संध्या शर्मा का नमस्कार... सुबह आती है तो पूर्वी क्षितिज पर काले अंधकार को चीरती लालिमा दिखाई देने लगती जो पूरा दिन स्फूर्ति से भर देती है, फिर धीरे-धीरे शाम होती है तो लगता है, जीवन का एक शिखर रूपी एक दिन और ढल गया और हम इंतजार करने लगते हैं, एक नई सुबह का, निरंतर चलता रहता है यही सिलसिला... आइये इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए चलते हैं आज की वार्ता पर, मेरी पसंद के कुछ लिंक्स के साथ...
तुम्हारी ही तो ज़िद थी, इश्क़ मेरा आज़माओगे..सनम, ग़र तुम क़दम इस राह पर, यूंही बढ़ाओगे, भरोसा इश्क़ से, सारे ज़माने का उठाओगे.. ख़ुदा हद बेवफ़ाई की, बना सकता तो था लेकिन, उसे मालूम था, क्या फ़ायदा, तुम पार जाओगे.. वो सारे ख़त, सभी तोह्फ़े, जला डाले...नाज़ुक दिल *नाज़ुक दिल । (गीत)* * * * * * * *नाज़ुक दिल तोड़ने का, उसे भी अहसास था ।* * * *वो ज़ालिम यहीं - कहीं, मेरे ही आसपास था ।*सम्वेदना की नम धरा पर एक रात अपने जीवन की ** चिर पुरातन स्मृति मंजूषा में संग्रहित खट्टे मीठे अनुभवों के ढेर सारे बीज मुझेअनायास ही मिल गये ! लेकिन अल्पज्ञ हूँ ना नहीं जानती थी कौन सा बीज किस फूल का है ! ...
श्रीमद्भगवद्गीता-भाव पद्यानुवाद चंचल मन हो कर आकर्षित, जब विचलित हो इधर उधर. लौटा कर के उसे वहाँ से, उसे आत्म में ही स्थिर कर. (२६) रज गुण से जो मुक्त हो गया, पूर्ण शान्त उसका मन होता. है पाप रहित ऐसा... उपहार प्रकृति के नव निधि आठों सिद्धि छिपी इस वृह्द वितान में जब भी जलधर खुश हो झूमें रिमझिम बरखा बरसे धरती अवगाहन करती अपनी प्रसन्नता बिखेरती हरियाली के रूप में | नदियां नाले हो जल प्लावित बहकते ,उफनते उद्द्वेलित हु... आश्वासनों और उम्मीदों का सब्जबाग ही आजादी नहीं! उडीसा के एक ग्राम पंचायत में 15 अगस्त को नक्सलियो द्वारा फहराया गया काला झंडा भय और दहशत के बीच पूरे जोशो-खरोश के साथ देश ने अपना 65 वां जन्मदिन मनाया। विचारणीय विषय है कि आजादी के इतने साल हो जाने के बा...
मेरी लेखनी क्यूं कुंठित हुइ जा रही *मेरी लेखनी क्यूं कुंठित हुइ जा रही * तुझे कागज़ की कोरी पन्नी क्यूं नही भा रही सोचती क्या दिन-रात तू तेरी उकेरी चंद पंक्तियाँ क्यूं जन -आशीष नहीं पा रही शब्द सागर भंवर जाल में व्यर्थ डूबती क्य...क्यों रक्त बह रहा है, मेरे देश वासियो? स्वतन्त्रता दिवस के पावन अवसर पर देश-वासियों को विलम्बित हार्दिक बधाई। तकनीकी कारणों से पोस्ट विलम्बित हुआ। अत: इस विलम्बित बधाई के लिये अत्यन्त विनम्रता पूर्वक क्षमा-याचना सहित प्रस्तुत है बस्तर के रचन... ( rashifal ) क्या करें क्या न करें 16और 17 अगस्त 2012 को ?? मेष लग्नवालों के लिए 16 और 17 अगस्त 2012 को भाई , बहन , बंधु बांधवों का महत्व बढेगा , उनके कार्यक्रमों के साथ तालमेल बैठाने की आवश्यकता पड सकती है। प्रभावशाली लोगों से संबंध की मजबूती बनेगी। कुछ झंझटों ...
मनमोहन सिंह जी की व्यथा - व्यंग पंद्रह अगस्त का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज के दिन हीं देश आज़ाद हुआ था और आज के दिन हीं हम अपने प्रधान मंत्री जी को बोलते हुए देख पाते हैं, भाषण देते हुए। आज सारे देश में हर्ष और उल्लास है, लेकिन मनमोहन सि... लाल.... *तज दियो है लाल रंग ,* *उजलों ही अब भाए रे ,* *धूल धूसर में भी लाग्यो रे चोखा ,* *म्याहरे शिव भी उसमे समाये रे ,* *सब रंगों का है एक रंग ये ,* *उजलों ही अब भाए रे .....* *हाँ –* *उजलों ही अब भाए रे ... सच बोलने की सजा .स्वतंत्रता दिवस पर टीचर ने निबंध लिखने को दिया . सभी बच्चों ने निबंध लिखा और पास हो गए सिर्फ एक बच्चा फेल हो गया क्योंकि उसने लिखा था -------- स्वतंत्रता दिवस पर हमारे प्रधानमंत्री लालकिले पर तिरंगा फहरा.....
अधूरी क्रांति ....पूरा स्वप्न - भ्रष्टाचार को मिटाने की आस लिए जनता की आँखों की चमक बढ़ रही है ...अब तो सब सही होकर ही रहेगा ....इतने में फिर दृश्य बदल जाता है ....!... तुम लम्हा हो कि खामोशी ??? - तुम लम्हा हो कि खामोशी पूछ लिया जब उसने दर्दे दिल भी मुस्कुराकर सिमट गया खुद मे ढूँढती हूँ खुद मे लम्हों का सफ़र बूझती हूँ खुद से खामोशी का कहर ना लम्... .क़त्ल........ - *क़त्ल........* *कई बार हमारे ज़ज्बातों का * *क़त्ल हो जाता है किसी के हाथों * *और न हम इलज़ाम दे पाते हैं,* *न कातिल को ही इल्म होता है* *कि उसने क़त्ल क...
" डरो-मत , मुकाबला करो,इन दंगाइयों का " !! - * मुकाबला करने वाले सभी मित्रों को मेरा झुक कर सलाम !! ** ... महफूज ... - मत मारो, तुम मत पकड़ो, उन सत्ता के दामादों को भले चाहे वो तोड़ के रख दें, अहिंसा की दीवारों को ? ... हे 'सांई', महफूज रखना तू मेरे दिल का जहाँ वहा... कुछ तो है बात जो तहरीरो मे तासीर नहीं ... - लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के समक्ष उपस्थित समस्याओं का उल्लेख करते हुए उनका सामना करने की जो प्रतिबद्धता व्यक्त की उसमें कुछ भ...
....
11 टिप्पणियाँ:
आपकी च्वाइस तो शानदार ही होती है |दोपहर के लिए कई बहुआयामीं लिंक्स दे दी है |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार संध्या जी |
आशा
Sandhya ji...
Aapka aalekh padhte hi laga jaise vividh bharti ka stn khola ho... Vividh rangon ke links ko aapne apni lekhni ke jadu main maala ki tarah aisa piroya hai ki hum mantr mugdh ho gaye hain.... Eshwar aapki lekhni ko sada yun hi pravahit karta rahe...
Sadar..
Deepak Shukla..
खुबसूरत सूर्योदय के साथ आज की वार्ता का आनंद ही कुछ और है। स्वागत है गरम-गरम चाय के साथ।
विविध रंगों से सजी हुई वार्ता के लिए आभार।
मेरे कार्टून को सम्मिलित करने के लिए भी आभार
बहुत ही अच्छे लिंक्स ... बेहतरीन प्रस्तुति
आपका बहुत बहुत आभार मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिए !
बहुत ही अच्छे लिंक्स ...
बहुत ही रोचक लिंक संयोजन्………उम्दा वार्ता
बढिया लिंक्स
अच्छी वार्ता
रोचक लिंक्स एवं सार्थक वार्ता संध्या जी ! मेरी रचना को इसमें स्थान देने के लिये आपका बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद !
बहुत ही सुन्दर सूत्र..
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी में किसी भी तरह का लिंक न लगाएं।
लिंक लगाने पर आपकी टिप्पणी हटा दी जाएगी।