गुरुवार, 30 अगस्त 2012

कसाब को मौत की सज़ा माफी के काबिल नहीं...ब्लॉग4वार्ता....संध्या शर्मा

संध्या शर्मा का नमस्कार..सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी अजमल आमिर कसाब की मौत की सजा को बरकरार रखा। बुधवार को जस्टिस आफताब आलम एवं जस्टिस सीके प्रसाद की पीठ ने कसाब को भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराते हुए कहा कि उसे मौत के अलावा कोई दूसरी सजा नहीं दी जा सकती। कसाब माफी के काबिल नहीं है क्योंकि वह भारत और भारतीयों के खिलाफ हमले में शामिल था जिसका मकसद देश में अस्थिरता पैदा कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था।  26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। हमले के लिए पाकिस्तान से आए दस आतंकवादियों में से नौ सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे, जबकि एकमात्र कसाब को जीवित गिरफ्तार किया गया था। खंडपीठ ने कसाब की अपील खारिज करते हुए मुंबई हाई कोर्ट और विशेष अदालत के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी... आइये अब चलते हैं आज की ब्लॉग वार्ता पर चुनकर लायें हैं कुछ खास लिंक्स आपके लिए... 

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आधा कम्बल....... - किसी गाँव में एक व्यक्ति अपने पत्नी और अपने इकलौते बेटे के साथ रहा करता था । अचानक एक दुर्घटना में उसकी पत्नी की मृत्यू हो गयी । कुछ दिन गुजरने के पश्च...१६६ क़त्ल करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को फांसी - देर आया लेकिन दुरुस्त आया ! आखिर कसाब को फांसी की सजा सुना ही दी गयी ! सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी ! अभी हमारे देश में न्याय ज़िंदा ह... निंदक, बिगाड़, ईमान और कबीर - हमलोग जब छोटा थे तब का समय अऊर आज का समय मेँ जमीन-आसमान का फरक हो गया है. पढाई-लिखाई का सिस्टम भी बदल गया है. जहाँ एक तरफ हिन्दी के किताब मेँ नज़ीर अकबराब... 

लोरी शिशु के लिए मां की दुलार भरी मुस्कान की छुअन है - * **लोरी शिशु के लिए मां की दुलार भरी मुस्कान की छुअन है*** (*लोरी माँ के अछोर आनंद का गीत गुंजार है जो जन्मस्थ शिशु से लेकर शिशु के बालपन तक उसके हृदय म... कुछ अनकहा सा...... - * * * * *कुछ अनक**हा सा .....* * * *कई बार मन में* *शब्द उमड़-घुमड़ के* *जुड़ते से चले जाते हैं* *अपने आप ही,* *और अनजाना सा अनमना सा * *कुछ बन जाता है ...  तरंगें - उपजती तरंगें मस्तिष्क में कभी नष्ट नहीं होतीं घूमती इर्द गिर्द होती प्रसारित दूसरों को बनती माध्यम सोच का जो जैसा मन में सोचता वही प्रतिउत्तर पाता ...

 ढेर हूँ मैं मिटटी से बना - ● *ढेर हूँ मैं मिटटी से बना* ● *(1)* ढेर हूँ मैं मिटटी से बना, भूल मुझे, मेरी भूल को वजह बना, छोड़ बिखरता, परवाज यहाँ-वहाँ, चल दिए उठकर तुम जाने किस राह?... अब तो मौत को भी मैं तेरे संग ही गले लगाऊंगी - मुहब्बत का जब दौर चलेगा तेरी आँखों में बस जाऊंगी!! जब सामने न होउंगी मैं, तब तुम्हे याद बहुत.....आऊंगी तुम्हारी छाया हूँ मैं, कैसे भूल पाओगे तुम ये....ख़ामोशी - *आज मैं हूँ तो मेरी ख़ामोशी के अफ़साने हैं कल इन लफ़्ज़ों में ढूँढोगे मेरी ख़ामोशी को ..!!......

तुम सम कौन कुटिल, खल, लम्पट?!! - तुम सम कौन कुटिल, खल, लम्पट?!! क्या हममें से अधिकांश लंपट हैं**???* आज अख़बार में छपे एक रपट पर नज़र पड़ी, जिसका शीर्षक है – *“**ब्लॉग ...फूलों से कहती हूँ..... - तुम्हारी ऊँची-ऊँची आसमानी उड़ानों के नीचे, छोटी-छोटी मेरी रोज़मर्रा कि खुशियाँ कुचल जातीं हैं...... उन कुचली हुई खुशियों को जोड़-जोड़कर, मिला-मिलIकर,...यहाँ तो सावन भादों को बरसते एक उम्र गुजर गयी - बरसात के बाद भी थमी नहीं मेरी रूह बरसती ही रही हर मीनार पर हर दीवार पर हर कब्रगाह पर हर ऐतबार पर हर इंतजार पर जरूरी तो नहीं ना हर रूह पर छाँव हो जाए और वो ...

अब एक कार्टून ....

http://www.bihardays.com/wp-content/uploads/2011/07/cartoon-pawan.jpg

 
अगली वार्ता तक के लिए दीजिये इजाज़त नमस्कार.....

9 टिप्पणियाँ:

दुष्ट को सजा मिलना ही चाहिए |सजा के प्रति नरमी नहीं बरती जाना चाहिए |अच्छी लिंक्स दी हैं आज संध्या जी |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा

रोचक सूत्र, यह नशा घातक है..

बढ़िया वार्ता .... कार्टून ज़बरदस्त है


१६६ क़त्ल करने वाला भी क्षमा की याचना कर सकता है ? अरे डूब मरना चाहिए चुल्लू भर पानी में ! राष्ट्रपति क्या बलात्कारियों और आतंकवादिओं को क्षमा करने के लिए होता है ? गुनाह करते समय जिनके दिल में दया नहीं आती वे दया की उम्मीद रख भी कैसे सकते हैं ? जो इन्हें माफ़ करेगा वह इनसे भी बड़ा गुनाहगार होगा !

बेहतरीन लिंक्‍स लिये बढि़या वार्ता

बहुत अच्‍छे अच्‍छे लिंक्‍स ..

सुंदर वार्ता के लिए आपका आभार !!

बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं ………रोचक वार्ता

संध्‍या जी, बहुत ही रोचक एवं उपयोगी लिंक्‍स मुहयया कराए हैं आपने, आभार।
............
आश्‍चर्यजनक किन्‍तु सत्‍य! हिन्‍दी ब्‍लॉगर सम्‍मेलन : अंग्रेजी अखबार के पहले पन्‍ने की पहली खबर!

बढिया वार्ता संध्या जी, आभार। कसाब को फ़ाँसी की सजा सुना तो दी है, पर अमल होने के दिन की प्रतीक्षा है।

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