमस्‍कार , 15 अगस्‍त 1947 को हमारे देश को स्वतंत्रता (आज़ादी).. मिली थी , अब कुछ भले ही कह दें कि आज़ादी नहीं, सत्ता के हस्तांतरण की संधि थी वो ,यह कैसी स्वतंत्रता ? पर इसे मानना मुश्किल है , अब देखिए कैसा था  स्वतंत्रता दिवस तब .........और अब........   उस वक्‍त की मसीही आज़ादी   पर भी नजर डालिए। आज  हमारी आज़ादी का पैंसठवा वर्ष पूरा हुआ और हम स्वतंत्रता दिवस मना सकते हैं...क्योंकि हम आज़ाद हैं । भले कोई कहता रहे कैसी स्वतंत्रता, कैसा जश्न? पर  देशभर में जश्न की लहर...  बनी रही। एक ब्‍लोगर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ देशभक्ति के गीत पोस्‍ट किए हैं , फिर भी बहुतों का चिंतन है कि अभी 'भारत' आज़ाद होना बाकी है.......       मनुष्‍य भला आजाद कैसे हो सकता है , आजाद तो पंछी हैं  हर वक्‍त खुला आसमान होता है उन्‍हें उडने के लिए। 
   
66वें स्वतंत्रता दिवस के पूर्व संध्या पर देश के 13वें राष्ट्रपति महामहिम श्री प्रणव मुखर्जी ने  लोकतांत्रिक संस्थाओं कोबचाने पर जोर दिया और अर्थ व्यवस्था के लक्ष्य बतौर समाजवादी जमाने की याद दिलाते हुए गरीबी उन्मूलन की सर्वोच्च प्राथमिकता तय की,  लोग पूछ रहे हैं ,  बांसुरी नई तो सुर पुराना क्‍यो ?       लोकतंत्र और भ्रष्टाचार  का ऐसा सहसंबंध नहीं होना चाहिए, संसद की पवित्रता बनी रहनी चाहिए। स्‍वतंत्र होने के बाद भी हमारा देश  गुलामी की ओर अग्रसरित हो रहा है।  ब्‍लोगरों के मध्‍य कम नहीं हो रहा  स्‍वतंत्रता दिवस चिंतन  ।। भारत के गुण... याद रखकर   हम अपनी ग़ुलामी की जंजीरें --- को काट सकते हैं। हमें चिंतन करना होगा कि   कहीं हम फिर से सन् 1947 के पीछे की तरफ तो नहीं जा रहे हैं? कल पीएम जी मर्ज़ तो गिना दिए दवा कहां है?   बिना दवा के तरक्‍की बहुत मुश्किल है।

 बचपन से ही स्वतंत्रता दिवस:याद का बोझ  ककम नहीं है लोगों के मनोमस्तिष्‍क में। स्व्तंत्रता दिवस की मेरी यादें कहीं प्रकाशित हुई हैं , तो कहीं कहीं तो ये है पंद्रह अगस्त ..... , हमें नहीं चाहिए ऐसी स्वतंत्रताआजादी के 65 साल और हम... कहां हैं आज ? आखिर हमें मिली है स्वतंत्रता .....या ......स्वतंत्रता का भ्रम  ? चिंतन आवश्‍यक है स्वतंत्रता @ 15 August 2012   आखिर  हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मानते हैं आज़ादी से कुछ सवाल ...... आवश्‍यक है     , कुछ पोते पोतियां याद कर रहे हैं मिस यू बाबा !   जो भी हो , आजादी का दिन है प्यारा..     , चाहे जब पूर्ण होंगे स्वाधीनता के मायने .....     नई परिभाषा से भी वरिष्ठ नागरिक हुई हमारी आज़ादी

 स्‍वतंत्रता-दिवस पर दिनकर-स्‍मरण करना आवश्‍यक है , सवाल स्वतंत्रता को लेकर...?   प्रतियोंगिता में स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों के चार भाषण पढकर बच्‍चों की प्रतिभा और जज्‍बे का अनुमान लगाया जा सकता है ,अब उन्‍हें सच बोलने की सजा  मिल जाए तो क्‍या किया जा सकता है ?  इसके बाद भी   ब्लॉग एडिटर का स्वतंत्र दिवस पर सन्देश  आया है , युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन के इतिहास से रूबरू करायें..., उन्‍हें बताएं कि सच्ची आजा़दी के लिए..  लडनेवाले   सावरकर आज भी है  , यह भी कि  कैरियर या राष्ट्र   में से महत्‍वपूर्ण कौन है ? ‘स्वतंत्रता’ या ‘इंडिपेंडेंस’? क्‍या चाहिए उन्‍हें?   केवल आजादी का जश्न मनाने से क्या होता हैं कामवाली को समझिये और उसका सम्मान करना भी सीखिये . अपने घर से शुरू करिये और देश में सुधार खुद होगा .    और  इस बदलाव का स्वागत कीजिए स्वतंत्रता दिवस पर विशेष   रूप से।   

 खैर आज जो भी है वतन , निराशाजनक स्थिति में नहीं है , इसमें सुधार की बहुत संभावनाएं बनी हुई हैं। वैसे समय के साथ स्वतंत्रता के बदलते मायने...।  माचिसों ने कैसे बयान की अपनी और आजाद हिंदुस्तान की कहानी! कुछ कहते हैं कि वास्तव में स्वतंत्रता नहीं आई  और कुछ को देखिए इनकी आजादी अभिशाप बन गयी |    इन्‍हों समझना चाहिए कि  आजादी का मन्तव्य क्या ?).................... हम इसे सही ढंग से समझ पाएं तभी  स्वतंत्रता-दिवस की सार्थकता /  रहेगी ,  झंडा ऊँचा रहेगा हमारा । 

7 टिप्पणियाँ:

संगीता जी, वक्‍त के साथ हर सोच बदल जाती है। चाहे वह कोई समाज हो चाहे अपनी प्‍यारी हिन्‍दी !
स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

स्वतंत्रता दिवस की पोस्टों से सुसज्जित सुंदर वार्ता के लिए आभार एवं शुभकामनाएं।

सुन्दर,सामायिक लिंक्स से सजी वार्ता...
शुक्रिया संगीता जी.

सादर
अनु

आज़ादी के रंग में रंगी सुन्दर वार्ता के लिए आभार संगीता जी...

इतने सारे लिंक्स
क्या बात है
बहुत बढिया वार्ता

प्रिय महोदय जी/डियर सर जी..., मुझे आपकी मदद /सहायता चाहिए ..यदि आप ठीक समझे...
प्लीज, मुझे गाईड/मार्गदर्शन दीजियेगा की में अपने ब्लोग्स को और बेहतर /यूजफुल केसे बना सकता हूँ .??
उनमे और क्या-क्या जोड़ सकता हूँ..जेसे विजेट्स या अन्य सामग्री..

आभारी रहूँगा...धन्यवाद..प्रतीक्षारत...

Thank you very much .

पंडित दयानन्द शास्त्री

Mob.--

---09411190067(UTTARAKHAND);;
---09024390067(RAJASTHAN);;
--- 09711060179(DELHI);;

----vastushastri08@gmail.com;
----vastushastri08@rediffmail.com;
----vastushastri08@hotmail.com;

My Blogs ----

----1.- http://vinayakvaastutimes.blogspot.in/?m=1/;;;;
--- 2.- https://vinayakvaastutimes.wordpress.com/?m=1//;;;
--- 3.- http://vaastupragya.blogspot.in/?m=1...;;;
---4.-http://jyoteeshpragya.blogspot.in/?m=1...;;;
---5.-http://bhavishykathan.blogspot.in/
प्रिय मित्रो. आप सभी मेरे ब्लोग्स पर जाकर/ फोलो करके - शेयर करके - जानकारी प्राप्त कर सकते हे---- नए लेख आदि भी पढ़ सकते हे..... धन्यवाद...प्रतीक्षारत....

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More