गुरुवार, 9 अगस्त 2012

इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं .. ब्‍लॉग4वार्ता .. संगीता पुरी

आप सबों को संगीता पुरी का नमस्‍कार, कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव के गुरुवार से शुरू होने वाले आंदोलन के लिए रामलीला मैदान में बुधवार को तैयारी पूरी कर ली गई। उनके सहयोगियों को देशभर से हजारों लोगों के दिल्ली में जुटने की उम्मीद है। उनका कहना है कि उनकी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं है, कोई राजनीतिक मिशन या राजनीतिक एजेंडा नहीं है। हमारा एकमात्र मिशन कालाधन लाकर देश को बचाना है। यदि ऐसा हो पाता है तो हमारी  खुशनसीबी होगी। इस खबर के बाद आपको लिए चलते हैं कुछ महत्‍वपूर्ण लिंक्‍स की ओर ....


दिल्ली से जैसलमेर और मुनाबाव एक रेल यात्रा याद आ रही है। इसका मैंने आज तक कभी भी जिक्र नहीं किया है। यह चार दिनों की यात्रा थी और इसमें चारों दिन पैसेंजर ट्रेनों में ही रहना था। सबसे बडी बात है कि इसके फोटो भी हैं मेरे पास। दिल्ली से ...SAHARANPUR TO DEHRADUN सहारनपुर से देहरादून मार्ग विवरणट्रेन अपनी गति से चली जा रही थी और मैं अपनी मस्ती में खोया हुआ था। अपने वाले दिल्ली-लोनी-बागपत वाले रेल मार्ग पर जब बागपत रोड नाम की जगह आती है तो पहले-पहले मैं इसी स्टेशन को बागपत शहर समझा करता था। लेकिन...इक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहींइक रास्ता है ज़िन्दगी जो थम गए तो कुछ नहीं ये क़दम किसी मुक़ाम पे जो थम गए तो कुछ नहीं इक रास्ता है ज़िन्दगी .. बहुत सुंदर गीत है साहेब, जो थम गये तो कुछ नहीं, हमारा जीवन यात्रा ही तो है... 

माँ... संध्या शर्मा यह कविता नहीं, कुछ बाते हैं, जो कहना चाहती हूँ, शायद मैं ठीक से कह भी नहीं सकी... मेरी माँ अर्धमूर्छित अवस्था में भी हमारी चिंता करती बस यही कहती बेटा मिलजुलकर रहना छोटी बहन की शादी करना भाई के लिए...माँ इश्वर की अत्युत्तम कृति* * माँ इश्वर की अत्युत्तम कृति माँ से सुन्दर कोई नहीं संतान निरंतर रूठती रहती माँ नहीं रूठती संतान कष्ट देती माँ सहती रहती रुष्ट नहीं होती अपने से अधिक संतान को चाहती माँ इश्वर का रूप होती जब तक रहती सं...हालातों के बीच अपनी जिंदादिली ...दम तोड़ते हुए उन ख्‍वाबों को तुमने दफ़ना तो दिया होगा, दफ़न करके फिर उनको सर अपना झुका तो दिया होगा । कोशिशों का चऱाग हवाओं की जिद में भी जल रहा था जो, हवाओं की जिद़ से तुमने उसे वाकि़फ करा तो दिया होगा ।
 

एक है गुज्‍जु नरेंद्र मोदीआंख देश के सिंहासन पर, मगर निगाह जनता की ओर, पूरे हिन्‍दुस्‍तान में ऐसा एक ही व्‍यक्‍ितत्‍व है नरेंद्र मोदी। भले ही भाजपा का अस्‍ितत्‍व खतरे में हो, भले ही भाजपा का कद्दवार नेता लालकृष्‍ण आडवानी किसी गैर ...जासूस की जासूसी[image: Spy] इ न्सान शुरू से बेहद फ़ितनासिफ़त रहा है । उसे सब कुछ जानना है । एक ओर धरती के पेट में क्या है, यह जानने और फिर उसे निकालने में वह दिन-रात एक किए रहता है, दूसरी तरफ़ चांद-सितारों के पार क्या ह...सुख और दु:ख के कीमती पल...जीवन में, सुखों और दुखों के बीच बिताए सुहाने पलों की खुमारी वाईन की खुमारी से बेहतर है ऐसा नशा चढ़ता है कि होश ही नहीं रहता कभी देखे हैं तुमने जीवन के इंद्र धनुषी रंग... इनसे बिछड़कर जाने का मन नहीं होता

क्यूं घुटती हैं फ़िज़ाएंब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी ‘नेशनल स्टडी ऑफ़ डेथ (इंडिया)’ 2010 के अनुसार एक पढ़े लिखे मर्द में आत्महत्या करने की गुंजाइश 46 प्रतिशत होती है. वहीं एक पढ़ी-लिखी महिला के लिये ये गुंजाइश बढ़ कर 90 प्रतिशत तक ...निर्माण का आधार !औरों की बात तो मैं नहीं जानती लेकिन अपने बारे में निश्चित तौर पर कह सकती हूँ कि किसी भी रचना की नींव कभी एक दिन में नहीं रखी जाती है. हाँ कविता के विषय में...गुटखादेखो जिधर भी दीवारों पर चित्र गंदे थूक के उभरे हैं गुटकापान खाने वालों ने अपने मुँह से सृजा हैं खुद बर्बाद किया तन को अवसाद को खुद न्योता है अपनी कब्र का सामान अपने हाथों ही ब्योंता है ।

काली चमड़ी के कारण आँखों और गर्दनों पर असर और वजन बढ़नाजून महीने में जब पहली बार सऊदी आये थे तो अप्रत्याशित तरीके से २ किलो बजन बढ़ गया था, इस बार अभी तक २०० ग्राम तो बड़ ही चुका है, जबकि यहाँ आने के बाद व्यायाम ज्यादा कर रहे हैं। यहाँ के खाने में हो सकता है ...चालीस के बाद गॉलब्लैडर की नियमित जांच करायेंगालब्लैडर स्टोन यानी पित्त की थैली में पथरी, आम बीमारी हो गई है। देश में अधिक दूध और दुग्ध उत्पाद का प्रयोग करने वाले राज्यों में यह बीमारी ज्यादा होती है। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड, हरियाण...जब नींद ना आये....जब नींद ना आये और ना आयें ख्वाब भी ना ही किसी का इंतज़ार भी ह़ो बाकी ....ना किताबों में सुकून के मिलें अक्षर ना कविता ही मन को आये रास बस अपना खुद हो खुद के पास ना कोई आये ना कोई जाये तो क्या किया जाये? कि...


इंडियन एक्सप्रेस कोलकाता की नई आफिसयह दृश्य मेरी आफिस के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ६ की है। आफिस की छत से इंडियन एक्सप्रेस के फोटोग्राफर पार्थ पाल द्वारा खींची गई यह फोटो उस समय की है जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रास्...शीर्षकहीनमंत्रिमंडल में नंबर दो की जगह देने, और फिर छीन लेने से शरद पवार का आहत होना स्वाभाविक था। सवाल है कि अगर मराठा क्षत्रप को यह जगह नहीं देनी थी, तो प्रणब मुखर्जी की विदाई के पश्चात पहली कैबिनेट बैठक में उन्ह...फिर लौटकर आयी किसानो की उम्मीद बारिश,बगड़एक तो पहले की इस वर्ष बारिश देर से हुई और फिर बुआई करने के बाद काफी दिनों तक बारिश नहीं हुई तो किसानों का मनोबल टूटने लगा और मनोबल भी क्यों न टुटे बेचारे किसानों ने इस वर्ष ग्वार के चढ़ते भावों को देखकर अप...


प्रेम जो बन जाता है भक्तिजुलाई २००३ *भक्त* के हृदय में पूर्ण विश्वास होता है कि ईश्वर उससे प्रेम करता है. परमात्मा के वचन उसे बदल देते हैं. वह अनंत है और उसकी महिमा अवर्णनीय है, वह इतना महान है फिर भी वह भक्त को इस योग्य समझता ह...रैदास के पदप्रभु जी तुम संगति सरन तिहारी।जग-जीवन राम मुरारी॥ गली-गली को जल बहि आयो, सुरसरि जाय समायो। संगति के परताप महातम, नाम गंगोदक पायो॥ स्वाति बूँद बरसे फनि ऊपर, सोई विष होइ जाई।एक वित्ता जमीन ...........>>> संजय कुमारवो कंजी आँखों वाला *" चीकू "* चुलबुला नटखट चीकू जब भी पड़ोस में अपनी नानी के घर आता मेरा साथ उसे बड़ा भाता था तो मुझसे छोटा पर था एकदम खोटा अरे इतना बतियाता मेरे सिर को खाता मैं डांट लगाती
 



आज के लिए बस इतना ही .. मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ..

10 टिप्पणियाँ:

इस बार सहारनपुर से देहरादून की यात्रा आनन्‍ददायक रही।

बहुत ही सुन्दर कड़ियों को जोडकर एक मुक्ताहार बनाया हिया आपने!!

सुन्दर सूत्र पिरोये हैं..

बहुत सुन्दर वार्ता ! अच्छे एवं पठनीय सूत्र ! आभार !

बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति... आभार

बहुत ही सुन्दर व पठनीय लिंक संकलन... आपका बहुत-बहुत आभार एवं धन्यवाद संगीता जी...

बहुत सुन्दर लिंक :)

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