संध्या शर्मा का नमस्कार...सुनहरी भोर के साथ स्वागत है आप सभी का. आइये आज एक सुविचार पर विचार करते हुए चलें आज की वार्ता पर कुछ अलग-अलग रंग लिए हुए लिंक्स के साथ.... "रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं ज़िन्दगी के इस सफ़र में, मंजिल तो वही है जहाँ ख्वाहिशें थम जाएँ" ये भी जीवन का एक रूप ही है, न रास्ते ख़त्म होते हैं, न ख्वाहिशे थमती हैं, जिंदगी अपनी रफ़्तार से चलती रहती है, और कब मजिल तक पहुँच गए पता भी नहीं चलता...
तुम्हारी मुस्कान की बर्फ गिर रही है मेरे दिल पर - रूसी किसान दंपत्ति की संतान सेर्गेई येसेनिन २१ सितम्बर १८९५ को जन्मे थे. सत्रह के होने पर वे मॉस्को चले गए जहां उन्होंने बतौर प्रूफरीडर काम करना शुरू किया. ...ऐसे सबक हम क्यों नहीं लेना चाहते? - * ऐसा ही एक करीबी देश है जापान। जिसके लोगों की देश भक्ती, मेहनत, लगन तथा तरक्की का कोई सानी नहीं है। काश हम उससे कोई सबक ले पाते। * अभी कुछ दिनों पहले ...सांप सीढ़ी - कभी निन्यानवे पे गोटी हो लग रहा हो मंजिल दूर नहीं तभी अचानक किसी दूसरे को मिल जाती है सीढ़ी और वो नीचे से सीधा चढ के आता है करीब में कहीं और किस्मत ने उसे ...
झण्डा ऊँचा रहे हमारा - झण्डा ऊँचा रहे हमारा स्वतन्त्रता दिवस था, सुबह सर ऊँचा कर भारत के झण्डे के सामने राष्ट्रगान का सस्वर पाठ किया था। जब भी राष्ट्रगान बजता है, दृष्टि स्वतः ... तिनका-तिनका...है रोशनी से जैसे भरा... - एक गीत यूं ही गुनगुना लिया....तिनका तिनका... अच्छा तो नहीं है ...चल जाएगा...:-) हाँ तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे . . . - तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे हाँ तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे संग संग तुम भी गुनगुनाओगे हाँ तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे हाँ ...
एक नई भोर - एक नई भोर हुई सी .... ये दिल भरा भरा सा इस दुनिया की चालों से डरा डरा सा ,अनजानी राहों पे फिर भी कदम बढ़ रहे मंजिल की ओर | मुख मद्धम मद्धम आँखों की ... गोरैया बचाओ - उस कार्य से मोहब्बत करो जिससे तुम्हें सुकून मिले कुछ शान्ति का अनुभाव हो कुछ करने का अहसास जगे | गौरैया बचाओ दाना चिड़ियों को खिलाओ पक्षिओं से प्यार क... जख्म,,, - जख्म जब तेरी याद आई आँखों में आँसू आ गये, तुम्हारी खातिर हँसते-हँसते जख्म खा गये! न दिन को चैन रहा न रात को नीद आई, जिसके लिए जंग छेडा वो गैरों को भा गई!...
पाली के शिव मंदिर की मिथुन मूर्तियाँ--- रतनपुर दुर्ग का मोतीपुर द्वार बिलासपुर से रतनपुर होते हुए अंबिकापुर जाने वाले मार्ग पर ५० किलोमीटर दूरी पर उत्तरपूर्व में पाली स्थित है। वेरना सर्पीले रास्त... ..प्यार की कोई उम्र नहीं होती 'शिरीं फरहाद' - बड़ी स्क्रीन पर अब तक हम युवा दिलों का मिलन देखते आए हैं, मगर पहली बार निर्देशिका बेला सहगल ने शिरीं फरहाद की तो निकली पड़ी के जरिए चालीस के प्यार की लव...हम बोले तो ...... - हम बोले तो बडबोले वे बोले, वाह, क्या बोले ! कौन किसी की सुनता है, सब अपनी अपनी बोले । उनसे कल क्या बात हुई, जो तेरा तन मन डोले । काम गती पकडे कैसे, ग..
मुझे मत ढूँढना... - मुझे इन पन्नो पर मत ढूँढना, यहाँ तो केवल मेरे कुछ पुराने शब्द पड़े हैं वो शब्द जो मैं अक्सर इस्तेमाल कर किया करता था, वो शब्द जो कभी बयान करते थे मेरी खामो..मैंने हार अभी न मानी - धूल धूसरित चाहे तन हो, रोटी चाहे मिली हो आधी. मैंने हार अभी न मानी, जिजीविषा अब भी है बाकी. सोने को बिस्तर क्या होता, सिर पर कभी न छत है देखी. उलझे बाल हैं... इंटरनेट की राजनीतिक भूमिका को समझिए - सरकार गरीबों को मुफ्त मोबाइल देगी या नहीं, इस पर अंतिम फैसला तो होना अभी बाकी है, पर हकीकत यह है पंजाब से तमिलनाडु तक सूचना प्रौद्योगिकी देश की राजनीति मे...
चलते-चलते देखिये और सुनिए मेरी पसंद का एक गीत- भीनी-भीनी भोर आई.....
इसके साथ देते हैं वार्ता को विराम नमस्कार.........
5 टिप्पणियाँ:
आज का गाना बहुत ही अच्छा लगा |कई लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए के आभार |
\आशा
सुंदर वार्ता ..
अच्छे अच्छे लिंक्स मिले ..
आभार संध्या जी !!
बहुत ही रोचक वार्ता पढ़वाने का आभार..
Thanks for providing great links.
रोचक वार्ता
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